भागलपुर में गंगा का कहर, जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर; इन इलाकों के लोग दहशत में
भागलपुर और आसपास के इलाकों में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। कहलगांव और नवगछिया में स्थिति गंभीर है जहाँ सहायक नदियाँ भी उफान पर हैं। निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है जिससे फसलें नष्ट हो गई हैं और गाँव जलमग्न हो गए हैं।

जागरण संवाददाता, भागलपुर, कहलगांव, नवगछिया। भागलपुर और उसके आसपास के इलाकों में गंगा फिर विकराल रूप धारण करने लगी है। कहलगांव और नवगछिया में नदी फिर खतरे के निशान के ऊपर पहुँच गई है। नवगछिया में 12 घंटे में जलस्तर 12 सेमी बढ़ा है। भागलपुर शहर में भी जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी है।
कहलगांव में गंगा के साथ-साथ उसकी सहायक नदियाँ कुआ, घोघा, गेरुआ और भयाना भी उफान पर हैं। नदियों का पानी चौर में फैल गया है, जिससे रेलवे लाइन और एनएच 80 के बीच जलजमाव तेजी से बढ़ रहा है। पकड़तल्ला, आमापुर छोटी, मार्कंडेय टोला और पक्कीसराय बड़ी आमापुर गांवों के निचले हिस्सों में सैकड़ों घर बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, शाम छह बजे तक गंगा का जलस्तर 31 मीटर 6 सेंटीमीटर था। रात दस बजे तक इसके खतरे के निशान को पार करने की संभावना है। जलस्तर में प्रति घंटे एक सेंटीमीटर की वृद्धि हो रही है और पिछले चौबीस घंटे में 26 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है।
कहलगांव में खतरे का निशान 31 मीटर 9 सेंटीमीटर है। जलस्तर में वृद्धि के कारण दियारा, चौर और गंगा के किनारे स्थित फसलें नष्ट हो गई हैं, जिससे इलाके में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है।
इधर, इस्माइलपुर-बिंद टोली में शुक्रवार को बारह घंटे में जलस्तर में 12 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई। सुबह गंगा का जलस्तर 31.53 मीटर था, जबकि शाम को यह 31.65 मीटर पर पहुँच गया, जो खतरे के निशान से 5 सेंटीमीटर ऊपर है।
मुख्य अभियंता ई. अनवर जमील ने इस्माइलपुर-बिंद टोली तटबंध पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं और आपात स्थिति के लिए स्पर संख्या आठ पर दस हाथी फुट और स्पर संख्या नौ पर बीस हाथी फुट पानी रखने का आदेश दिया है।
भागलपुर में गंगा का जलस्तर
- 01 अगस्त सुबह 8:00 बजे
- उच्चतम बाढ़ स्तर 34.86
- खतरे का स्तर 33.68
- कल 31 जुलाई को जलस्तर 32.24 था
- आज 01 अगस्त को जलस्तर 32.53 है
- 24 घंटे में जलस्तर में अंतर 0.29 मीटर
- खतरे के स्तर में अंतर 1.15 मीटर
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