भारतीय रेल : बांका-राजेंद्रनगर इंटरसिटी में 26 सितंबर से लगेगा थर्ड एसी इकोनामी कोच, किराया भी हो जाएगा कम
भारतीय रेल पूर्व मध्य रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को बांका-राजेंद्रनगर इंटरसिटी में 26 सितंबर से थर्ड एसी इकोनामी कोच लग गया। साथ ही किराया भी आठ प्रितशत कम कर दिया गया है। सुविधाओं से लैस कोच में आरामदायक होगा सफर। स्नैक टेबल भी लगाए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। भारतीय रेल : पूर्व मध्य रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए भागलपुर होकर चलने वाली राजेंद्रनगर-बांका के बीच चलाई जा रही इंटरसिटी ट्रेन में 26 सितंबर से एक थर्ड एसी इकोनामी कोच जोड़कर चलाने की घोषणा की है। थर्ड एसी क्लास के मुकाबले थर्ड एसी इकोनामी क्लास का किराया आठ प्रतिशत कम होता है। ऐसे में पूर्व मध्य रेलवे के इस निर्णय से यात्री कम किराए में एसी कोच में सफर कर सकेंगे। यानी, यह यात्रियों को कम किराया पर बेहतर यात्रा का अनुभव प्रदान करेगा। इस सुविधा का लाभ बांका समेत भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय व पटना सहित कई जगहों के यात्रियों को मिलेगा।
पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार के अनुसार ट्रेन नंबर 13242/13241 राजेंद्रनगर टर्मिनल-बांका-राजेंद्रनगर टर्मिनल में राजेंद्रनगर टर्मिनल से 26 सितंबर से और बांका से 27 सितंबर से एक थर्ड एसी इकोनामी क्लास का कोच लगेगा। इसके अलावा जल्द ही दूसरी लंबी दूरी की ट्रेनों में भी थर्ड एसी इकोनामी क्लास कोच लगाने की घोषणा की जाएगी। इसका उद्देश्य आम लोगों को किफायती दर पर आरामदेह यात्रा की सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि यह सस्ती वातानुकूलित रेल यात्रा सेवा है। नए वातानुकूलित तृतीय श्रेणी इकोनामी का किराया नियमित वातानुकूलित तृतीय श्रेणी की तुलना में आठ प्रतिशत कम है। वातानुकूलित तृतीय श्रेणी की तुलना में नए वातानुकूलित तृतीय इकोनामी श्रेणी का बेस फेयर मेल व एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर क्लास के किराए का 2.4 गुना रखा गया है, जबकि मौजूदा वातानुकूलित तृतीय श्रेणी का बेस फेयर स्लीपर क्लास के किराए का 2.6 गुना है।
ये है कोच में सुविधा
वातानुकूलित तृतीय श्रेणी इकोनामी कोच में सुगम प्रवेश द्वार, पर्सनल रीडिंग लाइट, प्रकाशमय बर्थ इंडिकेटर्स, अपर बर्थ पर चढ़ने के लिए सुविधाजनक सीढ़ी है। खाने-पीने के लिए खास तरह का स्नैक टेबल, दिव्यांग फ्रेंडली टायलट, अग्नि सुरक्षा के लिए विश्वस्तरीय मानकों का प्रावधान किया गया है। मौजूदा वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के कोचों की तुलना में वातानुकूलित तृतीय इकोनामी श्रेणी में बर्थ की संख्या अधिक है।