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    वायरल फीवर के बचना है तो करें यह उपाय, बता रहे भागलपुर के वरीय च‍िकित्‍सक डा. विनय कुमार झा

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Thu, 23 Sep 2021 09:23 AM (IST)

    वैक्टीरिया और वायरस पनपने का यह सही समय है। इससे काफी परेशान हो सकती है। वरीय फिजिशियन डा. विनय कुमार झा ने कहा कि बरतेंगे सावधानी तो बचेंगे वायरल फीव ...और पढ़ें

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    वरीय फिजिशियन डा. विनय कुमार झा ने बताए स्‍वस्‍थ रहने के उपाय।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित प्रश्न पहर में वरीय फिजिशियन डा. विनय कुमार झा आए हुए थे। उन्होंने फोन के माध्यम से पाठकों की समस्या का समाधान किया। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में वायरल फीवर से बच्चे और वयस्क पीडि़त होते हैं। क्योंकि वातावरण में नमी ज्यादा होती है जो वैक्टीरिया और वायरस के पनपने के लिए अनूकूल समय रहता है। अगर सावधानी बरतेंगे तो वायरल फीवर से खुद को और घर के सदस्यों का बचाव कर सकेंगे।

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    उन्होंने कहा कि अगर घर के किसी भी सदस्य को वायरल बुखार हो जाय तो उसके संपर्क में बच्चे को नहीं लाए। बुखार, हल्की खांसी, काम करने का मन नहीं करना आदि इसके लक्षण हैं। छींकने और खांसने से वायरस हवा में फैलता है जो दूसरों को संक्रमित करता है। इसलिए मास्क पहनना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोरोना पीड़ति की खांस सूखी होती है। जबकि वायरस से पीडि़त मरीजों की खांसी ढीली रहती है और खांसने पर कफ भी निकलता है। कोरोना में पहले बुखार, फिर सुखी खांसी, धीरे-धीरे स्वाद और गंध का नहीं मिलना आदि लक्षण होते हैं। फेफड़ा संक्रमित होने पर सांस लेने में परेशानी होने लगती है। वहीं टायफायड होने पर धीरे-धीरे बुखार बढ़ते जाता है। सिर दर्द, उल्टी जैसा मन करना और पेट खराब होता है। क्योंकि यह आंत की बीमारी है। इसलिए बाहर का भोजन नहीं करना चाहिए। क्योंकि बाहर के भोजन और पानी की शुद्ध्ता की गारंटी नहीं रहती। वायरल फीवर होने पर गर्म पानी पीएं, विक्स का भाप लेने से आराम मिलता है। अभी के मौसम में वायरल फीवर और टायफायड से से लोग पीडि़त हो रहे हैं।

    प्रश्न : वायरल फीवर के होने के क्या कारण हैं। इसके लक्षण क्या हैं और इस बीमारी से कैसे बचें। - नीरज कुमार, मुंदीचक

    मानसून में वायरल फीवर से मरीज पीडि़त होते हैं। क्योंकि वातावरण में नमी ज्यादा होने से वैक्टीरिया और वायरस के पनपने का अनुकूल समय रहता है। बुखार, हल्की खांसी, कमजोरी और काम करने की इच्छा नहीं करना इसके लक्षण हैं। अगर किसी को सर्दी या खांसी हो जाय तो हमेशा मास्क पहनना चाहिए। भीड़ वाले स्थान में जाने से बचना चाहिए। ठंडा पानी पीने से वायरस को स्पोर्ट मिलता है और वह बढऩे लगता है। इसलिए हल्का गर्म पानी पीना चाहिए। गर्भ भोजन करें।

    प्रश्न : मेरी उम्र 23 वर्ष है। मुझे वायरस फीवर था, ठीक भी हो गया। लेकिन अभी भी सर्दी-खांसी है। 10 दिन हो गया। अब छोटे बच्चे को सर्दी-खांसी है। क्या करें। - वर्षा कुमारी, बागवाड़ी

    एंटी एलर्जी दवा खाएं। खून की जांच करवा लें और एक्सरे भी। हल्का गर्म पानी पीएं। घर में मास्क लगाकर रहे। बच्चे को एसी आदि में नहीं रखें। भीड़ वाले स्थान में जाने से बचें।

    प्रश्न : वायरल फीवर में एंटीबायोटिक का क्या रॉल है। क्या एंटीबायोटिक दवा खाना जरुरी है। - राहुल कुमार, जीरो माइल

    अगर हल्की सर्दी और खांसी है तो एंटीबायोटिक दवा खाने की जरुरत नहीं है। अगर तेज बुखार है तो एंटीबायोटिक दवा खाना आवश्यक है। वायरल फीवर से प्रोटीन की कमी शरीर में होने लगती है। साथ ही इलेक्ट्रोलाइट की भी कमी होने लगती है। इसलिए इलेक्ट्राल पाउडर का घोल पीना चाहिए। साथ ही प्रोटीन की कमी की पूर्ति के लिए दूध, पनीर और फलों का सेवन करना चाहिए।

    प्रश्न : तीन दिनों से सर्दी-खांसी है, बुखार नहीं है। कमजोरी भी है, क्या करें। - सुमन कुमार, भ्रमरपुर

    बुखार नहीं है तो एंटी एलर्जी दवा का सेवन करें। विक्स का भाप लेने से आराम मिलेगा, हल्का गर्म पानी पीएं।

    प्रश्न : सर्दी-खांसी से कैसे बचें।

    घर में अगर कोई सदस्य वायरल फीवर से पीडि़त है तो उसे अलग कमरा में रखें। बाहर जाय तो मास्क पहनने से वायरल फीवर से बचाव किया जा सकता है। बाहर की खाद्यय सामग्री नहीं खाएं।

    प्रश्न : पेट खराब रहता है। साथ ही कालेस्ट्राल भी बढ़ा है। - आलोक कुमार, तिलकामांझी

    पेट में कीड़ा रहने से भी पेट खराब हो सकता है। अल्बेडाजोल की दवा रात में सोने वक्त चबाकर खाएं। तेल, घी, मसालायुक्त भोजन करने से परहेज करें। लीवर की भी जांच करवा लें।

    प्रश्न : मेरी उमे 57 वर्ष है। चलने में सीना में दर्द होने लगता है। महादेव स‍िंह, हबीबपुर

    चलने में सांस फूलना और सीना में दर्द होना हृदय रोग भी हो सकता है। इलाज करवा लें।