Corona effect : प्रवासियों को लेकर कटिहार की जगह ट्रेन आ गई भागलपुर, रेलवे ने दिया अजीब तर्क
Corona effect प्रवासियों को लेकर कटिहार आ रही ट्रेन भागलपुर पहुंच गई। भागलपुर रेलवे जंक्शन पर प्रवासियों को भोजन दिया गया। लेकिन रेलवे ने जो तर्क दिए वह अजीब है। जानिए।
भागलपुर [रजनीश]। श्रमिक स्पेशल ट्रेन मंगलवार को कटिहार की जगह भागलपुर पहुंच गई। वैसे, तर्क भी अजीब कि यात्रियों को नाश्ता कराना था। रेल प्रशासन सरकार पर ठीकरा फोड़ रहा, जबकि जिला प्रशासन कह रहा, उसे तो जानकारी तक नहीं। इसे समन्वय का अभाव कहें या परिचालन को लेकर अनिश्चितता। भुगत रहे यात्री। करीब सवा घंटे बाद पौने छह बजे शाम में इसे रतनपुर-मुंगेर-खगडिय़ाके रास्ते कटिहार के लिए रवाना किया गया। मालदा मंडल के डीआरएम यतेंद्र कुमार ने कहा कि ट्रेन सरकार के निर्देश पर ही पहले भागलपुर भेजी गई, क्योंकि यहां जिला प्रशासन ने नाश्ते-पानी की व्यवस्था की थी। इसकी सूचना सरकार के स्तर से ही दी जानी चाहिए थी। पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ राजेश कुमार ने कहा कि बिहार आने वाली ट्रेन किस स्टेशन पर जाएगी और रूट क्या होगा, यह राज्य सरकार की ओर से तय किया जाता है। स्थानीय प्रशासन अपनी सुविधानुसार ट्रेन संबंधित स्टेशन पर मंगाता है। वहीं, यात्रियों की देखरेख के लिए जिला प्रशासन की ओर से प्रतिनियुक्त भूमि सुधार उप समाहर्ता ब्रजेश कुमार ने कहा कि रेलवे ही बता सकता है कि ट्रेन यहां कैसे आ गई। उन्हें जानकारी दी गई तो नाश्ते की व्यवस्था की।
तर्क ट्रैफिक लोड का भी
रेलवे का तर्क यह भी कि इस समय सबसे ज्यादा ट्रेनें बिहार और उत्तरप्रदेश के लिए खुल रही हैं। सामान्य दिनों में इतनी ट्रेनें नहीं होती हैं। ट्रैफिक लोड बढऩे के कारण रूट भी बदलना पड़ रहा है। हालांकि, इस पर कोई भी स्पष्ट नहीं बता रहा कि अचानक बदलाव क्यों। ट्रेनें चार से 18 घंटे तक विलंब से आ रही हैं।
विलंब की एक वजह मेंटनेंस
अभी दिल्ली और पंजाब को छोड़कर बेंगलुरु, अहमदाबाद, मुंबई, सिकंदराबाद, राजकोट से आने वाली ट्रेनों का रखरखाव भागलपुर में किया जा रहा है। एक ट्रेन के मेंटनेंस में सात से आठ घंटे लगते हैं, इसके बाद खाली रैक संबंधित स्टेशन के लिए रवाना की जाती है। जिन स्टेशनों से भागलपुर के लिए ट्रेनें खुल रही हैं, वहां से भी चार से आठ घंटे का विलंब हो रहा है।
केस स्टडी एक - जालंधर से खुली ट्रेन को 25 मई की रात भागलपुर पहुंचना था। यह ट्रेन सात घंटे विलंब से 26 मई की सुबह पहुंची।
केस स्टडी दो - 23 मई को गुजरात के वापी स्टेशन से भागलपुर के लिए ट्रेन चलनी थी। ट्रेन वहां से छह घंटे देर से खुली। 12 घंटे विलंब से 25 की बजाय 26 मई को भागलपुर पहुंची।
80 से 85 फीसद श्रमिक ट्रेनें बिहार और उत्तरप्रदेश के लिए चल रही हैं, जिससे इन रूटों पर ट्रैफिक लोड बढ़ गया है। रेलवे रूट बदलकर प्रवासियों को गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचा रहा है। ट्रेनें कुछ लेट हो रही हैं। -रवींद्र भकर, सीपीआरओ
पश्चिम रेलवे, मुंबई
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