बिहार में पत्नी ने जातिसूचक गाली देने पर पति पर ठोका मुकदमा... 6 महीने पहले हुई शादी, अब तीन माह की गर्भवती
Bihar News बिहार के भागलपुर में एक पत्नी ने अपने पति पर गाली देने के मामले में केस दर्ज कराया है। पत्नी ने कहा कि उसका पति जाति सूचक शब्द कह कर प्रताड़ित करता है। महिला की छह महीने पहले ही शादी हुई है। अभी वह तीन माह की गर्भवती है। उसका पति एक सरकारी अधिकारी का ड्राइवर है।

संवाद सूत्र, पीरपैंती। Bihar Breaking News भागलपुर के पीरपैंती में पत्नी ने अपने ही पति पर जाति सूचक शब्द कहकर अपमानितक करने का मामला थाना में दर्ज कराया है। पुलिस केस दर्ज कर जांच कर रही है। बताया गया कि एक सरकारी अधिकारी के वाहन चालक के विरुद्ध उसकी पत्नी ने जाति सूचक शब्द कह कर प्रताड़ित करने और मारपीट कर घर से निकाल देने का आरोप लगाते हुए एससी-एसटी थाना और वरीय पुलिस पदाधिकारियों से शिकायत की है।
पीड़िता ने बताया कि उसने छपरा जिला के तरैया नदीपर थाना क्षेत्र के महुली गांव निवासी अजय नामक युवक के साथ इसी वर्ष फरवरी माह में शादी की थी। शादी के बाद सबकुछ ठीक चल रहा था। नौ सितंबर की रात को पति ने उसे जाति सूचक शब्द कह कर प्रताड़ित किया। उसके साथ मारपीट भी की गयी।
आरोप है कि पीड़िता के पति ने एक लाख रुपया और एक मोटरसाइकिल दहेज के रूप में मायके से लाने के लिए कहा, अन्यथा उसे अपने साथ घर पर नहीं रखेगा। पीड़िता का आरोप है उसे आग लगा कर जान से मार देने की धमकी भी दी गयी है। पीड़िता ने पुलिस को दिये गये आवेदन में कहा है कि वह तीन माह की गर्भवती है। पीड़िता ने पुलिस से मामले में कानूनी कार्रवाई करने की गुहार लगायी है।
ठग ने आनलाइन करवाया ट्रांजेक्शन, प्राथमिकी दर्ज
भागलपुर के जवाहरलाल नेहरु मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में एक दलाल ने जख्म प्रतिवेदन बनवाने का झांसा देकर मंगलवार को मरीज के स्वजन को ठग लिया। जख्म प्रतिवेदन बनवा देने के नाम पर ठग ने आनलाइन ट्रांजेक्शन करवा लिया। मामले की पीड़ित झंडापुर निवासी निसार के बयान पर बरारी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
घटना मंगलवार की सुबह की है। निसार ने बताया कि उसकी पत्नी और बच्ची के साथ गांव में मारपीट हुई थी। मायागंज में इलाज चल रहा है। मंगलवार को एक शख्स खुद को अस्पताल का कर्मचारी बताते हुए मेरे पास आया था। उसने कहा कि मजबूत केस करने के लिए तुम्हारा इंज्युरी रिपोर्ट बनवा देंगे।
उसने कहा कि मैं पहली बार अस्पताल आया था, इसलिए मुझे इसकी पूरी प्रक्रिया की जानकारी नहीं थी। मेरे पास पैसा नहीं था। मैंने अपने गांव के दुकानदार से कर्ज लेकर ठग के कहे मोबाइल नंबर पर आनलाइन पैसा ट्रांसफर करवाया। लेकिन बाद में पता चला की वह ठग था।
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