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Bihar Lockdown Update: अब प्रवासियों को लेकर होने लगी पंचायत, कोर्ट-कचहरी तक की आ गई है नौबत

घर लौटे प्रवासियों के समक्ष रोजगार का संकट भी है और लंबे अर्से तक बाहर रहने के कारण घर में सामंजस्य बैठाने की चुनौती भी। शुरुआत में तो उन्हें करीब पाकर स्वजन खुश हुए पर कष्‍ट है।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 10:01 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 11:12 AM (IST)
Bihar Lockdown Update: अब प्रवासियों को लेकर होने लगी पंचायत, कोर्ट-कचहरी तक की आ गई है नौबत
Bihar Lockdown Update: अब प्रवासियों को लेकर होने लगी पंचायत, कोर्ट-कचहरी तक की आ गई है नौबत

भागलपुर, नवनीत मिश्र। घर लौटे प्रवासियों के समक्ष रोजगार का संकट भी है और लंबे अर्से तक बाहर रहने के कारण घर में सामंजस्य बैठाने की चुनौती भी। शुरुआत में तो उन्हें करीब पाकर स्वजन खुश हुए, लेकिन बाद में तरकार बढ़ी। अब हिस्सा और बंटवारा की बातें होने लगी हैं। मारपीट तक की नौबत आ गई है। ऑन रिकॉर्ड जिले में 36139 प्रवासी घर लौट चुके हैं, पर यह संख्या कहीं अधिक है। हालांकि अभी भी प्रवासी बड़ी संख्या में क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे हैं। जो गांव लौट चुके हैं, उन्हें जमीन-जायदाद की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है।

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शाहकुंड प्रखंड के हाजीपुर पंचायत के मुखिया नंदलाल कुमार ने कहा कि जमीन-जायदाद का झगड़ा भी बढ़ा है। रोजगार की समस्या अलग, इससे निपटने की बड़ी चुनौती है। बिहपुर प्रखंड के बभनपुर पंचायत के मुखिया विनीत कुमार सिंह ने बताया कि लोग लौट रहे हैं तो संसाधनों पर भी दबाव बढ़ गया है। पारिवारिक कलह के मामले भी सामने आए हैं, जिसे फिलहाल ग्रामीण स्तर पर ही सुलझाया जा रहा है।

दरियापुर पंचायत के मुखिया आलोक कुमार सामाजिक स्थिति कुछ यूं बयां करते हैं, लोग गांव छोड़कर जाते हैं, तो यह माना जाता है कि वे अपना जुगाड़ खुद कर लेंगे। अब लौटकर जमीन-जायदाद में हिस्सा मांग रहे हैं तो भाई-भाई में झगड़े का खतरा पैदा हो रहा है। किशनपुर अमखोरिया के मुखिया राजेश कुमार ने कहा, इससे इन्कार नहीं किया जा सकता कि कई परिवार प्रवासियों को अपने ही घर में बोझ भी मान रहे हैं। जिनके पास साधन है, वे गांव में ही अवसर तलाशना चाहते हैं। जिनके पास संसाधन की कमी है, वे फिर से शहर का रूख कर लेंगे।

लत्तीपुर दक्षिण की मुखिया खेदनी देवी ने बताया कि लौट रहे प्रवासियों में कई कटाव पीडि़त हैं। उनकी जमीन नदी में समा गई है। ऐसे परिवारों में रहने को लेकर कलह हो रही है। ये लंबे समय तक नहीं रह सकते और स्थिति सामान्य होते ही फिर लौट जाएंगे। राघोपुर की मुखिया मनोरमा देवी भी कहती हैं कि गांव लौटने वाले प्रवासी छोटे-मोटे काम नहीं करेंगे। वे फिर शहरों का रुख करेंगे, क्योंकि यहां स्थिति अनुकूल नहीं है। 

इधर, लोगों की वापसी के बाद उत्पन्न हालात की संभावना के मद्देनजर मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति, वार्ड सदस्य समेत अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों को कलह आदि रोकने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। चौकीदारों का भी दायित्व बढ़ेगा। एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि थानेदारों व चौकी इंचार्ज को चौकीदारी परेड कराने को कहा गया है, ताकि उन्हें बताया जा सके कि उन्हें सूचना संकलन किस तरह से करना है। 


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