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    Desi Indian कलाकारों का Dark Life... रिश्तों के नाटक का कुछ यूं दिखा काला सच; शानदार प्रस्तुति से जगीं संवेदनाएं

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 01:22 AM (IST)

    Bhagalpur News भागलपुर के कलाकारों ने डार्क लाइफ नाटक का शानदार मंचन किया। टाउन हाल के प्रांगण में आधुनिक समाज के खोखलेपन को मंच पर उकेरते हुए कलाकारों ने रिश्तों संवेदनाओं और आत्मिक सच से कटे समाज की बखूबी पड़ताल की। इस दौरान बड़ी संख्या में दर्शकों ने तन्मयता पूरे भाव और चेतना से इस सामाजिक विमर्श को आत्मसात किया।

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    Bhagalpur News भागलपुर के मंजे हुए कलाकारों ने डार्क लाइफ नाटक का रविवार को टाउन हाल में शानदार मंचन किया।

    जागरण संवाददाता,भागलपुर। Bhagalpur News टाउन हाल में रविवार की देर संध्या सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था संबंध द्वारा चर्चित नाटक डार्क लाइफ का मंचन किया गया। नाटक की प्रस्तुति शुरू होते ही हाल में मौजूद दर्शकों ने गहरी तन्मयता, पूरे भाव और चेतना से इस सामाजिक विमर्श को आत्मसात किया। यह आयोजन संस्था की दस वर्षों की सांस्कृतिक यात्रा का एक प्रतीकात्मक पड़ाव रहा।

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    डार्क लाइफ की कहानी आज के उस समाज पर केंद्रित रही, जहां चमक-धमक और भौतिक चक्रव्यूह में इंसान खुद से, अपने रिश्तों से और अपने आत्मिक स्वरूप से कटता जा रहा है। नाटक ने इस अंधेरे को भीतर से टटोलने और उजागर करने का साहसिक प्रयास किया।

    मंच पर जीवंतता भरने वाले कलाकारों ने अपने गहन अभिनय, सशक्त संवाद और भाव-भंगिमा के माध्यम से समाज के उस भीतरी अंधकार को दर्शाया, जिसमें आज का मनुष्य खोता जा रहा है। अभिनय में ऐसी आत्मीयता थी कि हर पात्र दर्शकों के अंतर्मन को छू गया।

    मंच पर पीड़ा, द्वंद्व, संवेदना और चेतना एक साथ उभरकर सामने आए। किसी ने आक्रोश को स्वर दिया तो किसी ने मौन की पीड़ा को जीवंत कर दिया। यह प्रस्तुति केवल अभिनय नहीं, बल्कि एक मानसिक और भावनात्मक यात्रा थी, जिसने सोचने पर विवश कर दिया।

    कार्यक्रम की शुरुआत संस्था की ओर से स्वागत भाषण से हुई, जिसमें संबंध की स्थापना, उद्देश्य और सांस्कृतिक हस्तक्षेपों पर प्रकाश डाला गया। इस नाटक का निर्देशन भागलपुर के युवा और गंभीर रंगकर्मी रितेश रंजन ने किया। जिनकी रंगमंचीय पृष्ठभूमि भारतेंदु नाट्य अकादमी, सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट कोलकाता, और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से जुड़ी रही है।

    यह प्रस्तुति उनके वर्षों के अभ्यास, सामाजिक समझ और संवेदनशील निर्देशन दृष्टि की सशक्त अभिव्यक्ति रही। वहीं कलाकारों में सुमित कुमार मिश्रा, शशिकांत, श्रेया, उमा भारती, आयुष चंद्र झा, सूर्यांश साकेत, प्रेम सागर, सानू कुमार और आशीष कुमार शामिल रहे।

    प्रकाश परिकल्पना में विनय कुमार और रितिक राय, संगीत संयोजन में सुमित मिश्रा, जबकि वेश विन्यास और प्राप्स संचालन में कई युवा कलाकारों का योगदान उल्लेखनीय रहा। वहीं दर्शकों में इं. अंशु सिंह, राजीव कांत मिश्रा, आनंद चौधरी, डॉ. चंद्रेश, प्रवीर, के के सिंह, आशुतोष राय सहित बड़ी संख्या में रंगप्रेमी उपस्थित थे।