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    स्वामी आगमानंद महाराज को जानना व समझना बहुत मुश्किल, श्री गुरु-जीवन-दर्शन में है उनका कई अद्भुत रहस्‍य

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 01 Nov 2022 10:44 AM (IST)

    श्री गुरु-जीवन-दर्शन स्वामी आगमानंद महाराज के जीवन पर लिखी पुस्तक श्रीगुरु-जीवन-दर्शन का नवगछिया के पचगछिया में लोकार्पण हुआ। यह पुस्‍तक पढ़कर आप स्वामी आगमानंद महाराज को कुछ हद तक जान पाएंगे। हालांकि उनको जानना और समझना काफी मुश्किल है।

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    नवगछिया के पचगछिया में श्रीगुरु-जीवन-दर्शन का हुआ लोकार्पण।

    ऑनलाइन डेस्‍क, भागलपुर। स्वामी आगमानंद महाराज के जीवन पर लिखी पुस्तक "श्रीगुरु-जीवन-दर्शन" का नगछिया के पचगछिया में लोकार्पण हुआ। श्री शिवशक्ति योगपीठ के पीठाधीश्वर संत शिरोमणि परमहंस स्वामी आगमानंद महाराज के जीवन पर आधारित इस पुस्‍तक की रचना पचगछिया निवासी विनय सिंह ''परमार'' ने की है। "श्रीगुरु-जीवन-दर्शन" के प्रथम खंड का लोकार्पण किया गया। प्रो डॉ नृपेन्द्र प्रसाद वर्मा, प्रो डॉ आशा तिवारी ओझा, हरिशंकर ओझा, गीतकार राजकुमार, सियाशरण पोद्दार, स्वामी शिव प्रेमानंद जी भाई जी, मनोरंजन प्रसाद सिंह, स्वामी मानवानंद, पंडित प्रेम शंकर भारती, विनय सिंह परमार, सुभाष चंद्र पांडेय, कुंदन बाबा, मृत्युंजय कुमार, सुबोध कुमार, श्‍यामदेव सिंह, अमरनाथ अमर आदि‍ ने इस पुस्‍तक का लोकार्पण किया। इस पुस्‍तक का लोकार्पण आगमानंद जी महाराज के सानिघ्‍य में हुआ। इससे पहले सभी अतिथियों का माल्यार्पण और अंग वस्त्र से सम्‍मानित किया गया। पुस्तक लोकार्पण के बाद सभी अतिथियों ने अपने-अपने व्यक्त करते हुए पुस्तक और स्वामी आगमानंद जी महाराज के अनुकरणीय जीवन पर प्रकाश भी डाला। मौके पर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज भी मौजूद थे।

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    इस पुस्तक लोकार्पण समारोह में सभी लोकार्पण कर्ताओं ने लेखक विनय सिंह ''परमार'' की इस पुस्तक की भूरी-भूरी प्रशंसा की। इस पुस्तक को श्रीशिवशक्ति योगपीठ के पीठाधीश्वर संत शिरोमणि परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के जीवन पर आधारित ग्रंथ बताया। जिसमें परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज की बाल्यकाल से अबतक के जीवन की पूरी चर्चा की गई है। साथ ही गुरु निष्ठा भी भरपूर झलकती है। विनय सिंह ''परमार'' ने गुरु जीवन पर पुस्तक लेखन की अनुमति से लेकर प्रकाशन तक में आयी बाधाओं इस दौरान काफी चर्चा की।

    गीतकार राजकुमार ने कहा कि स्‍वामी आगमानंद का पचगछिया से काफी गहरा लगाव रहा है। उनकी साधना सात वर्षों तक यहां हुई है। इस कारण यह भूमि किसी तीर्थस्‍थल से कम नहीं है। उन्‍होंने पचगछिया को तीर्थस्‍थल समझकर प्रणाम की। गीतकार राजकुमार ने "श्रीगुरु-जीवन-दर्शन" पुस्‍तक पर चर्चा करते हुए कहा कि लेखक वही लिखता है, जो उससे लिखवाया जाता है। 'पूज्‍य आगमानंद से पाकर अतुलित प्‍यार। गुरु जीवन दर्शन दिए आज विनय परमार'। गुरु होते जिस भूमि पर, होती भूमि विशेष। घर वह वह मंदिर जहां, राजित हैं अवधेश।।

    परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने मानव जीवन और संत महात्माओं के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कई अनुकरणीय जानकारियां दी। इस दौरान काफी संख्‍या में उनके अनुयायी, शिष्‍य व साधक मौजूद थे। विनय सिंह परमार ने कहा कि इसकी द्व‍ितीय खंड की रचना भी जल्‍द प्रारंभ की जाएगी। इस कार्यक्रम का आयोजन अवधेश कुमार सिंह व मुकेश कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम का संयोजन श्री श‍िवशक्ति योगपीठ नवगछिया के द्वारा किया गया था।  

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