मूंग बुआई का अनुकूल समय, आमदनी के साथ-साथ बढ़ेगी उर्वराशक्ति, बांका में 7 हजार हेक्टेयर में होगी खेती
मूंग की बुआई का अनुकूल समय चल रहा है। इस समय बुआई करने से पैदावार अच्छी होगी। बांका में इस बार सात हजार हेक्टेयर में इसकी खेती होगी। इसके लिए किसानों को बीज भी उपलब्ध कराई जा रही है।

संवाद सूत्र, बांका। रबी फसल की कटाई के बाद खेत खाली रह जाते हैं। ऐसे खाली खेतों में मूंग की खेती कर किसान दोहरा मुनाफा कमा सकते हैं। इससे अच्छी आमदनी के साथ ही मिट्ठी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी। मूंग लगाने का समय दस अप्रैल है। वैसे पूरे अप्रैल तक मूंग की बोआई की जा सकती है।
- जिले में लगभग सात हजार हेक्टेयर में होती है मूंग की खेती, 10 से 15 अप्रैल तक मूंग की बोआई का अनुकूल समय माना जाता है
कृषि विज्ञान केंद्र के सस्य विज्ञानी डा. रघुवर साहू ने बताया कि किसान रबी फसल की कटाई के बाद अपने खाली खेतों में मूंग की खेती कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। इससे किसानों को आमदनी होने के साथ ही मूंग के पौधे खेतों में सड़ने से उससे खाद तैयार होगा। इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। जिले में लगभग सात हजार हेक्टेयर में मूंग की खेती की जाती है।
ऐसे करें मूंग की बोआई
गर्मा मूंग के बेहतर पैदावार के लिए मूंग की बोआई दस अप्रैल तक कद दी जानी चाहिए। वैसे किसान लेट वैराईटी के मूंग के बीज पूरे अप्रैल तक की जा सकती है। किसान बोआई के लिए प्रति हेक्टेयर 25 किलो बीज का प्रयोग कर सकते हैं। किसान उन्नत किस्म के बीज पूसा विशाल,मालवीय जनप्रिया, मेधा की बोआई कर अच्छी पैदावार ले सकते हैं।
आम के टिकोले पर दिख रहा कीट का असर
इस समय आम के टिकोले छोटे हैं, लेकिन अभी से इस पर कीट का असर दिख रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र बांका के वरीय विज्ञानी डा मुनेश्वर कुमार ने कहा कि अगर किसान इसकी देखरेख में लापवाही बरतेंगे तो इससे उन्हें काफी नुकशान होगा। अगर टिकोले पर कीट का असर दिख रहा है तो तुरंत दवा का छिड़काव करें। साथ ही जो टिकोला जमीन पर गिर गए हैं उसे इकट्ठा कर बगीचे से बाहर नष्ट करें।

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