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    गोगाबिल झील पक्षी विहार के जल्द बहुरेंगे दिन, डिप्‍टी सीएम के ट़वीट से जगी उम्मीद

    By Abhishek KumarEdited By:
    Updated: Fri, 27 Nov 2020 09:27 AM (IST)

    गोगाबिल झील पक्षी विहार के सुंदरीकरण का रास्‍ता अब साफ होता दिख रहा है। डिप्टी सीएम ने दो साल के अंदर इसे पर्यटन केंद्र के रुप में विकसित करने की प्रत ...और पढ़ें

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    पक्षी विहार गोगाबिल झील के दिन बहुरने की उम्मीद बढ़ गई है।

    कटिहार [प्रीतम ओझा]। पक्षी विहार गोगाबिल झील के दिन बहुरने की उम्मीद बढ़ गई है। सूबे के डिप्टी सीएम सह वन एवं पर्यावरण विभाग के मंत्री तारकेश्वर प्रसाद के टवीट से इसके पर्यटन केंद्र के रुप में विकसित होने की संभावना बढ़ गई है। डिप्टी सीएम ने दो साल के अंदर इसे पर्यटन केंद्र के रुप में विकसित करने की प्रतिबद्धता जताई है।

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    दुर्लभ पक्षियों का बसेरा दशकों से देख रहा उद्धारक की बाट

    मनिहारी अनुमंडल मुख्यालय से तकरीबन दस किलोमीटर की दूरी पर पावन गंगा के किनारे लगभग दो सौ एकड़ जल क्षेत्र में यह झील अवस्थित है। ठंड की दस्तक के साथ ही यहां साइबेरियन पक्षियों का आगमन शुरु हो जाता है। नवंबर से मार्च माह तक यह झील दुर्लभ पङ्क्षरदों के जमघट से गुलजार रहता है। पर्यटन केंद्र बनने की तमाम संभावनाओं के बावजूद आज तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हो पाई है। इसके विकास व उद्धार के लिए वर्षो से बस फाइल मोटी होती रही है। लोकसभा व विधानसभा में आवाज उठती रही है, लेकिन जमीन पर सब कुछ यथावत है।

    सुरक्षित आरक्ष घोषित होने के बाद भी मछली मारने पर नहीं लगा रोक

    दो वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री की पहल पर राज्यपाल के स्तर से इस पक्षी अभयारण्य क्षेत्र को सुरक्षित आरक्ष घोषित कर दिया गया है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इस सबंध में पत्र भी जारी किया पर स्थिति अभी भी जस की तस बनी हुई है। मछली मारने तक पर भी अब तक रोक नहीं लग पाई है। इसके उद्धार के लिए बुद्धिजीवी व ग्रामीणों ने गोगा विकास समिति भी गठित है। समिति दर पर गुहार लगाते रहे हैं, लेकिन अभी तक पहल नहीं हो पाई है। मनिहारी साहिबगंज गंगा नदी मार्ग में फोरलेन सड़क पुल के निर्माण प्रकिया शुरू हो जाने व नारायणपुर से पूर्णिया तक फोरलेन के निर्माण से इसकी महत्ता और बढ़ जाएगी। इस क्षेत्र के लोगो के लिए यहां रोजगार भी पैदा होंगे तथा जिला का यह टूरिस्ट प्लेस भी होगा।

    समिति को डिप्टी सीएम से उम्मीद

    गोगा विकास समिति के सचिव राम सुरेश यादव ने कहा कि राज्यपाल की अधिसूचना के बाद भी मछली शिकार पर रोक नहीं लग पाया है। कटिहार सदर के विधायक तारकिशोर प्रसाद के उपमुख्यमंत्री व वन एवं पर्यावरण मंत्री बनने से वे लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अब इस झील का उद्धार जरुर होगा। वे लोग जल्द ही उप मुख्यमंत्री से भेंट भी करेंगे।

    पर्यावरणविद टी एन तारक कहते है कि गोगा बिल झील देश के चुङ्क्षनदा पक्षी अभयारण्य में से एक है। यहां ठंड के मौसम में काफी पक्षी देश विदेश के पहुंचते है। इसे ठोस पहल व ²ढ़ इच्छा शक्ति के साथ विकसित किया जाना चाहिए।

    विधायक मनोहर प्रसाद सिंह कहते हैं कि गोगाबिल पक्षी अभयारण्य को विकसित करने के लिए विधानसभा में कई बार आवाज उठाई गई है तथा पत्राचार किया गया है। कहा कि इसके विकसित होने से क्षेत्र का कायाकल्प होगा, लोगो को रोजगार भी मिलेगा।

    डीएफओ ने किया स्थल निरीक्षण

    डिप्टी सीएम के ट््वीट के बाद वन एवं पर्यावरण विभाग भी हरकत में आ गया है। गुरुवार को डीएफओ ने गोगाबिल झील पहुंचकर ग्रामीणों के साथ बैठक भी और पूरी स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने झील के विकास को लेकर होने वाली पहल से भी ग्रामीणों को अवगत कराया।