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    प्रेरणादायी सेवा कार्य : शहर के युवा भर रहे भूखों का पेट, सहरसा के गायत्री शक्तिपीठ की अनूठी पहल

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Sun, 20 Dec 2020 09:51 AM (IST)

    सहरसा में युवाओं ने सेवा कार्य में अपनी अलग पहचान बनाई है। यहां के गायत्री शक्तिपीठ से जुड़े युवाओं ने भूखों को खाना खिलाने का अभियान शुरू किया है। ठं ...और पढ़ें

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    सहरसा में युवाओं ने जरूरतमंदों को भोजन कराया।

    सहरसा, जेएनएन। ठंड के इस मौसम में शहर के कुछ युवा समयदान देकर जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाने में जुटे हुए हैं। शहर के सार्वजनिक स्थानों पर युवाओं का जत्था सड़क किनारे अनाथों, वृद्धों व जरूरतमंदों को भोजन करा रहे हैं। पिछले एक वर्ष से यह कार्य किया जा रहा है।

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    शक्तिपीठ में शुद्ध, सात्विक एवं ताजा भोजन तैयार कर सहरसा रेलवे स्टेशन पर इन युवाओं द्वारा जरूरतमंदों के बीच भोजन पूरी आत्मीयता के साथ खिलाया जाता है। युवा कहते हैं कि  इससे हमें आत्मसंतुष्टि मिलती है। दिन भर पढाई करने के बाद समय निकालकर इस पुनीत कार्य में भाग लेता हूं। यह कार्य शक्तिपीठ के ट्रस्टी डा. अरूण कुमार जायसवाल की देख-रेख में बड़े ही कुशलता के साथ किया जाता है।

    व्हाटसअप छोड़कर युवा कर रहे हैं लोगों की सेवा

    आज के इस भागदौड़ की जिंदगी में युवा मोबाइल, व्हाट्सएप एवं इंटरनेट साइट के चकाचौंध में फंसे हैं। वहीं गायत्री शक्तिपीठ के युवा मंडल के साथी अपने जीवन की पढाई के साथ-साथ समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। पिछले एक वर्ष के दौरान युवा करीब दस हजार से अधिक जरूरतमंदों को भोजन करा चुके हैं। यह अभियान हर दिन सूरज निकलने के साथ ही शुरू हो जाता है।

    घर तक पहुंचेगा भोजन

    गायत्री शक्तिपीठ के ट्रस्टी डा. अरूण कुमार जायसवाल कहते हैं कि हमारे युवा वैसे घर में भी खाना पहुचाएंगे जहां वृद्ध , लाचार, बेबस एवं बीमार रहते हैं।

    लगातार हो रहा सेवा कार्य

    गायत्री शक्तिपीठ के कार्यकर्ता लगातार सेवा कर रहे हैं। ठंड के मोसम में कंबल वितरण भी किया जाता है। वहीं, बीच-बीच में चिकित्‍सकीय जांच की भी सुविधा दी जाती है। चिकित्‍सा शिविर में निश्‍शुल्‍क सेवा की जाती है। इसके अलावा कार्यकर्ता सामाजिक कार्यों में भी रूचि लेते हैं। कोरोना काल और लॉकडाउन में यहां के कार्यकर्ताओं ने घर-घर राशन पहुंचाया था। साथ ही कोरोना प‍ीडि़तों की भी सहायता की थी। उनके इस कार्य की हरेक जगह सराहना हुई थी।