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    हिंदी नववर्ष : चैत्र शुक्‍ल पक्ष एक वर्ष प्रतिपदा का क्‍या है महत्‍व, बता रहे स्‍वामी आगमानंद

    हिंदी नववर्ष चैत्र शुक्‍ल पक्ष एक को वर्ष प्रतिपदा कहा जाता है। यह नव संवत्‍सर है। महाराज विक्रमादि‍त्‍य ने विक्रम संवत की स्‍थापना की। इस दिन की अनेक महत्‍ता है। अभी विक्रम संवत 2079 प्रारंभ हुआ है। नौ दिनों तक देवी की आराधना की जाएगी।

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Updated: Sun, 03 Apr 2022 11:02 PM (IST)
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    नवगछिया में हिंदी नववर्ष चैत्र शुक्‍ल पक्ष एक वर्ष प्रतिपदा पर शोभायात्रा निकाली गई। रथ पर विराजमान आगमानंद जी महाराज।

    ऑनलाइन डेस्‍क, भागलपुर। श्री श‍िवश‍क्ति योगपीठ के पीठाधीश्‍वर परमहंस स्‍वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि भारतीय हिंदी नववर्ष चैत्र शुक्‍ल प्रतिपदा से आरंभ होता है। अंग्रेजी नववर्ष एक जनवरी को होता है। भारत में भी देख रहे हैं कि 90 प्रतिशत लोग बहुत दिनों से अंग्रेजी नववर्ष ही मनाते आ रहे थे। विगत कुछ वर्षों से सनातन परंपरा, सनातन संस्‍कृति से जुड़े लोगों में भारतीय नववर्ष की महत्‍ता जो ग्रंथों में है, उसे विविध क्रियाकलापों के द्वारा जनसामान्‍य के बीच उपस्‍थापित करने का प्रयास सभी लोग कर रहे हैं। इस उद्देश्‍य से हिंदी नववर्ष में प्रकृति परिवर्तन यानी पूरे पृथ्‍वी में दुनिया के तमाम देशों में भारत के अलावा भी एक विशेष परिवर्तन नजर आता है। यह परिवर्तन अंग्रेजी के एक जनवरी में या अन्‍य और भी जो तिथियां हैं उनमें नजर नहीं आता। लेकिन इसमें सारे के सारे परिवर्तन महसूस होते हैं।

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    स्‍वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि भारतीय नवरात्र का आरंभ चैत्र नवरात्र से होता है। लेकिन इसका प्रभाव रामनवमी यहां तक कह सकते हैं पूरे शुक्‍ल पक्ष तक रहता है। राम जी ने भी इस माह में अवतार धारण कर संपूर्ण वसुधा का पवित्र किया है। अपने आदर्श को उन्‍होंने विश्‍व में उपस्‍थापित किए, अपने कार्यों से।

    आगमानंद महाराज के नेतृत्व मे निकाला गया हिन्दी नववर्ष पर शोभा यात्रा

    नवगछिया शिव शक्तियोगपीठ के पीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के नेतृत्व में हिन्दी नववर्ष पर जन जागरूकता के लिए विशाल शोभा यात्रा निकाली गई। यह शोभा यात्रा लक्ष्मीपुर रोड स्थित शिव शक्तियोगपीठ आश्रम से निकाली गई और नवगछिया के एन एच 31, मकनपुर, पकरा, तेतरी दुर्गा मंदिर होते हुए जाह्नवी चौक तक गई। जाह्नवी चौक पर शोभा यात्रा में साथ चल रहे भक्तों को आशीर्वचन दिए। वहीं शोभा यात्रा चल रहे भक्तों के लिए जगह-जगह पर शीतल जल, शर्बत आदि का व्यवस्था की गई थी। शोभा यात्रा के समाप्ति के बाद स्वामी आगमानंद जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त कर प्रसाद ग्रहण किया। इस शोभा यात्रा हजारो की संख्या में लोग शामिल हुए।