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    खुद कष्ट में रहकर दूसरे को सुख पहुंचाने वाले ही संत : हरिनंदन बाबा

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Sun, 06 Mar 2022 06:32 PM (IST)

    सुपौल में महर्षि मेंहीं आश्रम में कुप्पाघाट के वर्तमान आचार्य महर्षि हरिनंदन परमहंस जी महाराज की जन्‍म तिथि एवं सतलोकवासी पूज्य मोती दास जी महाराज की पुण्यतिथि के अवसर पर दो दिवसीय संतमत सत्संग का भव्य शुभारंभ किया गया।

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    सुपौल के त्रिवेणीगंज प्रखंड के कुसहा पंचायत के मचहा में हरिनंदन बाबा।

    संवाद सूत्र, त्रिवेणीगंज (सुपौल)। सुपौल के त्रिवेणीगंज प्रखंड के कुसहा पंचायत के मचहा गांव स्थित महर्षि मेंहीं आश्रम में रविवार को कुप्पाघाट के वर्तमान आचार्य महर्षि हरिनंदन परमहंस जी महाराज की जन्‍म तिथि एवं सतलोकवासी पूज्य मोती दास जी महाराज की पुण्यतिथि के अवसर पर दो दिवसीय संतमत सत्संग का भव्य शुभारंभ किया गया। इससे पहले संतमत सत्संग स्थल महर्षि मेंहीं आश्रम मचहा में आचार्य का दीदार करने के लिए अलसुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। जो दिनभर जारी रही।

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    इस दौरान जय गुरु महाराज के नारों से मचहा आश्रम गुंजायमान होता रहा। वहीं दोपहर बाद आयोजित संतमत सत्संग में कुप्पाघाट के आचार्य पूज्यपाद महर्षि हरिनंदन परमहंस जी महाराज ने कहा कि इस शरीर में जो लोगों को सुख मिलता है, वह सुख भी स्थाई नहीं है। जिस तरह दिन के बाद रात होती है और रात के बाद दिन होता है, उसी तरह से सुख-दुख का चक्र घूमता रहता है। कोई आदमी सब दिन सुखी नहीं रह पाता। उन्होंने कहा कि ईश्वर की भक्ति में काफी शक्ति है। भजन व सत्संग से मन प्रसन्न होगा। लोगों को पाप कर्म से बचने की बहुत आवश्यकता है।

    उन्होंने कहा कि खुद कष्ट में रहकर दूसरों को सुख पहुंचाने वाले ही संत होते हैं। संतों का जीवन परोपकार के लिए होता है। इसलिए गुरु का हमेशा सम्मान करना चाहिए। हर इंसान को अपने-अपने स्तर से हमेशा दूसरों की भलाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग ईश्वर का भजन करते हैं, उनका हमेशा मंगल होता है। उन्होंने बताया कि संतों का अवतरण सभी के कल्याण के लिए होता है। संतों के मार्ग पर चलकर ही मानव जाति का कल्याण किया जा सकता है। वहीं आचार्य के अलावे मंच पर आसीन दर्जनों संतों ने प्रवचन के दौरान ज्ञान की गंगा बहाई। साथ ही श्रद्धालुओं को प्रवचनों के जरिये परमात्माओं पर ध्यान आकृष्ट कराया। वहीं प्रवचन से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया था। हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं प्रवचन के रस में भींगते रहे।

    आचार्य के आगमन पर ग्रामवासियों में दिखा उत्साह

    शनिवार की देर संध्या कुप्पाघाट के आचार्य पूज्यपाद महर्षि हरिनंदन परमहंस जी महाराज का जैसे ही आगमन हुआ। उससे पहले ही आयोजन समिति से जुड़े सदस्य एवं श्रद्धालुओं ने फूल-माला से चिलौनी नदी समीप स्वागत किया। इसके बाद आचार्य अपने जन्मस्थली मचहा की ओर रवाना हुए। ग्रामवासियों अपने घर के आगे खड़े होकर दर्शन कर आशीर्वाद लेते रहे। साथ ही आचार्य के पदार्पण की खुशी गांव के जन-जन में साफ दिखायी दे रही है।

    सैकड़ों श्रद्धालु महर्षि मेंही आश्रम मचहा पहुंचे

    संतमत सत्संग में भाग लेने आचार्य के नगरी महर्षि मेंही आश्रम मचहा में पहले दिन काफी दूर-दूर से सिर्फ संत महात्मा ही नहीं बल्कि सुपौल, मधेपुरा, सहरसा के अलावे अररिया, पूर्णिया, भागलपुर आदि जिले से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं भी पहुंचे थे। बाहर से आए श्रद्धालु आचार्य के एक झलक पाने के लिए लालायित दिख रहे थे। दूर दराज से आए श्रद्धालुओं रात में आश्रम परिसर में ही ठहरेंगे और इसके लिए आयोजन समिति द्वारा खाना-पीना समेत रात में रहने की व्यवस्था की गई।

    दीक्षा लेने की मची रही होड़

    करीब सैकड़ो श्रद्धालुओं ने महर्षि मेंही आश्रम में उपवास रहकर रविवार को ध्यान, साधना का दीक्षा आचार्य के सानिध्य में ग्रहण किया। बारी-बारी से महिलाओं व पुरूषों ने मिलकर दीक्षा ली, जिसमें महिलाओं की संख्या अधिक देखी गई। साथ ही दीक्षा पाकर ध्यान साधना व सत्संग भजन सुनने का संकल्प लिया।

    आयोजन समिति से जुड़े सदस्य व ग्रामीण दिखे तत्पर

    दो दिवसीय संतमत सत्संग के पहले दिन संतमत सत्संग को सफल बनाने में आयोजन समिति जुड़े सदस्य समेत स्थानीय लोग काफी तत्पर दिखे। संतमत सत्संग स्थल मार्ग पर श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। इसके लिए जगह-जगह बैरिकेटिंग, पार्किंग के साथ ही शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई थी।

    मानव जीवन को उपकार एवं लोक कल्याण के कार्यों में लगाएं: स्वामी गुरुनंदन बाबा

    संस, केनगर (पूर्णिया)। केनगर प्रखंड के गोकुलपुर गांव में महर्षि मेंही संतमत सत्संग मंदिर में आयोजित साप्ताहिक ध्यान साधना सत्संग का समापन रविवार को हुआ। आयोजित सत्संग में भागलपुर कुप्पा घाट से पधारे संत स्वामी गुरु नंदन बाबा ने मानव जीवन को उपकार एवं लोक कल्याण के कार्यों में लगाने का आह्वान किया। उन्होंने लोगों को संत महात्मा के आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित किया।

    संत स्वामी गुरु नंदन बाबा ने रामचरित मानस में हनुमान और रावण संवाद का जिक्र करते हुए लोगों को उत्तम विचार एवं संस्कार ग्रहन करने के लिए प्रेरित किया। आयोजित सप्ताहिक ध्यान साधना सत्संग में सत्संगियों ने स्तुति प्रार्थना, सदग्रंथ पाठ एवं प्रवचन सत्र में भाग लेकर सत्संग स्थल से मन में सुविचार एवं सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त किया। सत्संग का आयोजन संतमत सत्संग मंदिर के स्थानीय विपिन बाबा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। सत्संग को संपन्न कराने में स्थानीय समाज सेवी सुबोध मेहता, वासुदेव यादव, बलदेव दास, शिवनंदन यादव, कुंदन यादव आदि लोगों का योगदान रहा।

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