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    बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे नकली मेवा, भागलपुर में प्रशासन ने लोगों को किया सावधान; इस तरह हो सकती है पहचान

    Updated: Wed, 30 Oct 2024 03:32 PM (IST)

    भागलपुर में दिवाली के मौके पर लोगों ने जमकर खरीदारी की। मिठाईयों की बिक्री अधिक हुई लेकिन दुकानदारों ने मिलावट का खेल भी खेला। प्रमंडलीय आयुक्त ने मिठाई दुकानों में जांच के निर्देश दिए। फूड इंस्पेक्टर ने तीन दुकानों से सैंपल लिए। मिलावट की पहचान करने के लिए मावा को उंगलियों पर मसलकर देखें असली मिठाइयां मुलायम और चिकनी होती हैं।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर जिले में दिवाली को लेकर लोगाें ने जमकर खरीदारी करते हैं।सजावटी से लेकर सबसे ज्यादा मिठाईयों की बिक्री होती है। भागलपुर शहरी क्षेत्र में दो करोड़ से अधिक का कारोबार होता है।

    मिठाईयों की मांग अधिक होने से दुकानदार मिलावट का खेल भी जमकर करते हैं, जिसका नुकसान सीधे-साधे लोगों के सेहत पर भी पड़ता है। मिठाई में मिलावट से लोगों को सतर्क रहना जरूरी है।

    आप जब भी मिठाई खरीदें उसे अच्छी तरह से जांच-परख लें, क्योंकि न सिर्फ मिठाईयों में मिलावट देखने को मिलता है बल्कि ज्यादातर दूध और मावा भी मिलावटी होते हैं। इन मिठाईयों को खाने के बाद आपका पेट खराब हो सकता है, बीमार भी पड़ सकते हैं।

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    इसपर लगाम लगाने के लिए प्रमंडलीय आयुक्त ने सोमवार को मिठाई दुकानों में जांच के निर्देश दिए। अब जिन फूड इंस्पेक्टर पर जांच की जिम्मेदारी है उनके पास दर्जनभर जिलों का प्रभार है। जिस रफ्तार से दुकानों की जांच होनी चाहिए वो नहीं हो पाया।

    महज नवगछिया क्षेत्र के तीन दुकानों में एसडीओ के साथ फूड इंस्पेक्टर ने खानापूरी के लिए जांच की। महराजा स्वीट्स, साेनी बेकरी व मकंदपुर में विश्वकर्मा स्वीट्स के यहां छापेमारी की गई। तीनों दुकानों से छह सैंपल लिया गया। इसकी जांच के बाद कार्रवाई होगी।

    मिलावट की पहचान ऐसे करें

    कुछ लोग दिवाली की मिठाई बाहर से खरीदने के बजाए घर में ही बनाते हैं, इसके लिए वह मावा मार्केट से खरीदते हैं, लेकिन आजकल मावे की शुद्धता पर प्रश्नचिन्ह लगने लगा है।

    अगर आपको शक है कि मावा शुद्ध नहीं है तो आप मावा खरीदते समय उसे उंगलियों पर मसलकर देखें। अगर यह दानेदार है तो इसमें मिलावट हो सकता है।

    दरअसल ऐसे मावे में क्रीम पूरी तरह से निकाल लिया जाता है और इसमें सिर्फ पाउडर बचता है। असली मिठाइयां मुलायम और चिकनी होती हैं, लेकिन मिठाई हार्ड या रूखी हो तो इसे खाने से बचें।

    नकली और असली की पहचान करना हो जाता है मुश्किल

    रसगुल्ला की गुणवत्ता जांच आसानी से कर सकेंगे। फूड इंस्पेक्टर इकबाल ने बताया कि रसगुल्ला हाथ से दबाने के बाद फैल जाता है और छोड़ने पर अपने गोल आकार में आ जाता है। मैदा मिश्रण करने के बाद रसगुल्ला हाथ से दबाने के बाद दबा रह जाता है। बिहार में दूध का उत्पादन अधिक होता है।

    कुछ दिनों पूर्व राज्य भर के जिलों में दूध के सैंपल की जांच की गई थी। इसमें सिंथेटिक की मात्रा अन्य राज्यों के अनुरूप नहीं मिली। मिलावटी मिठाई की पहचान उसके रंग, दुर्गंध और उस पर लगे सिल्वर वर्क से की जाती है।

    जिस मिठाई का रंग परिवर्तित हो जाए और उसे सूंघने पर अजीब सी दुर्गंध आए तो समझ लें कि मिठाई मिलावटी है और वह खराब हो चुकी है।

    पैसे ज्यादा कमाने के चक्कर में सिल्वर वर्क के बजाए एल्युमिनियम वर्क का प्रयोग करते हैं, जोकि काफी सस्ता और हानिकारक होता है। असली सिल्वर वर्क की पहचान यह है कि ये छूने पर उंगलियों पर नहीं लगता है। अगर यह आपकी उंगलियों में चिपक रहा है तो यह एल्युमिनियम वर्क हो सकता है।

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