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    बिहारः स्टेशन पर टूटा बेटी को इंजीनियर बनते देखने का सपना, बढ़ती रही ट्रेन, टूटती गई सांसें

    By Dilip Kumar shuklaEdited By:
    Updated: Mon, 08 Feb 2021 03:55 PM (IST)

    जमुई रेलवे स्टेशन पर बेटी को ट्रेन पर चढऩे के दौरान एक प्रोफेसर की मौत हृदयगति रुकने से हो गई। मृतक की पहचान मुंगेर जिले के दरियापुर निवासी सुनील प्रसाद मोदी के रूप में हुई है। सुनील लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा जनता महाविद्यालय में प्रोफसर थे।

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    मुंगेर जिले के दरियापुर निवासी सुनील प्रसाद मोदी की हो गई मौत। वे जनता कॉलेज सूर्यगढ़ा में प्रोफेसर थे।

    जागरण संवाददाता, जमुई। जिसने भी बिहार के जमुई रेलवे स्टेशन को वो मंजर देखा होगा, जिंदगीभर नहीं भूलेगा। रूह कंपा देने वाली घटना। आखिर 59 वर्ष का बाप अपनी बेटी के लिए इतना कुछ कर सकता है। बेटी को स्टेशन छोड़ने आए प्रोफेसर सुनील प्रसाद मोदी की एक जिद का परिणाम मौत तक पहुंच गया। जमुई रेलवे स्टेशन पर बीमार चल रहे पिता अपनी नजरोंं के सामने बेटी को सकुशल ट्रेन पर चढ़ते हुए देखना चाहते थे। नियति को यह पसंद नहीं था, स्टेशन पर पहुंचते ही दिन रात बेटी की करियर बनाने को लेकर चिंतित रहने वाले पिता ही अपनी जिंदगी की जंग हार गए। अंत में बेटी ने बोला..पापा आप क्यों भागे...

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    रोती बेटी को देख गमगीन हुआ स्टेशन का माहौल

    जिस समय पिता रेलवे स्‍टेशन पहुंचे, उस समय जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन वहां आ गई थी। मुंगेर जिले के दरियापुर निवासी प्रो. सुनील प्रसाद मोदी अपनी बेटी मनीषा कुमारी 'झीमी' को साथ में लेकर ट्रेन पर सकुशल चढ़ाने के लिए तेजी से कोच की तरफ भाग रहे थे। जनशताब्दी एक्सप्रेस कुछ ही पलों में खुलने वाली थी। हार्ट पेशेंट पिता अपनी बेटी का बैग लेकर कोच की तरफ तेजी से चल रहा था। तेजी से चलने के के कारण उनकी सांसें फूल रही थीं। लेकिन वह कोच की तरफ भाग रहे थे। बेटी का बैग भी उनके ही हाथ में था। इसी दौरान ट्रेन ने गति पकड़ ली। लेकिन वे अपने पुत्री को कोच में पहुंचने में सफल रहे। 

    जमीन पर बेटी की नजरों के सामने गिरे पिता

    इसी दौरान वह झटका खाकर प्लेटफार्म पर गिर पड़े। उन्‍हें हार्ट अटैक आ गया था। वह प्‍लेटफार्म पर गिरकर छटपाने लगे। इस दृश्‍य उनकी बेटी ने ट्रेन के कोच से देख रही थी। फ‍िर क्‍या था... उन्‍होंने ट्रेन रुकवाई। वह चीखती-चिल्लाती हुई वह ट्रेन से उतरी। पिता के पास दौड़ते हुए आई। पापा..पापा... पुकराते हुए, उनसे आंखें खोलने को कहा। वे चिल्‍लाने लगी पापा की.मदद करो। कोई मेरे पापा को बचा लो, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उनका शरीर शांत हो गया था। आस-पास खड़े यात्रियों के सहयोग से आनन-फानन सुनील को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। चिकित्सक डॉ. देवेंद्र कुमार ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 

    जनशताब्दी ट्रेन पर लाडली बिटिया को चढ़ाने आए थे पिता

    स्वजनों ने बताया कि सुनील प्रसाद अपनी पुत्री मनीषा को कोलकाता पहुंचाने के लिए जमुई रेलवे स्टेशन पर जनशताब्दी ट्रेन पर चढ़ाने आए थे। जैसे ही जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन जमुई रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो उसपर सवार होने के लिए वे अपनी पुत्री के साथ चढ़ने लगे। तभी अचानक वह रेलवे प्लेटफार्म पर गिर पड़े और बेहोश हो गए।

    जनता कॉलेज सूर्यगढ़ा में प्रोफेसर थे

    सुनील मोदी मुंगेर के रहने वाले थे। उनका घर हवेली खड़गपुर थाना अंतर्गत दरियापुर गांव में था। वह 59 वर्ष के थे। सुनील कुमार लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड स्थित जनता महाविद्यालय में प्रोफेसर थे। समाजशास्त्र उनका विषय था। वे अपनी बेटी मनीषा को जमुई रेलवे स्टेशन पहुंचाने आए थे। उनकी मौत के बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया है।