बिहार के इस आइपीएस का अनूठा प्रयास, बुढ़ापे का सहारा बनेगी बिहार पुलिस, थाना स्तर पर तैयार होगा डाटा
बिहार पुलिस अब बुढ़ापे का सहारा बनेगी। इसके लिए भागलपुर के एसएसपी बाबू राम ने एक प्लान तैयार किया है। इसके तहत बुजुर्गों का डाटा थाना स्तर पर तैयार ...और पढ़ें

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। रेशम नगरी के सैकड़ों उन बुजुर्गों का भागलपुर पुलिस हमदर्द बनेगी, जिनके परिवार के लोग बाहर रहते हैं। पुलिस थाना स्तर पर जल्द ही ऐसे बुजुर्गों का डेटा तैयार करेगी, ताकि जरूरत पडऩे पर जल्द से जल्द उन्हें आवश्यक मदद पहुंचाई जा सके।
- घर में अकेले रहने वाले बुजुर्गों की हमदर्द बनेगी भागलपुर पुलिस, जिनके परिवार के लोग बाहर रहते हैं वैसे बुजुर्गों का तैयार होगा डेटा, जरूरत पडऩे पर पुलिस पहुंचाएगी हर तरह की मदद
विधि-व्यवस्था को पटरी पर लाने में लगे एसएसपी बाबू राम तमाम चीजों पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं।
जिले में ऐसे बुजुर्गों की संख्या कम नहीं है जिनके बच्चे घरों से बाहर रहते हैं। रिश्तेदार भी दूरदराज रह रहे हैं। अक्सर बीमार होने पर वे असुरक्षित महसूस करते हैं। पुलिस ऐसे बुजुर्गों का सत्यापन कर उनके और उनके सभी नजदीकी रिश्तेदारों के फोन नंबर भी पता कर रही है।
सूची तैयार होने के बाद डेटा फीडिंग का कार्य कराते हुए उसे निकट भविष्य में आनलाइन कर दिया जाएगा। डेटा आनलाइन होने के बाद यह आवश्यक जरूरतों पर अपने पंजीकृत नंबर से कंट्रोल रूम या थाने में काल करते ही उनकी पहचान बुजुर्ग नागरिक के रूप में हो जाएगी। ऐसे काल आने पर मोबाइल डेटा टर्मिनल पर संबंधित बुजुर्ग का पूरा पता भी आ जाएगा। इससे संबंधित थाने की क्विक रिस्पांस टीम शीघ्र ही मौके पर पहुंच जाएगी।
मुकम्मल रहेगा डेटा
बुजुर्ग को किस तरह की बीमारी है, कौन सी दवाएं ले रहे हैं। उनके बच्चे और रिश्तेदारों की जानकारियां समेत उनके करीबी रिश्तेदारों के मोबाइल नंबर भी पुलिस के पास होंगे। जरूरत पडऩे पर बुजुर्गों को मदद पहुंचाने के साथ पुलिस टीम उन करीबी रिश्तेदारों को जानकारी भी देगी।
इस तरह मिलेगी मदद
पंजीकृत बुजुर्ग की अचानक तबीयत खराब हो जाने, आपात समस्या में किसी पड़ोसी, नौकर या जरायम पेशेवरों, प्रापर्टी डीलर के गुर्गों की तरफ से प्रताडि़त करने, धमकाने की बात सामने आने पर तत्काल पुलिस टीम उन्हें सहायता पहुंचाएगी।

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