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भारतीय रेल : मात्र 11 सेकंड, WOW, अद्भुत, और धड़धड़ाती हुई जमालपुर रेल सुरंग पार गई ट्रेन

भारतीय रेल मुंगेर जिले के जमालपुर रेल सुरंग से 114 की रफ्तार से गुजरी ट्रायल ट्रेन 11 सेकंड लगा रेल सुरंग गुजरने में। जनवरी के पहले सप्ताह में मुख्य संरक्षा आयुक्त ट्रेन चलाकर करेंगे जांच। राज्य की दूसरी नई रेल सुरंग से ट्रेन परिचालन खरमास बाद शुरू होने की उम्मीद।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Wed, 29 Dec 2021 06:39 PM (IST)Updated: Thu, 30 Dec 2021 09:20 AM (IST)
नई रेल सुरंग से रफ्तार में गुजरती ट्रायल ट्रेन।

संवाद सूत्र, जमालपुर (मुंगेर)। जमालपुर-रतनपुर स्टेशन के बीच बनी राज्य की दूसरी रेल सुरंग में ट्रेन का ट्रायल किया गया। ट्रायल पूरी तरह सफल रहा। डीजल इंजन और एक एसी कोच लगी विशेष ट्रायल ट्रेन लगभग 115 किमी की रफ्तार से ट्रेन से गुजरी। 310 मीटर लंबी रेल सुरंग को ट्रायल ट्रेन को पार करने में महज 11 सेकंड का समय लगा। ट्रायल पूरी तरह सुरक्षित होने के बाद अब जनवरी के पहले सप्ताह में मुख्य संरक्षा आयुक्त ट्रेन दौड़ाकर जांच करेंगे। मुख्य संरक्षा आयुक्त के जांच के एक सप्ताह बाद नई रेल सुरंग से ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह सामान्य हो जाएगा। नई रेल सुरंग से ट्रेनें चलने लगेंगी। नव वर्ष पर यह जिले वासियों को एक सौगात मिलेगी।

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  • -45 करोड़ हुए नई सुरंग के निर्माण पर खर्च
  • -65 करोड़ डबल लाइन पर बिछाने पर खर्च
  • -341 मीटर लंबी है सूबे की दूसरी नई रेल सुरंग
  • -02 से ढाई सप्ताह में नए सुरंग से गुजरेंगी ट्रेनें

मालदा रेल मंडल के डीआरएम यतेंद्र कुमार की लगातार मानीटर‍िंंग कर रहे थे। पूर्व रेलवे के मालदा रेल मंडल का बड़ा सपना साकार हो गया। डीआरएम ने बताया कि नई रेल सुरंग चालू होने से रेल विकास को नया पंख लगेगा। ट्रायन ट्रेन के इंजन में उप मुख्य अभियंता (निर्माण) रंजीत कुमार, जिला अभियंता (निर्माण) हेमंत कुमार,वरीय अनुभाग अभियंता (निर्माण) निरंजन कुमार थे। लोको पायलट ने चालक रतनपुर से जमालपुर तक नई रेल सुरंग में ट्रेन लेकर सफलता पूर्वक निकले।

276 किमी रेलवे ट्रैक दोहरीकरण पूरा

मालदा से किऊल के बीच 276 किमी रेलवे ट्रैक पूरी तरह दोहरीकरण हो गया है। अभी जमालपुर से रतनपुर तक सिगल लाइन पर ही दोनों दिशाओं में एक ही लाइन से दोनों दिशाओं की ट्रेनें चल रही है। एक सुरंग होने के कारण इतनी दूरी का डलब लाइन का काम रूका था। नई सुरंग बनने के बाद यह बाधाएं दूर हो गई। अब मालदा-किऊल रेलखंड पूरी तरह दोहरीकरण हो गया है। दोनों दिशाओं की ट्रेनें अलग-अलग ट्रैक से चलेंगी। दरअसल, भागलपुर-जमालपुर-किऊल रूट से राजधानी एक्सप्रेस चलाने की मांग कई वर्षों से चल रही थी। सिगल लाइन और सुरंग की पेच से राजधानी एक्सप्रेस के परिचालन शुरू नहीं हो रहा था। अब सभी बाधाएं दूर होने के बाद अगरतला-आनंद विहार टर्मिनल तेजस राजधानी एक्सप्रेस को चलाने की सहमति मिली है।


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