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    भीषण गर्मी में बच्चों को Dehydration Fever कैसे बचाएं, बता रहे शिशु रोग विशेषज्ञ : Bhagalpur News

    By Dilip ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 18 Jun 2019 05:12 PM (IST)

    गर्मी में सभी को पानी ज्यादा पीना चाहिए। लू लगने से ज्यादा प्यास लगने लगती है। उल्टी और सिरदर्द होने लगता है। गर्मी में बाहर नहीं निकलें। ...और पढ़ें

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    भीषण गर्मी में बच्चों को Dehydration Fever कैसे बचाएं, बता रहे शिशु रोग विशेषज्ञ : Bhagalpur News

    भागलपुर [जेएनएन]। दैनिक जागरण कार्यालय में प्रश्न पहर का आयोजन किया गया। इस दौरान जेएलएनएमसीएच शिशु रोग विभाग में पदस्थापित सहायक प्राध्यापक सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश कुमार ने फोन के माध्यम से पाठकों के सवालों का समाधान किया।

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    उन्होंने कहा कि इन दिनों भीषण गर्मी से हर उम्र के लोग परेशान हैं। खासकर बच्चे लू की चपेट में आ रहे हैं। इसलिए बच्चों को सुबह 10 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक घर में ही रखें। बाहर ले जाना आवश्यक हो तो सिर पर टोपी आदि पहनना आवश्यक है। पानी ज्यादा पीना चाहिए। लू लगने से ज्यादा प्यास लगने लगती है। उल्टी और सिरदर्द होने लगता है। हल्का बुखार भी होता है। ऐसी स्थिति में शीघ्र ही चिकित्सक से दिखाना चाहिए। तत्काल कपड़ा भिंगाकर शरीर पोंछने से राहत मिलती है।

    डायरिया नहीं हो इसके लिए टीका दिलवाना आवश्यक है। बाजार की खाद्य सामग्री नहीं खिलाएं। पानी उबालकर ठंडा कर पिलाएं। गर्मी में ज्यादा पसीना निकलता है। इस कारण शरीर में लाल दाने निकलने लगते हैं। अच्छी तरह स्नान कर साफ गमछा से शरीर पोंछे फिर पाउडर लगाना चाहिए।

    प्रश्न : तीन वर्ष का बच्चा है। पूरे शरीर में लाल दाना निकल गया है।

    रोहण, नवगछिया

    गर्मी के मौसम में बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से लाल दाना निकलता है। एंटीबायोटिक दाना पर लगाएं। सुबह-शाम स्नान करने के बाद साफ गमछा से शरीर को पोछकर पाउडर लगा दें, ताकि पसीना नहीं हो।

    प्रश्न : तीन वर्ष का बच्चा है। छह माह से उसे बार-बार सर्दी-खांसी होती है।

    जीवन कुमार, रतनपुर

    एलर्जी की वजह से ऐसा हो रहा है। धूल, धुंआ आदि से बच्चे को बचाएं।

    प्रश्न : 15 दिन का शिशु है। बुखार रहता है। दूध पीता है। सर्दी-खांसी नहीं है, उल्टी भी नहीं होती।

    पिंकी, भागलपुर

    गर्मी की वजह से शिशु को दोपहर के बाद हल्का बुखार होता है। इसे डीहाइड्रेशन फीवर भी कहा जाता है। इससे चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। शिशु को कपड़ा आदि से ढक कर नहीं रखे, खुले स्थान में रखें।

    प्रश्न : सात वर्ष की बच्ची है। खेलकर आई और पानी पीने के बाद चक्कर खाकर गिर गई।

    खलील, कहलगांव

    यह लू लगने का लक्षण है। धूप में बाहर खेलने नहीं भेजे। खेलने के बाद तुरंत पानी नहीं पीना चाहिए। ओआरएस का घोल पिलाएं।

    प्रश्न : छह वर्ष का बच्चा है। धूप में निकलता है तो आंखे लाल हो जाती हैं।

    अमित कुमार, नाथनगर

    आंखों में पानी के छींटे डालें। चश्मा पहनाकर बच्चा को बाहर निकालें। चिकित्सक की सलाह पर ही एंटी एलर्जिक दवा डालें।

    प्रश्न : 10 वर्ष बच्चा है। फुंसी हो गई है। गर्मी बढऩे से ऐसा होता है।

    सत्तन घोष, लालूचक

    संक्रमण की वजह से ऐसा होता है। धूप से बचें। बच्चा को गंजी और ढीला कपड़ा पहनाएं।

    प्रश्न : एक वर्ष की बच्ची है। डब्बा का दूध पिला सकते हैं। मिक्सी में पीसकर चावल-दाल खिलाते हैं।

    सुरभि, भागलपुर

    मिक्सी में पीस पर खिलाने की आदत नहीं डालें। गाय समेत डिब्बा का दूध पिलाना फायदेमंद नहीं है। अपना दूध पिलाएं। आप जो खाती हैं उसे खिलाएं। केला, आम आदि भी खिला सकती हैं।

    प्रश्न : आठ माह की बच्ची है। दुबली है। शरीर का विकास नहीं हो रहा है। उसका वजन सात किलो है।

    शिशिर कुमार गुप्ता, नारायणपुर

    आठ माह में बच्ची का वजन सात-आठ किलो है तो चिंता की बात नहीं है। जबरन नहीं खिलाएं। केला पोष्टिक होता है उसे खिलाएं। सूजी का हलवा, दलिया, रोटी-दाल, सकरकंद उबालकर खिलाएं।

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