भागलपुर, बांका और मुंगेर के बच्चों की हार्ट सर्जरी होगी मुफ्त; गरीब परिवारों के लिए राहत
भागलपुर, बांका और मुंगेर जिले के बच्चों के लिए मुफ्त हार्ट सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यह पहल गरीब परिवारों के बच्चों को हृदय संबंधी बीमारियों ...और पढ़ें

भागलपुर, बांका और मुंगेर के बच्चों की हार्ट सर्जरी होगी मुफ्त
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के इलाज को लेकर बड़ी राहत की खबर है। अब भागलपुर, बांका, मुंगेर समेत आसपास के जिलों के बच्चों को उन्नत हार्ट सर्जरी और इलाज की सुविधा बिहार में ही, वह भी पूरी तरह मुफ्त उपलब्ध है।
बच्चों की हार्ट सर्जरी और जन्मजात हृदय रोगों के उपचार को लेकर बुधवार को जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के अधिकारियों ने एक होटल में प्रेसवार्ता आयोजित की।
इस दौरान चिकित्सकों ने कहा कि लोगों को यह जानना जरूरी है कि सरकारी योजनाओं के तहत अत्याधुनिक इलाज की सुविधा अब राज्य में ही उपलब्ध है।
पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. आशीष सप्रे ने बताया कि यदि बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा हो, दूध पीते समय पसीना आता हो या शरीर नीला पड़ रहा हो, तो तुरंत जांच करानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के साथ पीपीपी मॉडल के तहत बच्चों की हार्ट सर्जरी और इलाज पूरी तरह मुफ्त किया जा रहा है। बीते एक वर्ष में मेदांता में 500 से अधिक बच्चों का सफल इलाज किया गया है।
जीवन जागृति सोसाइटी और इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि मेदांता की यह पहल अंग क्षेत्र के बच्चों के लिए वरदान साबित होगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी भी बीमार बच्चे का इलाज रुपये के अभाव में नहीं रुकेगा।
35 बाल रोगियों के हृदय की हुई जांच, 22 को तत्काल सर्जरी की दरकार
दूसरी ओर, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के शिशु रोग विभाग के ओपीडी में जन्मजात हृदय रोगी की जांच के लिए शिविर लगाया गया। जिसमें भागलपुर, बांका और मुंगेर के 35 बच्चों की जांच कराई गई। इन सभी के हृदय में छेद है। इनमें से 22 बच्चों को तत्काल सर्जरी करना जरूरी है। शेष हृदय का छेद छोटा था, लिहाजा दवा देकर छह माह तक इंतजार करने के लिए कहा गया है। इन बच्चों के दिल का छेद खुद भरने की संभावना है। अगर ऐसा नहीं होता है तो आगे इनकी भी सर्जरी की जाएगी।
मेदांता के अक्षय कुमार ने बताया कि विशेष अनुमति लेकर अस्पताल में इको मशीन लाई गई थी, जिससे सभी की गहन जांच की गई। 22 बच्चों की सर्जरी बेहद जरूरी है। इन सभी को बिहार सरकार की योजना के तहत सुविधा दी जाएगी। मेदांता में सभी की मुफ्त सर्जरी होगी।
नवजातों में जन्मजात हृदय रोग की पहचान मुश्किल, लक्षण दिखे तो तत्काल कराएं जांच
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अखिल भारतीय शिशु अकादमी ने जन्मजात हृदय रोग की पहचान और इलाज विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. प्रो आरके सिन्हा ने कहा कि नवजातों में जन्मजात हृदय रोग की पहचान मुश्किल है, परंतु अगर शरीर स्याही रंग होना, सांस अधिक चलना, मां का दूध छोड़ कर पीना, सिर पर अधिक पसीना आना, हमेशा रोना आदि हृदय रोग में छेद के लक्षण हो सकते हैं। प्रत्येक एक हजार नवजातों में तकरीबन आठ बच्चे इसके शिकार होते हैं। इसमें 10 प्रतिशत बच्चे बेहतर इलाज की सुविधा नहीं मिलने से मर जाते हैं।
संगठन के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि ऐसे बच्चे का सरकार एम्स, आइजीएमएस और जयप्रभा मेदांता में इलाज करा रही है। इससे अब बच्चों का इलाज संभव हो गया है। मेदांता पटना से आए डॉ. आशीष और डॉ. सुप्रित ने सर्जरी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विभाग के एचओडी डॉ. अंकुर प्रियदर्शी ने कहा कि पीपीपी मोड पर ऐसे बच्चों के मुफ्त इको जांच की सुविधा उपलब्ध है।

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