बिहार के इस भाजपा विधायक को अदालत ने दी बड़ी राहत, साक्ष्य के अभाव में किया रिहा
आदर्श आचार संहिता उलंघन मामले में बरी हुए भागलपुर जिले के कहलगांव भाजपा विधायक पवन यादव। अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-दो रागिनी कुमारी की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में किया रिहा। 2015 में विधानसभा चुनाव के दौरान कहलगांव थाने में दर्ज कराया गया था केस।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। विधानसभा चुनाव के दौरान 2015 में बिजली के पोल पर टंगे पोस्टर को लेकर कहलगांव थाने में दर्ज कराये गए आदर्श चुनाव आचार संहिता उलंघन के एक मुकदमे में कहलगांव के भाजपा विधायक पवन कुमार यादव सोमवार को बरी कर दिये गए। अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-दो रागिनी कुमारी ने सुनवाई के दौरान साक्ष्य के अभाव में विधायक पवन कुमार यादव को बरी कर दिया। विधायक व्यवहार न्यायालय परिसर में सुनवाई के पहले से ही अकेले अपने अधिवक्ता हिमांशु कुमार के साथ पहुंचे थे।
न्यायालय के फैसले बाद अदालत परिसर से जब विधायक बाहर निकल कर आए तो उन्हें समर्थकों के जत्थे ने घेर लिया। विधायक ने पूछे जाने पर बताया कि कहलगांव में 2015 में विधानसभा चुनाव के दौरान उनके विरुद्ध् आदर्श चुनाव आचार संहिता के उलंघन का मामला दर्ज किया गया था, जिसकी जानकारी बाद में हुई थी। हालांकि वह तय तिथि पर उपस्थित होते रहे थे। उन्होंने कहा कि वह जब भी चुनावी मैदान में उतरे सादगी और शालीनता से लड़े जिसके बूते इलाके के लोगों ने उनपर विश्वास जताते हुए सदन पहुंचाया। समर्थकों से घिरे विधायक कुछ देर रुकने के बाद कहलगांव रवाना हो गए।
समर्थकों ने कहा हमारे नेता की सादगी ही दिल्ली भी पहुंचाएगी
विधायक पवन कुमार यादव के समर्थकों में उत्साह काफी था। वह रास्ते में धार्मिक स्थलों पर मत्था टेकते गए। कचहरी चौक पर समर्थकों ने कहा कि उनके नेता की सादगी ही उन्हें सदन का रास्ता दिखाया। लोगों ने उनकी सादगी को पसंद कर उन्हें चुना। समर्थकों ने कहा कि वह दिन भी दूर नहीं जब उन्हें दिल्ली भी पहुंचाएगी। समर्थकों ने एक-दूसरे को मिठाइयां खिला खुशी का इजहार किया।
पहली बार बने हैं विधायक
कहलगांव विधानसभा से पहली बार पवन कुमार यादव भाजपा के विधायक बने। इस बार उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता सदानंद सिंह के पुत्र शुभानंद मुकेश को हराया था। हालांकि हाल में शुभानंद मुकेश जदयू ज्वाइन कर गए।
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