Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गुप्त नवरात्र 2022 : देवी के इन 10 स्‍वरूपों की होती है पूजा, क्‍या है इस नवरात्र का महत्‍व, कैसे करें पूजन, जानिए

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 27 Jun 2022 11:51 AM (IST)

    गुप्त नवरात्र 2022 गुप्त नवरात्र 30 जून से आरंभ हो रहा है। श्रद्धालु मां दुर्गा की भक्ति में डुबेंगे। इस दौरान देवी के 10 स्‍वरूपों की पूजा होगी। इस दौरान शुभ मुहूर्त का भी ध्‍यान रखें। पूजा पाठ में गोपनीयता बरतें।

    Hero Image
    गुप्त नवरात्र 2022 : 30 जून से गुप्‍त नवरात्र है।

    संवाद सहयोगी, भागलपुर। गुप्त नवरात्र 2022 : वर्ष का पहला नवरात्र आषाढ़ में है। यह गुप्‍त नवरात्र है। 30 जून को कलश स्थापना की जाएगी। इसके बाद श्रद्धालु मां दुर्गा की अराधना में लीन हो जाएंगे। दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा, दुर्गा आरती, दुर्गा भजन व देवी दुर्गा की आराधना मंत्र से माहौल भक्तिमय हो जाएगा। दुर्गा पाठ से वातावरण नौ दिनों तक पवित्र रहेगा। इस नवरात्र की तैयारी की जा रही है। हालांकि ज्‍यादातर लोग इस नवरात्र में गुप्‍त तरीके से पूजा करते हैं। घरों में ही पूजा होती है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के उपासक गुप्त तरीके से पूजा उपासना करते हैं। आषाढ़ माह में पडऩे वाले गुप्त नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है। जो इस बार 30 जून से शुरू होगा। 

    बूढ़ानाथ के पंडित टून्नाजी ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार कुल चार नवरात्रि होता है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि होती है। एक गुप्त नवरात्रि माघ और दूसरी आषाढ़ के महीने में होती है। गुप्‍ता नवरा‍त्र‍ि का प्रारंभ 30 जून से होगा। समापन आठ जुलाई को होगा। गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्या की आराधना मां के भक्त करते हैं।

    इस दौरान मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि में मां कालिके, मां तारा, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, माता चित्रमस्ता, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूम्रवती, माता बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला देवी की पूजा होगी। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रात: काल 05 बजकर 26 मिनट से दिन भर होगा।

    शिव भक्तों को झुमाएंगे सबौर के कलाकार

    कोरोना काल के दो वर्ष बाद विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में शिव भक्तों का सैलाब उमड़ेगा। भागलपुर के सुल्तानगंज की उत्तरवाहिनी गंगा किनारे से कांवर यात्रा का कारवां आरंभ होगा। यात्रा के आरंभ में ही शिव भक्त शिवमय होंगे। वह झूमते, नाचते, गाते बाबा नगरी के लिए प्रस्थान करें। इसके लिए व्यापक प्रशासनिक तैयारी किया जा रहा है। इसी कड़ी में सुल्तानगंज के गंगा सीढ़ी घाट और धांधी बेलारी में प्रशासन की ओर से भजन संध्या का आयोजन एक माह चलते रहेगा। प्रशासन ने इस पवित्र पुण्य काम में इच्छुक कलाकारों को आमंत्रित किया है।

    सबौर के कलाकार होंगे शामिल

    बाबी म्यूजिकल ग्रुप सबौर के संचालक गायक बाबी और गायिका हेमा ने संयुक्त रूप से कहा की यह म्यूजिकल ग्रुप पिछले 15 वर्ष से देश के कोने कोने में जाकर सेवा देते रहा है। देवाधिदेव महादेव के भक्तों के बीच हमें गाने का अवसर मिलेगा तो हम कलाकार अपने को धन्य समझेंगे। बाबा भोलेनाथ के प्रति समर्पण भाव से गायिकी का अल्फाज उनके चरणों में समर्पित होगा। काम करने का इच्छुक हूं।

    कांवरियों के लिए भजन, कीर्तन, जागरण की व्यवस्था रहेगी जिससे उनका स्वस्थ, संस्कारित और अध्यात्मिक मनोरंजन होगा। कार्यक्रम में कलाकारों को अवसर दिया जाएगा। - प्रतिभा रानी ,डीडीसी भागलपुर