भागलपुर में मरीन ड्राइव निर्माण में अड़चन, बाढ़ नियंत्रण विभाग ने लौटाई एनओसी
बाढ़ नियंत्रण विभाग, भागलपुर ने मुंगेर के सफियाबाद से अजगैबीनाथ धाम और अजगैबीनाथ धाम से सबौर तक गंगा किनारे बनने वाले मरीन ड्राइव के निर्माण के लिए एन ...और पढ़ें

प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
जागरण संवाददाता, भागलपुर। मुंगेर के सफियाबाद से अजगैबीनाथ धाम (सुल्तानगंज) और अजगैबीनाथ धाम से सबौर तक गंगा किनारे बनने वाले मरीन ड्राइव के निर्माण के लिए बाढ़ नियंत्रण से संबंधित अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) का अनुरोध पत्र बाढ़ नियंत्रण कार्य प्रमंडल, भागलपुर ने लौटा दिया है।
यह अनुरोध पत्र अडाणी द्वारा भेजा गया था, जिसे विभाग ने नियमों का हवाला देते हुए वापस कर दिया। बाढ़ नियंत्रण कार्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता आदित्य प्रकाश ने बताया कि जिन नदियों में 50 हजार क्यूसेक से अधिक जल प्रवाह होता है, उनके लिए स्थानीय स्तर पर एनओसी जारी करने का प्रावधान नहीं है।
गंगा नदी में जल प्रवाह 50 हजार क्यूसेक से अधिक है, इसलिए प्रमंडल स्तर से एनओसी देना संभव नहीं है। ऐसे मामलों में एनओसी मुख्यालय स्तर से ही निर्गत की जा सकती है। इसी कारण एजेंसी का अनुरोध पत्र लौटाया गया है और आवश्यक प्रक्रिया की जानकारी भी दी गई है।
इस बीच, बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएसआरडीसीएल) द्वारा जिला प्रशासन को सौंपे गए भू-अर्जन प्रस्ताव (एलएपी) पर आगे की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसे परियोजना की महत्वपूर्ण औपचारिक शुरुआत माना जा रहा है।
बीएसआरडीसीएल जल्द ही अधियाचना जिला प्रशासन को भेजेगा, जिसके बाद भू-अर्जन कार्यालय जमीन चिह्नित करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
इस परियोजना का कार्य अडाणी को मिला है, और भूमि हस्तांतरण के बाद मशीनरी और श्रमिकों की तैनाती की जाएगी। विभाग ने सर्वे, माप-जोख, वर्क-बाउंड्री और मार्ग निर्धारण का प्रारंभिक खाका तैयार कर लिया है। मरीन ड्राइव के दो चरणों में निर्माण की लागत क्रमशः 4450.17 करोड़ और 3842.48 करोड़ रुपये होगी।

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