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    प्रतिदिन 90 हजार यात्री करते हैं सफर, पर नहीं है भीड़ से निपटने की समुचित व्यवस्था

    By Dilip ShuklaEdited By:
    Updated: Thu, 25 Oct 2018 04:28 PM (IST)

    भागलपुर जंक्शन पर अक्सर यात्रियों की भीड़ काफी बढ़ जाती है। भीड़ को देखते हुए किसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। भीड़ ज्यादा होने के बाद न जीआरपी के जवान दिखते हैं न आरपीएफ के।

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    प्रतिदिन 90 हजार यात्री करते हैं सफर, पर नहीं है भीड़ से निपटने की समुचित व्यवस्था

    भागलपुर (जेएनएन)। भागलपुर जंक्शन पर एक से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए तीन ओवरब्रिज हैं। हालांकि त्योहार और विशेष मौके पर ही यात्रियों की भीड़ काफी बढ़ जाती है। लेकिन भीड़ को देखते हुए किसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। भीड़ ज्यादा होने के बाद न जीआरपी के जवान दिखते हैं न आरपीएफ के। ओवरब्रिज पर सख्त मनाही के बाद भी लोग बैठे रहते हैं। ऐसे में किसी दिन बड़े हादसा हो सकता है।

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    मालदा मंडल के 'ए वन' श्रेणी में शामिल भागलपुर स्टेशन से मंडल को सबसे ज्यादा राजस्व आता है। भागलपुर-किऊल रेलखंड सूबे का तीसरा व्यस्त रेल लाइन है। भागलपुर जंक्शन से बांका, मंदारहिल और दुमका के लिए लाइन का कंजक्शन है। यहां से देश के जम्मू एंड कश्मीर, असम, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, ओडिसा, नई दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र, एमपी सहित अन्य राज्यों की गाडिय़ां खुलतीं और गुजरतीं हैं। एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेन मिलाकर कुल 41 पेयर गाडिय़ों का परिचालन किया जाता है। प्रतिदिन 90 हजार यात्री सफर करते हैं। लेकिन पर्व और बड़े त्योहार में यह आंकड़ा बढ़ जाता है। ट्रेनों के संचालन के लिए छह प्लेटफार्म है। इसमें से प्लेटफार्म संख्या छह को छोड़ अन्य सभी प्लेटफार्म से किऊल और साहिबगंज की तरफ जाने वाली एक्सप्रेस और सवारी गाडिय़ां चलाई जाती है। छह नंबर प्लेटफार्म से बांका, मंदारहिल की गाडिय़ां खुलतीं है। यात्रियों के हिसाब से तीन फुटओवरब्रिज बनाए गए हैं।

    मध्य ओवरब्रिज की सीढिय़ां है छोटी

    स्टेशन पर तीन ओवरब्रिज है। इसमें से बीच के ओवरब्रिज से उतरने वाली सीढिय़ों का स्पेश काफी छोटा है। इस कारण यात्रियों को उतरने और चढऩे में काफी परेशानियां होती है। सीढिय़ों पर लोगों के बैठने के कारण ट्रेन पकडऩे वाले यात्रियों को फजीहत होती है।

    पर्व के दौरान बढ़ जाती है भीड़

    भागलपुर जंक्शन पर दशहरा, दीपावली और पर्व के दौरान भीड़ बढ़ जाती है। चार दिन स्टेशन पर यात्रियों का दवाब ज्यादा रहता है। बिहार का बड़ा पर्व होने की वजह से लाखों की संख्या में दूसरे प्रदेश से लोग परिवार के साथ पहुंचते हैं। ऐसे में रेल प्रशासन यात्रियों की भीड़ से निपटना बड़ी चुनौती होगी। भीड़ नियंत्रण के लिए रेलवे के पास कोई खास प्लान नहीं है। रेलवे प्रशासन को ऐसे में पूरी सावधानी बरतनी होगी।

    भीड़ से निपटने के लिए नहीं है कारगर व्यवस्था

    - सूबे का तीसरा व्यस्त रेलखंड है भागलपुर-किऊल

    - मालदा मंडल का ए वन स्टेशन है भागलपुर जंक्शन

    - यहां से कई राज्यों के लिए खुलतीं और गुजरतीं है गाडिय़ां

    - 41 पेयर गाडिय़ां गुजरतीं है स्टेशन से

    - 90 हजार यात्री रोजाना करते हैं सफर

    - 06 प्लेटफार्म से ट्रेनों का संचालन

    - 03ओवरब्रिज है भागलपुर स्टेशन पर