Dr. Gaurishankar Rajhans passed away: भागलपुर के गौरव थे भारत के पूर्व राजदूत, राष्ट्रपति डा. शंकर दयाल शर्मा के थे मित्र, रामनाथ कोविन्द ने भी बुलाया था
Dr. Gaurishankar Rajhans passed away भागलपुर जिले के सुल्तानगंज के गौरव भारत के पूर्व राजदूत डा गौरीशंकर राजहंस का निधन हो गया। निधन की सूचना मिलने ही ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, सुल्तानगंज (भागलपुर)। Dr. Gaurishankar Rajhans passed away: भागलपुर के प्रसिद्ध चिकित्सक डा.एसएस राजहंस के अनुज डा. गौरीशंकर राजहंस का 20 दिसंबर 2021 (सोमवार) की सुबह निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। भागलपुर जिले के सुल्तानगंज के मुरारका महाविद्यालय के व्याख्याता से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले डा. राजहंस पत्रकारिता के रास्ते चलते हुए एक प्रसिद्ध प्रिंट मीडिया के प्रबंध निदेशक पद को भी उन्होंंने सुशोभित किया। वे बिहार के मधुवनी जिले के झंझारपुर से कांग्रेस के सांसद भी रहे। इसके बाद उन्होंने लाओस और कंबोडिया में भारत के राजदूत के पद पर देश का कुशल प्रतिनिधित्व किया। डा.राजहंस दैनिक जागरण और अन्य अखबारों के संपादकीय पृष्ठ पर देश के ज्वलंत मुद्दों पर अपने आलेखों के कारण छाए रहते थे।

सोमवार की सुबह स्व.राजहंस के कनिष्ठ भ्राता कनाडा निवासी डा. ज्ञानशंकर राजहंस ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से जैसे ही उनके निधन की सूचना चलाई पूरा शहर शोकाकुल हो गया। उनके सुल्तानगंज स्थित पैतृक निवास पर आकर उनके सबसे बड़े भाई डा. शिवशंकर राजहंस से मिलकर लोगों ने शोक संवेदनाएं प्रकट की। उनके निधन पर डॉ. शुभतोष बागची, विनोद मुरारका, अरविंद राजहंस, शंभूनाथ झा, रत्नेश्वर ठाकुर सहित कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष विनय शर्मा सहित भोला चौधरी, अचल झा, शेख अयूब इस्लाही, विभूति भूषण सिन्हा, दिलीप सिंह, बासुदेव रामुक़ा, दिलीप यादव, संजीव झा, संजय जैन, सुबोध कुमार, अनुज साह, जय प्रकाश पासवान, लखन मंडल, अरुण ठाकुर आदि कई कांग्रेसी नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के थे मित्र
डा. गौरीशंकर राजहंस के मित्र भारत के पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने थे। वे अक्सर उनसे मिलने जाते थे। राष्ट्रपति रहने के बावजूद भी शंकर दयाल शर्मा जब भी डा. गौरीशंकर राजहंस के मिलते थे, दोनों में गर्म जोशी के साथ बातचीत होती थी। कई मुद्दों पर चर्चा होती थी। चर्चा के दौरान हास्य और विनोद भी होते रहता था। अक्सर दोनों अकेले मिलते थे। इसके अलावा कई बार वे वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने भी मिलने बुलाया था।

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