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Banka LS Seat : जमुई के सात लोग बांका लोकसभा से 13 बार रहे सांसद, जानिए

ज्ञात हो कि जमुई पहले मुंगेर एवं बांका संसदीय क्षेत्र का हिस्सा रहा है। इस कारण जमुई के नेताओं ने बांका को अपना कर्मभूमि बनाया।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 03:18 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 03:18 PM (IST)
Banka LS Seat : जमुई के सात लोग बांका लोकसभा से 13 बार रहे सांसद, जानिए

भागलपुर/बांका [बिजेन्द्र कुमार राजबंधु]। बांका की सियासत से जमुई और मुंगेर जिले का गहरा नाता रहा है। जमुई निवासी चन्द्रशेखर सिंह, दिग्विजय सिंह सहित सात लोग बांका के 13 बार सांसद रहे हैं। इस बार भी संयोग इस संसदीय क्षेत्र के तीन प्रमुख उम्मीदवारों का नाता जुमई से है। अगर जदयू के गिरिधारी यादव, राजद के जयप्रकाश नारायण यादव एवं निर्दलीय पुतुल कुमारी में से कोई एक चुनाव जीतती हैं तो पुन: जमुई का नाम रौशन होगा। यह बता दें कि जदयू प्रत्याशी गिरिधारी यादव का घर पूर्व में जुमई जिला ही था। कालांन्तर में उन्होंने अपना घर बांका जिले में बना लिया है। जबकि राजद उम्मीदवार जयप्रकाश एवं निर्दलीय पुतुल कुमारी जमुई की रहने वाले हैं।

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जमुई निवासी तीनों प्रमुख उम्मीदवार

ज्ञात हो कि जमुई पहले मुंगेर एवं बांका संसदीय क्षेत्र का हिस्सा रहा है। इस कारण जमुई के नेताओं ने बांका को अपना कर्मभूमि बनाया। वैसे, नए परिसीमन 2009 में जमुई संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में आया भी तो उक्त क्षेत्र एससी के लिए सुरक्षित हो गया। इस कारण वहां के नेता मुंगेर एवं बांका में चुनाव लड़ते रहे।

जमुई निवासी चन्द्रशेखर सिंह पहली बार 1980 में कांग्रेस से बांका के सांसद बने थे। इसके बाद 1983 में राज्य के मुख्यमंत्री बनने पर लोक सभा से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद पत्नी मनोरमा सिंह उपचुनाव में 1984 में सांसद बनीं थीं। 1985 के संसदीय चुनाव में फिर चन्द्रशेखर सिंह यहां से चुनाव जीते थे। लेकिन उनके निधन के बाद 1986 में हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी मनोरमा सिंह चुनाव जीतीं। वहीं, 1989 के हुए चुनाव में प्रताप सिंह जनता दल की टिकट से चुनाव जीते थे। प्रताप भी जमुई के रहने वाले थे। प्रताप सिंह 1991 के चुनाव में भी सांसद बने थे। सियासत का पीछा जमुई ने यहीं नहीं छोड़ा।

1996 के चुनाव में राजद के गिरिधारी यादव चुनाव जीते। उन्होंने दूसरी बार भी 2004 के चुनाव में जीत दर्ज की थी। वहीं, 1998 के चुनाव में पहली बार समता पार्टी से दिग्विजय सिंह चुनाव जीते थे। उन्होंने 1999 एवं 2009 में निर्दलीय चुनाव जीते थे। उनके निधन के बाद उनकी पत्नी पुतुल कुमारी 2010 के चुनाव में बतौर निर्दलीय बांका की सांसद बनीं। 2014 के चुनाव में राजद से जयप्रकाश नारायण यादव ने पुतुल को हराकर बांका पर कब्जा जमाया। ज्ञात हो कि इसके पूर्व जयप्रकाश मुंगेर के भी सांसद रहे थे। वहीं, चन्द्रशेखर सिंह की पत्नी मनोरमा सिंह का मायका मुंगेर जिले के बरियारपुर प्रखंड के कल्याणपुर गांव है। इस कारण बांका से नाता मुंगेर एवं जमुई का पुराना रहा है।


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