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    बिहार के इस यूनिवर्सिटी में हुआ बड़ा घोटाला... MBA विभाग की सारी फाइलें जब्त, राज्यपाल ने दिए जांच के आदेश

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 02:07 AM (IST)

    TMBU Bhagalpur बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के एमबीए विभाग में वित्तीय अनियमितता की जांच के आदेश दिए हैं। यहां केवल दो अधिकारियों के हस्ताक्षर से सभी बिल पास हो गए। कुलपति प्रो. विमलेंदु शेखर झा ने सभी फाइलें जब्त कर ली हैं। पूर्व छात्र ने राजभवन से वित्तीय गड़बड़ी की शिकायत की थी।

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    TMBU Bhagalpur: बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने टीएमबीयू एमबीए विभाग में वित्तीय अनियमितता की जांच के आदेश दिए।

    संवाद सहयोगी, नाथनगर (भागलपुर)। TMBU Bhagalpur बिहार के तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के एमबीए विभाग में वित्त से संबंधित फाइलों को हाल ही में जब्त किया गया है। प्रारंभिक जांच में वित्तीय अनियमितता के गंभीर मामले सामने आए हैं। सभी पास किए गए बिलों पर केवल दो अधिकारियों और विभाग के निदेशक के हस्ताक्षर हैं। कुलसचिव के हस्ताक्षर किसी भी बिल पर नहीं हैं। शनिवार को प्रभारी कुलपति प्रो. विमलेंदु शेखर झा ने जब्त फाइलों को मंगवाया और एमबीए विभाग के निदेशक को पूछताछ के लिए बुलाया। कुलपति इन फाइलों की गहन जांच कर रहे हैं और रिपोर्ट तैयार करने का निर्णय लिया है।

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    जांच के दायरे में आएंगे अधिकारी

    विश्वविद्यालय के सूत्रों के अनुसार, जांच के दायरे में कुछ अन्य अधिकारियों के भी आने की संभावना है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद इसे राजभवन को भेजा जाएगा, जहां कार्रवाई के लिए निर्देश मांगे जा सकते हैं। कुलसचिव प्रो. रामाशीष पूर्वे ने बताया कि एमबीए विभाग से जब्त की गई फाइलें प्रभारी कुलपति को सौंप दी गई हैं। राजभवन ने 17 सितंबर को 24 मामलों की शिकायत का पत्र टीएमबीयू को भेजा था, जिसमें पूर्व छात्र संतोष कुमार श्रीवास्तव द्वारा की गई शिकायत भी शामिल है। राजभवन ने सभी मामलों में विश्वविद्यालय से 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है।

    नीतिगत निर्णय पर रोक के बाद भी भुगतान 

    सूत्रों के अनुसार, प्रभारी कुलपति ने फाइलों की जांच के दौरान पाया कि कुछ मामलों में भुगतान किया गया है, जबकि उस समय कुलपति रहे प्रो. जवाहर लाल के नीतिगत निर्णय पर राजभवन ने रोक लगा रखी थी। राजभवन ने 24 मई 2025 को पत्र जारी कर पूर्व कुलपति के नीतिगत निर्णयों पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद एमबीए विभाग को भुगतान किया गया है। ऐसे और भी मामले सामने आने की संभावना है।

    खरीदारी से जुड़ी फाइलें की गई थीं जब्त

    गौरतलब है कि पिछले सोमवार की देर शाम विश्वविद्यालय के अधिकारियों की टीम ने एमबीए विभाग में जाकर विभिन्न अलमारियों से किताबों की खरीद, फर्नीचर, पर्दे, डीजी जेनरेटर और ताले की खरीद से संबंधित फाइलें जब्त की थीं। ये सभी खरीदारी पूर्व कुलपति प्रो. जवाहर लाल के कार्यकाल में की गई थीं। विभाग के पूर्व छात्र संतोष कुमार श्रीवास्तव ने कुलाधिपति को लिखित शिकायत की थी, जिसमें पुस्तक और फर्नीचर खरीद में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया गया था।