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पांच डकैतों को मिली पांच साल की कैद, वर्ष 2011 में बाराहाट रेलवे स्टेशन में हुई थी डकैती

बाराहाट रेल डकैती कांड का मास्टर माइंड मुक्ति दास अभी तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है। यह भी पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। इस मुकदमे का आरोपित चालक सर्वानंद राय बौंसी का रहने वाला है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 07 Dec 2018 08:26 PM (IST)Updated: Sat, 08 Dec 2018 07:50 AM (IST)
पांच डकैतों को मिली पांच साल की कैद, वर्ष 2011 में बाराहाट रेलवे स्टेशन में हुई थी डकैती
पांच डकैतों को मिली पांच साल की कैद, वर्ष 2011 में बाराहाट रेलवे स्टेशन में हुई थी डकैती

भागलपुर (जेएनएन)। सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को बाराहाट रेल डकैती कांड की सुनवाई पूरी करते हुए पांच अभियुक्तों को पांच-पांच साल की कैद और एक-एक हजार का जुर्माना सुनाया है। जिन अभियुक्तों को सजा सुनाई गई है उनमें पटना निवासी सुशील चौधरी, दानापुर निवासी हरदेव पासवान, पश्चिम बंगाल निवासी शफीक उल इस्लाम, माफी उल इस्लाम, नूर इस्लाम शामिल हैं। सरकार की ओर से इस मामले में अपर लोक अभियोजक जयप्रकाश यादव व्यास अदालत में उपस्थित थे।

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पानी पीने के बहाने वारदात को अंजाम देने पहुंचे थे डकैत

10 सितंबर 2011 की रात 12 बजे बांका के बाराहाट रेलवे स्टेशन पर डकैत पहुंचे। वहां प्लेटफार्म संख्या एक पर ड्यूटी कर रहे रेल थाने के सहायक अवर निरीक्षक लालधारी के पास पहुंच डकैतों ने कहा कि उन्हें प्यास लगी है। पानी पीना है। डकैतों के इस सवाल पर लालधारी ने उन्हें कुछ दूरी पर ही मौजूद चापानल को इशारे से दिखा वहां जाकर पानी पीने की बात कही। यात्री वेश में डकैत तुरंत चापानल तक पहुंच गए। वहां एक डकैत ने चापानल चलाया भी। फिर सभी वापस उतनी तेजी से लालधारी के पास लौट आए।

लालधारी से डकैतों ने कहा कि चापानल का पानी गंदा है। लाल पानी निकल रहा है। इतना बोल डकैतों लालधारी से कहा कि वह अपने कार्यालय का पानी ही पिलवा दे। इस पर लालधारी ने कहा कि वह ड्यूटी कर रहा है। डकैतों ने उसे अपनी बात पूरी करने से पूर्व ही कब्जे में ले लिया। उसे लेकर स्टेशन मास्टर के कक्ष में पहुंचे। वहां दोनों के हाथ पांव बांध दिए। फिर प्लेटफार्म पर घूमते पहुंचे रेल पोर्टर को भी पकड़ कर उसे भी हाथ पांव बांध कमरे के अंदर बंद कर बाहर से कुंडी लगा दी। इसके बाद डकैत आराम से स्टेशन की छत पर जाकर वहां लगे 50 से अधिक की संख्या में सोलर प्लेट खोल लिए। यह सब इतनी तेजी में हुआ कि पता लोगों को अगली सुबह ही लग सकी।

सूमो विक्टा से आए थे शातिर सोलर प्लेट समेट चलते बने

डकैती को अंजाम देने पहुंचे बदमाश सूमो विक्टा गाड़ी से पहुंचे थे। सोलर प्लेट लूटने के बाद उसे विक्टा गाड़ी में लाद कर तेजी से चलते बने। घटना की बाबत लालधारी ने 10-15 अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध डकैती की प्राथमिकी दर्ज कराई।

सूमो चालक की मोबाइल से खुला था डकैती का राज

रेल पुलिस ने थाना कांड संख्या 56/11 दर्ज करने के बाद कांड की तफ्तीश तो शुरू कर दी लेकिन आरंभ में पुलिस के हाथ खाली रहे। अचानक अनुसंधान के सिलसिले में विवेचना अधिकारी को घटना में प्रयुक्त सूमो विक्टा के चालक का मोबाइल नंबर ट्रेस हो गया। फिर तो घटना का उद्भेदन ही हो गया। चालक सर्वानंद राय के मोबाइल की निगरानी से कांड में शामिल दानापुर निवासी हरदेव पासवान गिरफ्तार कर लिया गया। उसके घर से लूटे गए 50 से अधिक सोलर प्लेट बरामद कर लिए गए थे।

मास्टर माइंड गिरफ्त से बाहर

इस चर्चित डकैती का मास्टर माइंड मुक्ति दास अभी तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है। यह भी पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। इस मुकदमे का आरोपित चालक सर्वानंद राय बौंसी क्षेत्र का रहने वाला है जिससे संबंधित मुकदमे में अलग से सुनवाई चल रही है। अभियोजन पक्ष से 8 गवाहों ने गवाही दी थी।


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