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    भागलपुर में जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव 26 को, मौज-मस्ती में डूबे पार्षद

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 11:32 AM (IST)

    भागलपुर में जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव 26 दिसंबर को होगा। पूर्व अध्यक्ष अनंत कुमार और विपिन कुमार मंडल मैदान में हैं। वर्तमान में अनंत कुमार सक्रिय ह ...और पढ़ें

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    समुद्र में मौज-मस्ती करते पार्षद व उनके परिजन। (जागरण)

    नवनीत मिश्र, भागलपुर। जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव 26 दिसंबर को होगा। इसकी तैयारी जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है। जिला परिषद अध्यक्ष की कुर्सी के लिए दो प्रमुख गुट आमने-सामने हैं।

    पूर्व अध्यक्ष अनंत कुमार और सदस्य विपिन कुमार मंडल अध्यक्ष पद के लिए चुनावी मैदान में हैं। वर्तमान में अनंत कुमार सक्रिय हैं और उनके साथ लगभग दो दर्जन पार्षद हैं। अनंत कुमार की ओर से पार्षदों को पुरी की यात्रा कराई जा रही है।

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    इस बीच, अध्यक्ष चुनाव को लेकर पार्षद मौज-मस्ती में डूबे हुए हैं और समुद्र के स्नान का आनंद ले रहे हैं। कई पार्षदों के पुत्र और पति भी इस मौज-मस्ती में शामिल हैं और अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं।

    क्षेत्र में लगातार कर रहे भ्रमण

    हालांकि, अनंत कुमार के करीबी पार्षद गौरव राय का कहना है कि वे अपने क्षेत्र में लगातार भ्रमण कर रहे हैं। पूर्व जिप अध्यक्ष अनंत कुमार ने दावा किया है कि 22 पार्षद उनके साथ हैं, लेकिन उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि वे कहां हैं।

    हालांकि, पुरी में रहने की बात उन्होंने स्वीकार की। अध्यक्ष पद के चुनाव की घोषणा होते ही पार्षदों की मौज-मस्ती शुरू हो गई है। अविश्वास प्रस्ताव में निवर्तमान अध्यक्ष मिथुन कुमार का समर्थन करने वाले पार्षद अब फिर से अनंत कुमार के साथ खड़े हो गए हैं।

    अनंत कुमार को अध्यक्ष बनाने वाले कई पार्षद दो वर्ष बाद मिथुन कुमार के साथ हो गए थे, जिसके कारण अनंत कुमार को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भी मिथुन कुमार के साथ काफी मौज-मस्ती की गई थी, जिसमें तीन महीने से अधिक समय तक झारखंड के एक रिसोर्ट में समय बिताया गया था।

    पार्षदों के परिजनों की मौज-मस्ती सबसे अधिक होती है। चुनाव के ठीक पहले शहर से बाहर रखे गए पार्षदों को वापस लाया जाता है ताकि वे चुनाव में भाग ले सकें।

    विपिन कुमार मंडल, जो दूसरे उम्मीदवार हैं, का कार्यालय आना-जाना लगभग रोजाना हो रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि मिथुन कुमार को अध्यक्ष बनाने में जो पार्षद उनके साथ थे, वे सभी उनके पक्ष में वोट देंगे।

    अध्यक्ष की कुर्सी पर कौन बैठेगा, यह 26 दिसंबर को स्पष्ट होगा, लेकिन इस बीच पार्षदों और उनके परिजनों की मौज-मस्ती जारी रहेगी।

    तीन माह से कार्य ठप

    जिला परिषद का कार्यकाल चार वर्ष पूरा हो चुका है। इन चार वर्षों में एक वर्ष लोकसभा, विधानसभा चुनाव और अविश्वास प्रस्ताव के कारण कार्य नहीं हो सका। उपविकास आयुक्त के ट्रांसफर के कारण भी कार्य पर असर पड़ा है। पिछले तीन महीने से कोई कार्य नहीं हो पा रहा है।

    विधानसभा चुनाव में जिप अध्यक्ष मिथुन कुमार ने चुनाव लड़ा और जीतने के बाद त्यागपत्र दे दिया, जिसके कारण अध्यक्ष पद का चुनाव होना आवश्यक हो गया है। वर्तमान में, नियमों के अनुसार उपाध्यक्ष ने अध्यक्ष का प्रभार लिया है, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्य नहीं हो रहा है। न तो बकाए का भुगतान हो रहा है और न ही नए कार्यों के लिए प्रशासनिक स्वीकृति मिल रही है।