IRCTC, Indian Railways: तत्काल टिकट बुकिंग में दलालों ने किया खेल, तो आरक्षण काउंटरों पर बढ़ा पहरा, कतार में खड़े यात्रियों से पूछताछ
Indian Railways Latest News भारतीय रेल के तत्काल टिकट बुकिंग में दलाल का कारनामा सामने आने के बाद गुरुवार को तीन सदस्यीय टीम ने की आरक्षण टिकट काउंटरों की गहन जांच की। इस दौरान तत्काल टिकट के लिए लाइन में लगे यात्रियों से पूछताछ की गई। दो लोग आरक्षण कराने की जानकारी नहीं दे सके तो उन्हें कतार से बाहर कर दिया गया।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। Indian Railways News बुधवार को अंग एक्सप्रेस के तत्काल टिकट में एजेंट का कारनामा सामने आने के बाद गुरुवार को भागलपुर स्टेशन के आरक्षण टिकट काउंटर पर तीन सदस्यीय टीम पहुंची। टीम में शामिल सीएमआइ फुल कुमार शर्मा स्टेशन अधीक्षक विनय प्रकाश व चीफ यार्ड मास्टर पीके सिन्हा ने आरक्षण काउंटरों पर लाइन में लगे आवेदकों से पूछताछ की। आवेदकों के आधार कार्ड का भी सत्यापन किया।
इस दौरान कतार में खड़े दो लोग आरक्षण कराने की जानकारी नहीं दे सके तो उन्हें बाहर कर दिया गया। दोनों को टीम ने नियमों की जानकारी देने के साथ कड़ी चेतावनी भी दी। काउंटर खुलते ही टीम निरीक्षण को पहुंची। दरअसल, बुधवार को अंग एक्सप्रेस के तत्काल टिकट के एक ही पीएनआर पर दो मोबाइल नंबर अंकित होने और नाम बढाकर टिकट की बुकिंग करने पर अधिकारियों को संदेह हुआ था। जिसके बाद ट्रेन में टीटीई को जांच करने के निर्देश दिए थे। टीम ने काउंटर पर कर्मचारियों को आधार कार्ड के सत्यापन के बाद ही टिकट जारी करने की बात कही।
रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की कारगुजारी एजेंट ने किया होगा। इसलिए इसके तह तक जाने की जरूरत है। यह पता चल सके कि उस टिकट पर चौथे यात्री से उन तीन यात्रियों का क्या संबंध है। अधिकाधिक लोगों को तत्काल सुविधा देने के लिए एजेंटों के बुकिंग समय को भी बदला गया है। बावजूद, दलाल काउंटर से लिए गए टिकट पर अब नामों को बढ़ाकर सीटें आरक्षित करा रहे हैं।
एसी थ्री कोच में रेल अधिकारियों को फर्जीवाड़े का शक हुआ। नाम, पीएनआर से मिलान किया गया। लेकिन प्रयासों के बाद पता नहीं चल रहा था। संबंधित यात्री का आरक्षण फार्म निकाला गया। जिस पर टिकट बुक कराने वाले का मोबाइल नंबर दर्ज था। दो बार फार्म में दर्ज मोबाइल नंबर पर काल किया गया। लेकिन दूसरी तरफ से किसी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद टीटीइ को टिकट की सारी जानकारी एक पर्चे में लिख कर दी गई।
सभी चार यात्रियों का आधार सत्यापन कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया। लेकिन टीटीइ द्वारा अबतक आधार का सत्यापन कर रिपोर्ट या जानकारी रेल कार्यालय को नहीं दी है। सीएमआइ फूल कुमार ने बताया कि आरक्षण काउंटर पर लाइन में लगे लोगों से पूछताछ की गई। दो ऐसे लोगों को बाहर निकाल दिया गया जिन्होंने आरक्षण टिकट कटाने की जानकारी नहीं दे सके। चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। टीटीई के बंगलुरू से लौटने के बाद ही पूरी जानकारी मिल सकेगी।
अजगैवीनाथ धाम, सबौर, कहलगांव व पीरपैंती स्टेशन पर टीटीई नहीं
अजगैवीनाथ धाम, नाथनगर, सबौर, कहलगांव, पीरपैंती सहित किसी भी स्टेशनों पर टीटीई की पोस्टिंग नहीं है। इन स्टेशनों पर क्यावयड चेकिंग टीम टिकटों की चेकिंग करती है। सीएमआइ फुल कुमार शर्मा के अनुसार टीटीई और सीआइटी की पोस्टिंग भागलपुर, जमालपुर, किऊल, साहिबगंज, मालदा जैसे जंक्शन स्टेशन पर ही पोस्टिंग होती है। अन्य स्टेशनों पर टीसी की प्रतिनियुक्ति होती है। अजगैवीनाथ धाम स्टेशन पर टीसी की प्रतिनियुक्ति है। टीसी की ड्यूटी सहयोग (पूछताछ केंद्र) में होती है।
वहीं, कहलगांव, पीरपैंती, सबौर में स्टेशन मास्टर के कक्ष में ही सहयोग की व्यवस्था है। स्टेशन मास्टर ही ट्रेनों बारे में एनाउंसमेंट करते हैं। यात्रियों को ट्रेनों के बारे में जानकारी देते हैं। यही नहीं बांका और गोड्डा में भी यही व्यवस्था है। गोड्डा से भागलपुर के टीटीई ही ट्रेन लेकर आते हैं। इन स्टेशनों पर स्क्वायड टीम द्वारा ही चेकिंग कराई जाती है। चेकिंग टीम के आधार पर ही सीआईटी का परफार्मेंस होता है। इसलिए कि सीआइटी के नेतृत्व में टिकट चेकिंग कराई जाती है। इसी के आधार पर भागलपुर के सीआइटी दिलीप कुमार चौरसिया को बेहतर कार्य के सम्मानित किया गया।
बता दें कि दो दिन पहले मंगलवार को भागलपुर स्टेशन के सीआइटी (चीफ टिकट इन्वीजीलेटर) दिलीप कुमार चौरासिया को बेहतर कार्य के लिए रेलवे ने सम्मानित किया गया था। कोलकाता स्थित पूर्व रेलवे मुख्यालय में उन्हें यह सम्मान बेटिकट यात्रियों और स्टेशन पर गंदगी फैलाने वाले यात्रियों पर कार्रवाई करते हुए जुर्माना बतौर रेलवे को तीन करोड़ से अधिक राजस्व वसूली पर दिया गया है।
पूर्व रेलवे के प्रींसिपल चीफ कामर्शियल मैनेजर (पीसीसीएम) डा. उदय शंकर झा ने मेडल पहनाकर उन्हें सम्मानित किया। भागलपुर के कामर्शियल और टीटीइ टीम ने 01 जनवरी से 31 जुलाई तक बेटिकट यात्रियों व गंदगी फैलान वाले लोगों से तीन करोड़ 28 लाख 87 हजार 39 रुपये का जुर्माना वसूला। जबकि पिछले साल यही आंकड़ा 61 लाख 92 हजार 118 रुपये था। सीआइटी दिलीप चौरासिया के अनुसार भागलपुर ने कार्रवाई में इस साल बेटिकट यात्रियों व नियमों की अवेहलना करने पर 5.311 प्रतिशत ज्यादा जुर्माना वसूला है।
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