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    जैन मंदिर भागलपुर : भगवान महावीर की प्रतिमा का स्वर्ण कलश से किया जलाभिषेक

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Sun, 15 Nov 2020 02:50 PM (IST)

    जैन मंदिर भागलपुर भगवान महावीर का निर्वाण महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर भगवान महावीर की पूजा अर्चना की गई। स्‍वर्ण कलश में जलाभिषेक किया गया। कोरोना काल होने के कारण शारीरिक दूरी का पालन किया गया।

    जैन मंदिर में भगवान महावीर की प्रतिमा पर जला‍भिषेक करते श्रद्धालु।

    भागलपुर, जेएनएन। नाथनगर के चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र में  भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव उल्लास पूर्वक भक्ति भाव से मनाया गया। इस अवसर पर भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा का स्वर्ण एवं रजत कलशों से जलाभिषेक किया गया। विश्व शांति की कामना के लिए शांति धारा की गई। इसके पश्चात उपस्थित लोगों द्वारा निर्वाण लाडू अर्पण किया गया।

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    आयोजित कार्यक्रम में भगवान महावीर का जय घोष करते हुए अष्टद्रव्य से पूजन की गई।  इस अवसर पर सभी लोगों द्वारा संपूर्ण विश्व में शांति का, दया का और अहिंसा का माहौल बने ऐसी कामना की।

    कोतवाली चौक स्थित दिगंबर जैन मंदिर में विराजमान पूज्य मुनिराज विश्वेश सागर जी महाराज ने कहा, मनुष्य का जीवन जितना सादा और स्वाभाविक होगा वह उतना ही प्रसन्न रहेगा। आत्मविश्वास सफलता की कुंजी है। संगति का प्रभाव अवश्य पड़ता है। जैसी संगति वैसा फल। अहंकार सोने को भी मिट्टी बना देता है। संकट में जो ना घबराए वही सफलता प्राप्त करता है। तुम्हारे कार्य ही तुम्हारा मूल्यांकन कराते हैं। यह समय सभी को दुख देने वाला है, इस काल में सभी जीव अपने-अपने कारण से दुखी हो रहे है। इन दुखों से बचने का मार्ग हमें भगवान महावीर बताते हैं। उनके कहे गए समता भाव के उपदेश से ही हम सभी जीव सुखी हो सकते हैं। दीपावली के इस पावन अवसर पर हम भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव मनाते हैं, जो अपने दुख पर सुख प्राप्त करने की विजय का प्रतीक है।

    भगवान महावीर निर्वाण लाडू सुमंत राजेश पाटनी ने अर्पण किया। सिद्ध क्षेत्र मंत्री सुनील जैन ने  कहा की जीवन में सेवा भाव मुख्य रखकर एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए। सभी को इस समय परोपकार के कार्यों में आगे बढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में भगवान महावीर के गुणों स्मरण करते हुए भक्ति भाव पूर्वक आरती की गई। इस अवसर पर विजय रारा, पदम पाटनी, जयकुमार काला, निर्मल विनायका, अशोक पहाड़िया, अजीत बड़जात्या, संजय पाटनी,  धन्य कुमार जैन, राम जैन आदि उपस्थित थे।