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    गव्‍य विकास योजना: भागलपुर में एक साल से पशुपालक काट रहे दफ्तर का चक्‍कर, नहीं मिल रहा लाभ

    By Abhishek KumarEdited By:
    Updated: Mon, 14 Feb 2022 01:24 PM (IST)

    Gavya Vikas Yojana गव्‍य विकास योजना का लाभ पशुपालकों को नहीं मिल रहा है। एक साल से भागलपुर के किसान दफ्तर का चक्‍कर काट रहे हैं। लेकिन अफसरों की मनमा ...और पढ़ें

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    Gavya Vikas Yojana: गव्‍य विकास योजना का लाभ पशुपालकों को नहीं मिल रहा है।

    संवाद सहयोगी, भागलपुर। गो पालन को बढ़ावा देने और गरीब पशुपालकों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार योजना चला रही है। योजना अंतर्गत अनुदान देकर लाभुकों को प्रोत्साहित करती है। लेकिन भागलपुर जिले के गव्य विभाग के अधिकारियों और कर्मियों की नकारात्मक सोच और अडिय़ल रवैये के कारण योजना दम तोड़ रही है।

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    • नहीं मिला पशुपालकों को अनुदान, कार्यालय का काट रहे चक्कर, एक वर्ष से गव्य विभाग की मनमानी से परेशान हैं गरीब पशुपालक, जिले में दम तोड़ रही है गव्य विकास योजना

    गव्य विभाग के अधिकारी कागजी प्रक्रिया में इस कदर पशुपालकों को उलझा देते हैं कि उसे पूरा करने में उन्हें नाको चने चबाने होते हैं। कार्यालय का लगातार चक्कर काटने के बाद भी पशुपालकों को अनुदान की राशि नहीं मिल पाती है।

    कहते हैं पीडि़त

    कुरपट निवासी बहुरन मंडल और सबौर की मधु तिवारी कहती हैं कि योजना का लाभ लेने के लिए अधिकारियों का चिरौरी कर फार्म किसी प्रकार स्वीकृत कराकर बैंक भिजवाया। उसके बाद बैंक की कागजी प्रक्रिया पूरी करने में भी बेहद परेशानी हुई। फिर गव्य विभाग के स्वीकृति पत्र के आलोक में बैंक ने ऋण दिया और बैंक ने विभाग से अनुदान की राशि भेजने का पत्र भी दिया। लेकिन 10 माह बीत जाने के बाद भी अब तक अनुदान बैंक को नहीं भेजा गया है। हालांकि बैंक पूरे ऋण पर ब्याज सहित किश्त वसूल कर रही है। यह तो एक बानगी है। जिले के सभी पशुपालकों की यही पीड़ा है।

    स्थानांतरण के कारण परेशानी हुई। कागजी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। जल्द लाभुकों का अनुदान संबंधित बैंकों में भेजा जाएगा। -अजीत कुमार, जिला गव्य पदाधिकारी,भागलपुर

    मामला मेरे संज्ञान में हैं। गव्य विभाग को अनुदान बैंकों में भेजने का निर्देश दिया गया है। गव्य विभाग द्वारा जल्द अनुदान की राशि नहीं भेजी जाती है तो मुख्यालय को जिम्मेदारों पर कार्रवाई के लिए पत्र भेजा जाएगा।

    प्रतीभा रानी, डीडीसी भागलपुर