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    भारतीय रेल : डबल होगा जमालपुर-खगडिय़ा रेलखंड, रेलवे ने दी हरी झंडी, 28 लाख मिला सर्वे के लिए

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 04 Jul 2022 06:54 AM (IST)

    भारतीय रेल इसके लिए जल्द ही रेलवे की टीम शुरू करेगी सर्वे गंगा नदी पर बने पुल भी शामिल। जमालपुर से गंगा पुल होते बरौनी-कटिहार मेन लाइन की दूरी है 14 ...और पढ़ें

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    भारतीय रेल : रेलखंड के दोहरीकरण की योजना है।

    संवाद सूत्र, जमालपुर (मुंगेर)। भारतीय रेल : जमालपुर-खगडिय़ा सिंगल रेल लाइन को डबल करने की तैयारी में रेलवे बोर्ड जुट गया है। रेलवे ने लगभग 14 किमी लंबी रेल लाइन निर्माण के लिए हरी झंडी दे दी है। दोहरीकरण के लिए सर्वे का काम भी जल्द शुरू होगा। सर्वे के लिए 28 लाख रुपये रेलवे ने आवंटित कर दिया गया है। जमालपुर-खगडिय़ा रेलखंड के बीच में गंगा नदी पर श्रीकृष्ण सेतु बना हुआ है। सेतु को भी शामिल किया गया है। रेलवे के अनुसार जमालपुर से मुंगेर और खगडिय़ा दिशा से उमेश नगर तक लाइन को डबल किया जाएगा। दोहरीकरण होने के बाद उमेश नगर के पास बरौनी-कटिहार रेल लाइन से सीधा कनेक्ट होगा। ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी। रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में निर्माण विभाग को पत्र भेजा है।

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    रेलवे का बेहतर प्लानिंग, बढ़ेगी कनेक्टिविटी

    जमालपुर-खगडिय़ा रेल सेक्शन दोहरीकरण होने से न सिर्फ कनेक्टिविटी बढ़ेगी बल्कि रेलवे को बेहतर विकल्प मिलेगा। अभी जमालपुर-खगडिय़ा मार्ग पर मालगाडिय़ों का परिचालन ज्यादा होता है। ङ्क्षसगल लाइन की वजह से ट्रेनों और मालगाडिय़ों को स्टेशनों पर रोक दिया जाता है। डबल लाइन बनने से इससे निजात मिलेगी। रेलवे बेहतर प्लाङ्क्षनग के तहत इस रेल सेक्शन को दोहरीकरण करने की कवायद शुरू की गई है।

    भविष्य का सबसे कमाऊ रेलखंड होगा

    जमालपुर-खगडिय़ा रेल खंड के रास्ते कोसी-सीमांचल, उत्तर बिहार, पश्चिम बंगाल और पूर्वी राज्यों की दूरी कम है। ऐसे में इस रेलखंड को डेवलप करने के लिए रेलवे कवायद कर रही है। रेलवे यह मानकर चल रही है कि आने वाले वर्षों में यह रेलखंड बेहतर कनेक्टिविटी के साथ राजस्व देने वाला रेलखंड बनेगा। लाइन दोहरीकरण के बाद कई दिशाओं के लिए मेल और एक्सप्रेस जैसे ट्रेनों की संख्या भी बढ़ सकती है।

    यहां बता दें कि इस रेलखंड के दोहरीकरण हो जाने से रेलवे की आय में काफी बढ़ोतरी होगी। वहीं ट्रेन के परिचालन को भी व्यवस्थित किया जाएगा। इसकी योजना काफी पहले बन चुकी थी। लगातार निरीक्षण हो रहा था। अब रेलवे इस इस मार्ग के दोहरीकरण की योजना को स्वीकृति दी।