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ICSE 10th Board result 2020 : स्‍वस्ति नित्‍या ने पार की पढ़ाई की पहली सीढ़ी, प्राप्‍त किया 97.4 प्रतिशत अंक

ICSE 10th Board result 2020 अभिनय में अपने जलवे से सभी को मंत्रमुग्‍ध और भावविभोर करने वाली स्‍वस्ति नित्‍या ने पढ़ाई की पहली सीढ़ी पार कर ली।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 12:24 AM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 12:24 AM (IST)
ICSE 10th Board result 2020 : स्‍वस्ति नित्‍या ने पार की पढ़ाई की पहली सीढ़ी, प्राप्‍त किया 97.4 प्रतिशत अंक
ICSE 10th Board result 2020 : स्‍वस्ति नित्‍या ने पार की पढ़ाई की पहली सीढ़ी, प्राप्‍त किया 97.4 प्रतिशत अंक

भागलपुर [दिलीप कुमार शुक्ला]। ICSE 10th Board result 2020 : स्‍वस्ति नित्‍या... भागलपुर ही नहीं, बल्कि पूरे देश की पहचान। नृत्य, गायन, अभिनय और कॉमेडी सहित कई विधाओं में दक्ष। इसके बावजूद भी पढ़ाई में भी किसी से कम नहीं। तिलकामांझी भागलपुर की स्वस्ति नित्या ने आइसीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षा में 97.4 प्रतिशत अंक प्राप्‍त किया। उन्‍हें Science-98, Mathematics-93, Hindi-99, Social science-98, Computer-99, English language and literature-93 अंक मिले। वे माउंट असीसि स्‍कूल भागलपुर की छात्रा हैं। उन्हें स्कूल में पांचवां स्थान प्राप्त हुआ। स्वस्ति ने बताया कि उन्होंने दिल्ली में एडमिशन ले लिया है। आगे की पढ़ाई वहीं हॉस्टल में रहकर करेंगी। उनका सपना इंजीनियरिंग करने का है। वे अभिनय करना भी चाहती हैं। इस कारण स्वस्ति इस क्षेत्र में भी भाग्य आजमाएंगी। लेकिन अभी उनका मुख्य फोकस पढ़ाई है। 

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अभिनय में स्वस्ति नित्या के इस प्रकार पड़े कदम

Year 2008 - boogie woogie (dance show) sony tv semifinalist

Year 2010 - chak dhoom dhoom (dance show) colors semifinalist

Year 2010 - nach le ve with saroj and Terence (celebrity dance show) winner ndtv imagine

Year 2012 - chote miyan (stand up comedy) colors winner

Year 2016 - India's best dramebaaz (acting) zee tv winner

Year 2016 - jhalak dikhla ja season 10 (celebrity dance show) semi finalist colors

Year 2017 - coanchor of sa re ga ma pa bhojpuri with ravi kishan on dangal tv

इसके अलावा भी उन्होंने कई शो में भाग लिया है। 

 

www.Jagran.com में स्वस्ति नित्या से सवाल जवाब 

सवाल - पढ़ाई और अभिनय को एक साथ कैसे सामंजस्य करतीं हैं?

स्वस्ति नित्या - मैं लंबे समय तक बाहर रहती हूं। पुस्तक साथ लेकर जाती हूं। वहीं से शिक्षक और अपने दोस्‍तों से फोन पर स्कूल में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों की जानकारी लेती हूं। पढ़ाई के समय पूरे मनोयोग से अध्‍ययन करतीं हैं।

सवाल -  आपके भाई भी अभिनय करते हैं ना?

स्वस्ति नित्या - वत्सल श्रीरंग मेरा छोटा भाई है। वह भी माउंट असीसि में आठवीं कक्षा में पढ़ता है। वह पढ़ाई में काफी तेज है। उसे भी अभिनय का शौक है। वह भी इसमें भाग लेता है। कई टीवी शो में भी उसने हिस्सा लिया है। 

सवाल - स्कूल से कैसा सहयोग मिला आपको?

स्‍वस्ति नित्या - मैं बचपन से माउंट असीसि स्‍कूल में पढ़ीं हूं। हमेशा अपने वर्ग में बेहतर अंक प्राप्‍त किया। प्रथम आई। सभी शिक्षकों ने काफी सहयोग किया। विभिन्‍न जगहों पर कार्यक्रम में भाग लेने के कारण स्‍कूल में अक्‍सर अनुपस्थित रहती है। इसके बावजूद स्‍कूल के सभी शिक्षकों ने मेरा पूरा ध्यान रखा। फोन पर मार्गदर्शन किया। प्राचार्य जोश थेक्कल ने हमारी काफी सराहना की। उन्होंने हमेशा मेरा उत्साहवर्द्धन किया। इस कारण मेरी पढ़ाई में कभी भी रूचि कम नहीं हुई। स्‍कूल में बड़े-बड़े कार्यक्रमों का संचालन मैंने किया है। साथ ही कार्यक्रम में मुख्य भागीदारी निभाई। 

 

सवाल - आपके जीवन में आपकी दादीजी का‍ कितना प्रभाव पड़ा है?

स्‍वस्ति नित्‍या - मानस कोकिला कृष्‍णा मिश्रा मेरी दादी हैं। उनका काफी प्रभाव मुझ पर पड़ा है। वे प्रवचन करतीं हैं। रामायण कथा सुनातीं हैं। इस कारण घर में भी आध्यत्मिक माहौल रहता है। मां सुषमा मिश्रा और पिता मानस कुमार मिश्रा भी मेरी दादी के साथ मिलकर घर में रामायण पढ़ते हैं। मैं भी बचपन से उनसे चौपाईयां सुनती और सिखती आई हूं। मुझे सुंदरकांड पढ़ना अच्छा लगता है। इसके अलावा दादी जी से सीखकर अन्य ग्रंथों का सस्वर पाठ करतीं हूं। मुझे रामचरितमानस पढ़ना काफी अच्छा लगता है।

सवाल - क्या संदेश देना चाहेंगी?

स्‍वस्ति नित्‍या - कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता। असफलता भी मिलती है। परीक्षा में फेल भी होते हैं। प्रतिभागियों की भीड़ में चयन भी नहीं होता। इसके बावजूद किसी को हारना नहीं चाहिए। लक्ष्‍य की प्राप्ति के लिए मेहनत करें। असफलता मिलने के बाद भी उसे छोड़ें नहीं। आप जरूर सफल होंगे। हां! एक बात जरुर याद रखें आप किसी भी विधा में बेहतर हो सकते हैं, लेकिन पढ़ाई से कभी दूर ना हों। पढाई से अन्‍य विधाओं को शृंगार मिलता है। यही सच्चा साथी है। आध्यात्म में रूचि रखें। ईश्वर पर विश्‍वास। 


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