Homeopath: भाई, बेटा और दोस्त बनकर मरीजों की सेवा करते हैं नीतीश दुबे
Doctors day होमियोपैथ प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। होमियोपैथ को भारत का आध्यात्म कहा जाता है जबकि जर्मन का विज्ञान इसे कहते हैं। होमियोपैथ चिकित्सक डा. नीतीश चंद्र दुबे ने इस चिकित्सा पद्धति की खासियत को इस तरह बताया।
जागरण संवाददाता, मुंगेर। Doctors day: देश और विदेश में अपनी प्रतिभा का डंका बजाने वाले होमियोपैथ चिकित्सक डा. नीतीश चंद्र दुबे का स्वभाव ही उनकी पहचान है। मुंगेर के बरियारपुर प्रखंड के कल्याणपुर गांव के रहने वाले डा. दुबे गरीब और असहाय लोगों के लिए किसी भगवान से कम नहीं है। ऐसे मरीजों की सेवा समर्पण भाव से करते हैं। जिस उम्र के मरीज उनके पास इलाज करने पहुंचते हैं उनकी सेवा भाई-बेटा और दोस्त बनकर करते हैं। डाक्टर्स डे पर बातचीत में डा. नीतीश ने कहा कि होमियोपैथ भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति का जर्मन वैज्ञानिक रूप है। होमियोपैथ को भारत का आध्यात्म और जर्मन का विज्ञान कहा जाता है। डा. दुबे ने कहा कि नियमित दिनचर्या को जीवनशैली बनाकर हम स्वस्थ्य और खुशहाल जीवन जी सकते हैं। दवा खाना एक कर्ज के समान है। कर्ज से कभी जीवन खुशहाल नहीं होता है।
कोरोना काल में निश्शुल्क बाटी दवाइयां
कोरोना की पहली और दूसरी लहर में शहर से ग्रामीण क्षेत्रों में निश्शुल्क दवाइयों का वितरण किया। डा. दुबे ने कहा कि संकट के समय होम्योपैथ ने अपनी ताकत दिखाई है। आज भी कोरोना को लेकर होम्योपैथ एक ताकतवर विकल्प के रूप में सामने आया है। नियमित दिनचर्या और संयमित जीवन पूंजी निवेश हैं। जमा पूंजी जीवन में खुशहाली लाती है। होमियोपैथ सबसे कारगर चिकित्सीय माध्यम है। इसमें रोग का नहीं रोगी का उपचार किया जाता है। रोगी स्वस्थ्य होता है, तो उसकी सभी बीमारी दूर हो जाती है।