'DM सर... पापा टीचर हैं, नहीं देते घर का खर्च, पढ़ नहीं पा रही', 8 साल की बच्ची को सुनते ही IAS आलोक रंजन घोष हैरान
IAS अलोक रंजन घोष बतौर डीएम खगड़िया में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे कि तभी एक आठ साल की बच्ची उनके पास पहुंची। अधिकारियों से भरे हॉल में बच्ची ने जो कहा। उसे सुनकर सभी हैरान हो गए।

जागरण संवाददाता, खगडिय़ा: 'सर, पापा नहीं देते हैं घर खर्च। पढ़ाई करने में भी परेशानी हो रही है।' यह शिकायत जनता दरबार में एक आठ वर्षीय बच्ची ने खगड़िया के डीएम से की। बच्ची की शिकायत सुन डीएम आलोक रंजन घोष सहित मौजूद सभी अधिकारी हैरान रह गए। दरअसल, शुक्रवार को समाहरणालय सभाकक्ष में डीएम ने जनता दरबार का आयोजन किया था, इसमें डीएम आलोक रंजन घोष ने जनता दरबार में आए शिकायतों को सुना और इसके निष्पादन को लेकर संबंधित विभाग को आवश्यक निर्देश दिए।
जनता दरबार में खगड़िया शहर की एक आठ साल की बच्ची डीएम के सामने पहुंची और अपने शिक्षक पिता पर पारिवारिक दायित्वों के अवहेलना करने और घर खर्च के लिए राशि नहीं देने की शिकायत दर्ज की। डीएम ने बच्ची की शिकायत और पढ़ने में परेशानी की बात सुनकर तत्काल शिक्षा विभाग के अधिकारी को बच्ची का नामांकन विद्यालय में कराने का निर्देश दिया। डीएम ने अधिकारी को मामले में प्रावधान भी देखने को कहा।
वहीं जनता दरबार में दो लड़कियों ने पहुंच कर एक निजी संस्था द्वारा बेल्ट्रान के नाम पर कोविड-19 सर्वेक्षण कराने एवं राशि का भुगतान नहीं करने की शिकायत की। इस पर संबंधित व्यक्ति को बुलाकर पूछताछ की गई। दोनों लड़कियों को इस संबंध में थाना में केस दर्ज करने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा कुछ मामले में त्वरित निस्तारण किया गया। एक मामले में शिकायतकर्ता को व्यवहार न्यायालय की शरण में जाने का निर्देश दिया गया। भू- अर्जन के मामले में शिकायतकर्ता को जिला भू- अर्जन पदाधिकारी से मिलने का निर्देश दिया गया।
सर्प दंश में मिलेगा मुआवजा
जनता दरबार में सर्प दंश से मृत्यु के संबंध में मुआवजा राशि के भुगतान को लेकर गुहार लगाई गई। जिस पर डीएम ने बताया कि पूर्व में केवल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ के समय में सर्प दंश से मृत्यु होने पर मृतक अनुग्रह अनुदान राशि का भुगतान किया जाता था। अद्यतन विभागीय निर्देश के अनुसार अब सर्प दंश से मृत्यु होने एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट के द्वारा पुष्टि होने पर कभी भी और किसी भी समय मृतक अनुग्रह अनुदान राशि का भुगतान किया जा सकता है।
जनता दरबार में कुल 77 मामले पहुंचे
जनता दरबार में शिकायतकर्ताओं एवं फरियादियों द्वारा कुल 77 मामले प्रस्तुत किए गए। अधिकतर मामले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से संबंधित थे। राजस्व एवं भूमि सुधार से संबंधित मामले मुख्य रूप से दाखिल खारिज, मापी में सुधार, बासगीत पर्चा जारी करने, पर्चा वाली जमीन पर अतिक्रमण, बासगीत पर्चा की जमीन पर अतिक्रमण, बासगीत पर्चा की जमीन पर बने घर को तोड़ने, जमीन का पर्चा निर्गत करने, निजी जमीन पर अतिक्रमण से संबंधित थे।
वहीं बाढ़ क्षतिपूर्ति के भुगतान, सड़क दुर्घटना में मृत्यु उपरांत अनुग्रह अनुदान की राशि के भुगतान, मुआवजा राशि के भुगतान, आंगनबाड़ी सेविका सहायिका चयन, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, जीवन निर्वाह भत्ता, वेतन चालू करने, विद्यालय में योगदान स्वीकृत करने, मुखिया द्वारा गलत आरोप लगाकर गांव से बाहर भगाने आदि की शिकायतें सामने आई।
जनता दरबार के मामलों का तत्परता से करें निष्पादन
जनता दरबार में डीएम ने आवेदकों की शिकायतों को धैर्यपूर्वक सुना। इसे लेकर अधिकारियों को निर्देशित भी करते रहे। डीएम ने उपस्थित अधिकारियों को लोगों की समस्याओं और शिकायतों को गंभीरता से लेने, मामलों में त्वरित राहत हेतु तत्परता से निष्पादन करने का निर्देश दिया।
ये थे मौजूद
जनता दरबार में नव पदस्थापित अपर समाहर्ता मु. राशिद आलम, डीडीसी संतोष कुमार, जिला निबंधक डा. यशपाल, आइसीडीएस डीपीओ सुनीता कुमारी, सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक राजीव कुमार, वरीय उप समाहर्ता चंदन कुमार, राज ऐश्वर्या श्री, आपदा सलाहकार प्रदीप कुमार सिंह, डीपीआरओ आनंद प्रकाश पाठक सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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