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    चलो गांव की ओर : मां वाम काली मंदिर और स्वराज आश्रम से है भागलपुर के इस पंचायत की पहचान

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Sun, 14 Mar 2021 07:49 AM (IST)

    भागलपुर के बिहपुर इलाके के गांवों में रोजगार के अवसर सृजित हो जाएं तो और भी अधिक समृद्ध हो जाएगा इलाका। बिहपुर प्रखंड का शहरी क्षेत्र व हृदयस्थल है यह पंचायत। स्वतंत्रता सेनानियों की धरती है यह इलाका।

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    डॉ. राजेंद्र प्रसाद की रक्षा के लिए अंग्रेजों की लाठियां खाई थी यहां के स्वतंत्रता सेनानियों ने।

    भागलपुर [मिथिलेश कुमार]। बिहपुर-जमालपुर पंचायत की पहचान यहां स्थित शक्तिपीठ मां वाम काली मंदिर, रामजानकी ठाकुरबाड़ी, बिहपुर खानका व ऐतिहासिक स्वराज आश्रम से है। यह पंचायत स्वव्यवसाय, मजदूरी व कृषि प्रधान है। पंचायत में सभी जाति, धर्म व वर्ग के लोग रहते हैं।

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    ग्रामीणों की मांग

    - गांव में रोजगार के अवसर सृजित हो

    - फसलों की उचित कीमत मिलने की व्यवस्था हो

    - जल जमाव की समस्या से छुटकारा मिले

    पंचायत की चौहद्दी

    उत्तर में रेलवे स्टेशन व एनएच-31, दक्षिण में बिहपुर मध्य पंचायत, पश्चिम में आरईओ सड़क, बहियार व गंगा जमींदारी तटबंध, पूरब में 14 नंबर सड़क।

    पंचायत की खासियत

    यह पंचायत बिहपुर प्रखंड का शहरी क्षेत्र व हृदयस्थल है। नौ जून 1930 को स्वराज आश्रम की गेट पर देश के प्रथम राष्ट्रपति बने डॉ. राजेंद्र प्रसाद पर अंग्रेजों ने लाठियां बरसाईं थीं। उनकी रक्षा यहां के स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी पीठ पर लाठी खाकर की थी।

    क्या-क्या है पंचायत में

    पंचायत में प्रखंड, अंचल, बाल विकास परियोजना कार्यालय, बीआरसी, मनरेगा कार्यालय, आरटीपीएस काउंटर, ई किसान भवन, रेलवे स्टेशन, बैंक, बाजार, सरकारी व निजी अस्पताल और प्लस टू हाईस्कूल है।

    आजादी के दीवानों की धरती

    स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अंग्रेजों के दांत खट्टे कर देश की शौर्यगाथा लिखने में अहम भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानी जमालपुर के स्व. देवनारायण सिंह, मु. हनीफ व मु. सनीफ इसी पंचायत के थे।  

    धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व

    शक्तिपीठ मां वाम काली मंदिर, रामजानकी ठाकुरबाड़ी, रेलक्षेत्र स्थित मां दुर्गा महारानी के दो मंदिर, बिहपुर खानका आदि इलाके के लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां के युवा नृत्य, संगीत व अभिनय की दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। यहां मां वाम काली नाट््य कला परिषद, नवयुवक संघ बिहपुर अभी सक्रिय है।

    पंचायत का इतिहास

    - पंचायत की स्थापना 50 वर्ष पूर्व हुई थी

    - आबादी - 15000

    - मतदाता - 7447

    - सवर्ण - 12 फीसद  

    - पिछड़ा, अति पिछड़ा एवं ओबीसी - 40 फीसद

    - महादलित - 23 फीसद

    - मुस्लिम 35 फीसद

    - साक्षरता दर - 50 फीसद

    क्या कहती हैं मुखिया

    बीते पांच वर्षों में 500 से अधिक लाभुकों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन से जोड़ा गया। 250 से अधिक  जरूरतमंदों को पीएम आवास योजना का लाभ दिलाया गया। पूरे पंचायत में गली-गली योजना के तहत पक्की सड़क का निर्माण कराया गया। हाईस्कूल को प्लस टू एवं मॉडल स्कूल में एवं पीएचसी को सीएचसी में अपग्रेड कराने में सक्रिय भूमिका निभाई। बिजली की समस्या का करीब करीब समाधान हो चुका है। मुख्य सड़क व गली में स्ट्रीट लाईट लगवाई। गरीब परिवारों को कबीर अंत्येष्ठी योजना का लाभ दिया। मगर सरकारी राशि हमें ऊंट के मुंह में जीरा के समान ही प्राप्त हो पाई है। निजी कोष से गरीबों के घर में लाकडाउन के दौरान राशन, मास्क, ब्लीङ्क्षचग पाउडर तक पहुंचाने का कार्य कराई। आगे मौका मिला तो और बेहतर कार्य करूंगी। - अरुणा देवी, मुखिया

    कहते हैं मुखिया प्रतिनिधि

    यहां सरकारी जमीन पर पंचायत सरकार भवन बने और उसमें आरटीपीएस सेवा चालू हो। मंत्री, सांसद व विधायक स्तर पर वार्ड नौ में वाम कालीस्थान से थाना तक की सड़क पर होने वाले जलजमाव की समस्या का ठोस निदान हो। पंचायत में विवाह भवन भी बने। बिहपुर में रेलवे का जन अपेक्षानुरूप विकास हो एवं एप्रोच सड़क दुरुस्त किया जाए। उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन के ड्रीम प्रोजेक्ट में इस इलाके में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना, हस्तकरघा व कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने की योजना है। इसे अमलीजामा पहना दिया गया तो पंचायत ही नहीं पूरे इलाके से पलायन रुक जाएगा। - महंत नवलकिशोर दास, मुखिया प्रतिनिधि

    सरकार से मदद की आस

    13 वार्ड वाले इस पंचायत में सरकारी जमीन उपलब्ध है। खिलाडिय़ों के लिए रङ्क्षनग ट्रैक व जिम के लिए सरकारी पहल हो। कोरोना काल में घर लौटे हुनरमंद लोगों के लिए रोजगार की व्यवस्था हो। जलजमाव की समस्या के निदान के लिए सांसद व विधायक स्तर से प्रभावी पहल हो।

    कहते हैं ग्रामीण

    मु. आतीफ कहते हैं कि पंचायत में गली नली का कार्य संतोषप्रद हुआ है। पंचायत सरकार भवन बने और वहां आरटीपीएस सेवा चालू हो। राशन कार्ड बनवाने में पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका नहीं होने से एवं सरकारी शिथिल प्रक्रिया के कारण कई सही लाभुकों का राशन कार्ड नहीं बन पाया है।

    मु.अरशद ने कहा कि मेरे वार्ड में पक्की गली नली बन जाने के बाद अब चार चक्का वाहन मेरे घर के गेट तक आ जाता है। पहले जर्जर सड़क से  मेरे टोले की पहचान हुआ करती थी। इस पंचवर्षीय में सुंदर सड़क बन गई।

    रंजीत सिंह ने कहा कि पंचायत में सरकारी जमीन व मैदान उपलब्ध है। यहां युवाओं, खिलाडिय़ों एवं सेना व पुलिस बहाली की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए रनिंग ट्रैक और आधुनिक संसाधनों से युक्त जिम बने। जलजमाव की समस्या का निदान सांसद व विधायक स्तर से हो।

    बिहपुर पैक्स चेयरमैन बैजूराजा ने कहा कि मुखिया अरुणा देवी बीते 15 वर्षों सामाजिक समरसता को कायम रखते हुए निरंतर विकास कार्य कर रही हैं। बिहपुर एक आदर्श पंचायत बनने की दिशा में अग्रसर है।

    राजू प्रसाद सिंह ने कहा कि इलाके में युवाओं के लिए हुनर आधारित रोजगार की व्यवस्था हो जाए, तो यह गांव और भी अधिक समृद्ध हो जाएगा। पंचायत में सार्वजनिक आयोजनों व शादी-विवाह के कार्यक्रमों के लिए सांसद व विधायक स्तर से विवाह भवन बने।

    लोगों की निर्भरता

    - 40 फीसद आबादी मजदूरी, खेती, किसानी व मत्स्यपालन

    - 10 फीसद आबादी मवेशी पालन

    - 05 फीसद आबादी सरकारी सेवा

    - 45 फीसद आबादी व्यवसाय