International Yoga Day Special: अनोखे फायदे, नियम और जरूरी सलाह, एक क्लिक में जानें योगा के बारे में सबकुछ
International Yoga Day Special योग सिर्फ योगियों के लिए नहीं है। स्वस्थ निरोग और लंबे जीवन के लिए योग बहुत जरूरी है। रोगियों के लिए योग वरदान है। दवाओं के साथ-साथ मेडिकल साइंस ने भी माना है कि योगा बहुत जरूरी है। पढ़ें पूरा आर्टिकल...

अजीत पाठक, मुंगेर: International Yoga Day Special: सामान्य रूप से प्राचीन काल में योग को योगियों और संन्यासियों के लिए ही उपयोगी माना जाता था। लेकिन, बिहार स्कूल आफ योग गंगा दर्शन मुंगेर के प्रमाचार्य स्वामी सत्यानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी निरंजनानंद सरस्वती बताते है कि योग योगियों के लिए नहीं रोगियों, भोगियों व सामान्य जन के लिए भी उपयोगी है। उक्त बातें योगाचार्य सह बिहार योग विद्यालय गंगा दर्शन के शिष्य डा. राजीव कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि प्राचाीन काल में योग सिर्फ कंद्राओं, गुफाओं और पर्वतों पर ही सीमित गुप्त विद्या के नाम से लोग जानते थे। आज के व्यस्तम जीवन शैली में योग की अहम भूमिका है। विश्वव्यापी कोरोना महामारी में योग ने लोगों को जीवन दान दिया है।
योग का छाेटा सा स्लोगन है करों योग रहो निरोग। योग करने से लोग शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक विकास की ओर अग्रसर होता है। जिस प्रकार कीमती से कीमती मोबाइल चलाने के लिए समय समय पर चार्ज करना पड़ता है, ठीक उसी प्रकार आज के जीवनशैली के भाग दौड़ भरी जिंदगी में प्रदूषण और विशाक्त खाद्य पदार्थ से युक्त सामग्री का सेवन करने से हमलोग रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है। मेडिकल साइंस भी मानता है दवा के साथ योग जरूरी है। योग, आसन प्रणायाम से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते है।
करोना से लड़ने में जल नेति अभ्यास कारगर
डा.राजीव कुमार, योगाचार्य संयासी स्वयं ज्योती बताते हैं कि कोरोना वायरस नाक से शरीर में प्रवेश करता है और सबसे पहले गले पर अटैक करता है। यह फेफड़े में जाता है। जल नेति से यह वायरस नाक में ही खत्म हो सकता है। कोरोना से पीड़ित व्यक्ति को श्वांस लेने में भी तकलीफ होती है। ऐसे में इस क्रिया से पूरी नासिका खुल जाती है। इससे फेफड़े को पूरी आक्सीजन मिलती है।
जिन्हें दमा, निमोनिया और ब्रानकाइटिस की बीमारी है उन्हें भी इससे लाभ मिलता है। जल नेति नासिका मार्ग और साइनस में जमे हुए सेलेस्मा को बाहर निकालता है। गले में जमे हुए कफ को बाहर करता है और यह क्रिया लगातार करने से कफ बनने की शिकायत दूर हो जाती है। दृषि दोष और कान के लिए भी फायदेमंद है। वायु प्रदूषण और एलर्जी से होने वाला बुखार और टान्सिल को भी ठीक करने में मददगार होता है।
चार प्राणायाम इम्यून सिस्टम रहता है मजबूत
कोरोना से बचाव के लिए जल नेति क्रिया के अलावा योग के चार प्राणायाम हैं। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता हैं। चार प्राणायाम कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका और भ्रामरी प्राणायाम हैं। जल नेति के बाद भस्त्रिका और कपालभाति जरूर करें। इसे करने से नाक से सारा पानी बाहर आ जाएगा और मस्तिष्क तरोताजा महसूस करेगा। जल नेति, भस्त्रिका और कपाल भाति को करने के बाद कम से कम एक घंटे तक कुछ भी नहीं खाएं। एक या दो गिलास गुनगुना पानी का सेवन कर सकते हैं।
चार प्रणायाम करने से रहेंगे सेहतमंद
कपालभाति:- यह फेफड़े और पेट के लिए काफी फायदेमंद है। इम्युनिटी को बढ़ाता है। उच्च रक्तचाप वाले इस प्राणायाम को धीरे-धीरे करें। इसे रोज कम से कम 15 मिनट जरूर करें।
अनुलोम-विलोम:- यह प्राणायाम शरीर के अंदर की हवा को शुद्ध करता है। फेफड़े को स्वस्थ रखने में यह सबसे ज्यादा फायदेमंद है। इस प्राणायाम को 10 से 15 मिनट तक करें।
भस्त्रिका:- इसको करने के लिए पद्मासन में बैठ जाएं। अगर पद्मासन में नहीं बैठ सकते हैं तो पैर मोड़कर बैठें। यह इम्यून बढ़ाती है। इससे वात, पित्त और कफ के दोष दूर होते हैं। आंख, कान और नाक को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है। हर रोज पांच से दस मिनट तक कर सकते हैं।
भ्रामरी:-यह प्राणायाम डिप्रेशन के लोगों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इससे रात को नींद अच्छी आएगी। इसे दो से तीन मिनट तक कर सकते हैं। इसमें किसी तरह की सावधानी बरतने की जरूरत नहीं है।
योग से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर सकारात्मक असर
मुंगेर स्थित बिहार स्कूल आफ योग के डा.राजीव कुमार योगाचार्य संयासी स्वयं ज्योती बताते हैं कि योग के जरिए मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर भी सकारात्मक असर होता है। खासकर, छात्रों के लिए यह बेहद जरूरी है। परीक्षा के दौरान अपने मस्तिष्क को शांत रखना और बेहतर बनाना जरूरी है, ताकि वो जो भी पढ़ रहे हैं, उन्हें अच्छी तरह याद रहे । इन सबमें योग मददगार साबित हो सकता है। वह बताते हैं कि योग हमारे शरीर में नई ऊर्जा का संचार करता है। इस ऊर्जा को ग्रहण करने के लिए अपने शरीर को तैयार करना भी जरूरी है। योग करते समय मन से सभी गलत विचारों को निकाल देने की जरूरत है। योग के दौरान मन को पूरी तरह से स्थिर और शांत रहना चाहिए।
योगाभ्यास के नियम
योगाचार्य डा. राजीव कुमार बताते हैं कि नियमानुसार योग को सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद करना चाहिए।
- योग सुबह जल्दी उठकर योग करना अधिक फायदेमंद होता है।
- योगासन से पहले हल्का वार्मअप करना जरूरी है, ताकि शरीर खुल जाए।
- योग की शुरुआत हमेशा ताड़ासन से ही करनी चाहिए। सुबह योगासन खाली पेट करना चाहिए।
- पहली बार योगासन करने वालों को शुरुआत में हल्के योग के आसन करने चाहिए।
- फिर जैसे-जैसे इनके अभ्यस्त हो जाएं, तो अपने स्तर को बढ़ाते जाएं।
- इस दौरान प्रशिक्षक की मदद लेना जरूरी है।
- कोई शाम को योग कर रहे हैं, तो भोजन करने के करीब तीन-चार घंटे बाद ही करें।
- साथ ही योग करने के आधे घंटे बाद ही कुछ खाएं।
योगासन के बाद तुरंत नहीं करें स्नान
योगाचार्य बताते हैं कि योगासन करने के तुरंत बाद नहीं नहाना चाहिए, बल्कि कुछ देर इंतजार करना चाहिए। हमेशा आरामदायक कपड़े पहनकर ही योग करना चाहिए। जहां योग कर रहे हैं, वो जगह साफ और शांत होनी चाहिए। योग करते समय नकारात्मक विचारों को अपने मन से निकालने का प्रयास करें। योग का सबसे जरूरी नियम यह है कि इसे धैर्य से करें और किसी भी आसन में अधिक जोर न लगाएं। अपनी क्षमता के अनुसार ही इसे करें। सभी योगासन श्वांस लेने और छोड़ने पर निर्भर करते हैं, जिसका पूर्ण ज्ञान होना जरूरी है। संभव हो तो पहले इस बारे में सीख लें, उसके बाद ही स्वयं से करें।
गर्भवती या बीमार चिकित्सक सलाह से करें योग
योगाचार्य बताते हैं कि कोई बीमार व्यक्ति या गर्भवती है,तो वह योग चिकित्सकों से सलाह लेने के बाद ही योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही योगाभ्यास करें। योगासन के अंत में शवासन जरूर करें। इससे तन और मन पूरी तरह शांत हो जाता है। शवासन करने पर ही योग का पूरी तरह से लाभ मिलता है। योग के दौरान ठंडा पानी न पिएं, क्योंकि योग करते समय शरीर गर्म होता है। ठंडे पानी की जगह सामान्य या हल्का गुनगुना पानी लेना चाहिए।
योगासन से बाहरी स्वास्थ्य का लाभ
अक्सर देखा गया है कि बढ़ते उम्र लोगों के चेहरे पर समय से पहले ही बढ़ती उम्र का असर नजर आने लगता है। ऐसे में अगर योग किया जाए, तो समय से पूर्व चेहरे पर पड़ने वाली झुर्रियों को कम किया जा सकता है। गलत तरीके से उठने-बैठने और चलने-फिरने से शरीर की संरचना बिगड़ जाती है। इस वजह से शरीर में जगह-जगह दर्द, मांसपेशियों में विकार और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इन समस्याओं से बचने का सही तरीका योग है। नियमित रूप से योग करने से हड्डियां व मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
योग धीरे-धीरे कम करता है मोटापा
योगाचार्य बताते हैं कि इन दिनों कई लोग मोटापे का शिकार हैं। इसका कारण गलत खानपान और दिनचर्या है। सबसे पहले हमारा पेट खराब होता है। पाचन तंत्र बेहतर न होना ही हर बीमारी की जड़ है। इससे निपटने का आसान और बेहतरीन तरीका योग ही है। नियमित योग से धीरे-धीरे वजन कम हो सकता है। योग करने से मांसपेशियों की गतिविधि में सुधार होता है। यह मजबूत होती हैं और इनमें लचीलापन आता है। खासतौर पर खिलाड़ियों के लिए मानसिक तौर पर मजबूत होना जरूरी है। वह जितना सहनशील रहते हैं, उतना ही उनके प्रदर्शन में सुधार नजर आता है। साथ ही हर व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों में सही निर्णय लेने में सक्षम हो पाता है।
तनाव कम करने का माध्यम है योग
तनाव हर किसी के लिए नुकसानदायक है। व्यक्ति जब तनाव में होता है, उसके लिए सामान्य जिंदगी जीना मुश्किल हो जाता है। तनाव से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता योग है। जब योग करेंगे, तो नई ऊर्जा से भर जाएंगे। इससे तनाव का कम होना स्वाभाविक है। ऐसे में अवसाद की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिससे बचने का एक जरिया योग भी है।
योग के जरिए मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर भी सकारात्मक असर होता है। खासकर, छात्रों के लिए यह बेहद जरूरी है। परीक्षा के दौरान अपने मस्तिष्क को शांत रखना और बेहतर बनाना जरूरी है, ताकि वो जो भी पढ़ रहे हैं, उन्हें अच्छी तरह याद रहे । इन सबमें योग मददगार साबित हो सकता है
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