नवगछिया, कहलगांव और घोघा में बाढ़ का कहर
गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने से बाढ़ के पानी ने नवगछिया, कहलगांव और घोघा में कहर ढाना शुरू कर दिया है।
भागलपुर। गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने से बाढ़ के पानी ने नवगछिया, कहलगांव और घोघा में कहर ढाना शुरू कर दिया है। कटाव तेज होने के कारण रानीदियारा महंत बाबा स्थान नदी में विलीन हो गया। घोघा का पन्नूचक और आठगांवां टापू में तब्दील हो गया है। दोनों गांवों का संपर्क मुख्य बाजार और एनएच अस्सी से भंग होने से हजारों लोगों को परेशानी हो रही है। वे नाव के सहारे मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। ईस्माइलपुर में कलबलिया बांध टूटने से कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इससे बड़ी संख्या में ग्रामीणों को परेशानी हो रही है।
रानी दियारा में कटाव जारी : रानीदियारा में कभी धीमी गति तो कभी तेज गति से कटाव हो रहा है। महंत बाबा स्थान के कटने से ग्रामीण दहशतजदा हो गए हैं। अंचलाधिकारी द्वारा मागी गई कटाव पीड़ितों की सूची अभी तक मुखिया ने नहीं सौंपी है। कटाव पीड़ितों ने कहा कि मुखिया गाव छोड़ कहलगाव में रहते हैं। लगता है कि उन्हें लोगों की पीड़ा से कोई मतलब ही नहीं है।
कई बार मुखिया के मोबाइल पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया परन्तु उन्होंने फोन नहीं उठाया। कटाव पीड़ित अनन्त कुमार मण्डल ने कहा कि अभी तक कटाव पीड़ितों को प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की राहत नही दी गई है। गाव कट रहा है। प्रशासन और जनप्रतिनिधि मौन हैं। ग्रामीणों में बेचैनी छाई हुई है परेशान हैं। हालांकि टपुआ गाव को गंगा कटाव से बचाने के लिए ग्रामीणों ने कमर कस ली है। इसे लेकर पंचायत भवन में पंचायत समिति सदस्य कन्हैया लाल सिंह के नेतृत्व में बैठक हुई। जिसमें कटाव निरोधी कार्य नहीं किए जाने पर रोष प्रकट किया गया और आपसी सहयोग से बम्बू राल के द्वारा कटाव रोकने का निर्णय लिया गया।
उप मुखिया राहुल कुमार मंडल एवं अटल बिहारी ने कहा कि बास एकत्र किया गया है। प्रत्येक घर से 100-100 रुपये चंदा एकत्र किया गया है। सोमवार से कटाव निरोधी कार्य शुरू किया जाएगा। रानीदियारा में कटाव निरोधक कार्य बंद कर दिया गया है। बालू भरा जियो बैग किनारे रखा हुआ है।
कहलगाव में गंगा सहित कुआ, भैना, गेरुआ, घोघा नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। चौर इलाका जलमग्न हो चुका है। दियारा का निचला इलाका भर चुका है। मैदानी इलाकों में भी बाढ़ का पानी फैलने लगा है। इससे दहशत का माहौल बनने लगा है। लोगों ने ऊंचे स्थानों की तलाश शुरू कर दी है।
दियारा क्षेत्र के लोगों की बढ़ी परेशानी : गंगा के जलस्तर मे लगातार वृद्घि होने से दियारा क्षेत्र के लोग खासे चिंतित हैं। पशुपालक अपने-अपने मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने लगे हैं। घोघा के सामने एनएच-80 और घोघा नदी के उत्तर दियारा पर अवस्थित शकरपुर दियारा पंचायत का पुरानी आठगांवा व पन्नूचक बस्ती चारो तरफ से बाढ़ के पानी से घिर गया है।
नाव की समस्या : आवागमन के लिए नाव ही एक मात्र सहारा है। ऐसी स्थिति में नाव की अनुपलब्धता भी लोगों की परेशानी का कारण है। सरकारी स्तर पर नाव की व्यवस्था नही है। एक पुरानी नाव के सहारे लोग आवागमन करते हैं।
स्कूली बच्चों को परेशानी : इस दोनों गांवों के अधिकतर स्कूली बच्चों को नियमित पठन पाठन के लिए नाव के सहारे प्रतिदिन नदी पार कर अपने अपने विद्यालय पहुंचना होता है। जब तक बच्चे सकुशल घर वापस नही पहुंचते तब तक अभिभावक चिंतित रहते है। दूसरी ओर नाव से आवागमन के कारण निर्धारित समय पर बच्चे अपने स्कूल नहीं पहुंच पाते।
उपचार की समस्या : शकरपुर दियरा पंचायत के पूर्व मुखिया नारद मंडल, ग्रामीण किशोर मंडल ने बताया कि बाढ़ के दिनों में उपचार कराने में काफी परेशानी होती है। बीमार पड़ने पर रोगियों को समय पर डॉक्टर के यहा नहीं ले जाया जा सकता है।
मनधत टोला में सड़क पर बह रहा पानी : नवगछिया के इस्माईलपुर के कलबलिया धार पर बने बांध टूटने से कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। ग्रामीणों ने बताया कि परवत्ता, मेघलटोला, मनधतटोला, गोनरचक, मोतीटोला पचासी, नयाटोला, फुलकिया, केलाबाड़ी, भिट्ठा गांवों में बाढ़ का पानी आ गया है। मनधत टोला में सड़क के उपर से पानी बहने से लोगों को आवागमन की समस्या हो गई है। लोग बाढ़ के पानी से बचने के लिए उंचा स्थान पर अपने घरों के समान को पहुंचा रहे है। इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता और जल संसाधन विभाग को जानकारी दी गई है। परवत्ता में एक आवागमन के लिए एक नाव चलाया जा रहा है। और भी नाव चलाने की आवश्यकता है। बिनोवा बसगढ़ा में बाढ़ के पानी से खेतों में लगे मिर्च, मकई व सब्जी के फसल का नुकसान हुआ है। गोपालपुर प्रखंड के नवटोलिया बोचाही व अभिया बहियार में बाढ़ का पानी फैल रहा है। नवगछिया प्रखंड के गोनरचक बासा, बोरवा, तेतरी, आदि क्षेत्रों मे भी बाढ़ का आ गया है। राघोपुर अठगमा के लोगों के भी आवागमन के लिये नाव की आवश्यकता पर रही है परवत्ता मे एक नाव चल रहा है अभी और नाव चलाने की आवश्यकता है।
अनुमंडल के गंगा एवं कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। जिससे यहा पर बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है। नवगछिया बाढ़ नियंत्रण कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस्माईलपुर के बिंदटोली में गंगा नदी खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर उपर बह रहा है।
मदरौनी के पास भी कोसी नदी में जलस्तर की वृद्धि देखा गया है। जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि इस्माईलपुर के बिंदटोली के बीच सभी तटबंधों का जायजा लिया गया है। सभी तटबंध सुरक्षित है। तटबंध पर कैंप कर रहे अभियंताओं को आवश्यक निर्देश दिए गए है।
मदरौनी गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश किया : रंगरा चौक प्रखंड क्षेत्र के मदरौनी गांव में बाढ़ का पानी कई लोगों के घर में प्रवेश किया। बाढ़ का पानी देवेंद्र सिंह, पचानंद सिंह, वेदानंद सिंह, सुशिल सिंह, जयराम ठाकुर, वासुदेव ठाकुर, बबलू ठाकुर, भगत मंडल, डोमी मंडल, कुतरू मंडल सहित सैकड़ों घर बाढ़ के पानी के चपेट में आ गए है। पंचायत के मुखिया अजीत कुमार मुन्ना ने बताया कि बाढ़ का पानी सड़क पर आ जाने से लोगों की आवागमन की समस्या हो गई है। बाढ़ के पानी से गोढि़यारी टोला में 150 घर, ठाकुर टोला में एक सौ घर, राजपुत टोला में 50 घर प्रभावित है। सधुआ गांव को जाने वाली इकलौते सड़क पर बाढ़ का पानी रेलवे समपार फाटक के पास सड़क पर आ गया है। बाढ़ के पानी से लगभग आठ हजार लोगों को आवागमन की परेशानी हो रही हैं।
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