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    Bhagalpur Railway Junction : मालदा रेल मंडल के इस जंक्‍शन ने प्राप्‍त किया यह गौरव, जानिए

    By Dilip Kumar shuklaEdited By:
    Updated: Tue, 19 Jan 2021 08:44 AM (IST)

    Bhagalpur Railway Junction एनएसजी की सूची में भागलपुर रेलवे जंक्शन। यह दर्जा प्राप्त करने वाला मालदा रेल मंडल का पहला स्टेशन बनने का प्राप्त हुआ गौरव। बहुरेंगे स्टेशन के दिन पहले ग्रेड वन स्टेशन था भागलपुर रेलवे जंक्‍शन।

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    मालदा रेल मंडल का महत्‍वपूर्ण रेलवे जंक्‍शन, भागलपुर रेलवे जंक्‍शन।

    भागलपुर [रजनीश]। भागलपुर जंक्शन का नाम अब देश के महत्वपूर्ण स्टेशनों में शुमार हो गया है। कल तक ए ग्रेड स्टेशन में शामिल जंक्शन को अब रेलवे ने नन सबअर्बन ग्रेड (एनएसजी-दो) का दर्जा दे दिया है। मालदा रेल मंडल में एनएसजी-दो का दर्जा प्राप्त करने वाला यह पहला स्टेशन है। मालदा रेल मंडल मुख्यालय को एनएसजी-तीन में शामिल किया गया है। एनएसजी-दो में शामिल होने के बाद आने वाले दिनों में जंक्शन का स्वरूप बदल जाएगा। रेलवे प्रशासन की भागलपुर जंक्शन पर विशेष नजर रहेगी। पूर्व रेलवे जोन और मालदा मंडल के अंतर्गत आने वाला भागलपुर जंक्शन जोन का तीसरा और मालदा मंडल का सबसे अधिक राजस्व देने वाला स्टेशन है। लॉकडाउन से पहले यहां यात्रियों आवागमन हर दिन दो लाख के आसपास था।

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    1861 में शुरू हुआ था परिचालन

    भागलपुर जंक्शन का इतिहास काफी पुराना है। हावड़ा से भागलपुर के बीच 1861 में रेल परिचालन बहाल हुआ था। उस वक्त खाना जंक्शन राजमहल से भागलपुर होकर ट्रेन चलती थी। सिंगल रेल लाइन बिछाई गई थी। कोयले के इंजन से ट्रेन भागलपुर पहुंचती थी। इसके बाद लाइन का विस्तार 1862 में मुंगेर तक हुआ। जमालपुर में रेल कारखाना और रेल अधिकारियों का इंजीनियङ्क्षरग संस्थान होने के कारण जमालपुर में सुरंग बनाकर ट्रेन परिचालन की शुरुआत हुई थी। उस वक्त एक से दो ट्रेन ही चलती थी।

    समय के साथ आए कई बदलाव

    विगत कुछ वर्षों में भागलपुर जंक्शन पर कई बदलाव देखने को मिला है। कोयले के बाद डीजल इंजन से ट्रेनें इस रेलखंड पर चलती थी। अब डेढ़ साल से डीजल इंजन की जगह इलेक्ट्रिक इंजन ने ले ली है। साहिबगंज से किऊल जंक्शन तक डेढ़ किलोमीटर छोड़कर दोहरीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। अभी भागलपुर जंक्शन से अप और डाउन में 44 मेल एक्सप्रेस और 50 से ज्यादा पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन होता है। यहां छह प्लेटफॉर्म और सात रेलवे ट्रैक है।

    क्या है नन सबअर्बन ग्रेड

    अबतक रेलवे बोर्ड और जोन की ओर से बड़े और छोटे स्टेशनों की ग्रेडिंग ए-वन श्रेणी, ए-श्रेणी, बी-श्रेणी, डी-श्रेणी और ई-श्रेणी में की जाती थी। अब रेलवे बोर्ड ने पुराने श्रेणी के नामों को हटाकर नन सबअर्बन ग्रेड (एनएसजी) का मापदंड तैयार किया है। इसमें एक से लेकर छह तक की श्रेणी निर्धारित की गई है। यह मापदंड स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या, स्टेशन का राजस्व और सुविधाओं के आधार पर निर्धारित होता है। इन सभी चीजों में बेहतर रहने के कारण भागलपुर जंक्शन को एनएसजी की सूची में शामिल किया गया है। पहले भागलपुर जंक्शन पहले ए-ग्रेड में आता था। हाल के वर्षों में स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का विकास हुआ है। इसलिए इसे मालदा रेल मंडल का पहला एनएसजी-दो स्टेशन बनाया गया।

    एनएसजी-2 होने के फायदे

    एनएसजी-दो होने से भागलपुर स्टेशन पर यात्री सुविधाओं पर रेलवे की विशेष नजर रहेगी। आने वाले दिनों में भागलपुर जंक्शन पर मेट्रो सिटी के स्टेशनों जैसी सुविधाएं मिलने लगेंगी। स्वचालित सीढ़ी और लिफ्ट की संख्या बढ़ेगी। बनने जा रहे रेलवे मॉल में लक्जरी रेस्तरां की सुविधा मिलेगी। जंक्शन पर वीआइपी इंट्री के लिए अलग से प्रवेश और निकास द्वार होगा।