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    डान पप्पू देव की पुलिस कस्टडी में मौत कैसे? कांग्रेस विधायक दल के नेता ने बिहार विधानसभा में उठाए सवाल

    By Abhishek KumarEdited By:
    Updated: Thu, 24 Feb 2022 02:01 PM (IST)

    डान पप्‍पू देव की पुलिस कस्‍टडी में मौत कैसे? इस प्रश्‍न को बिहार विधानसभा में उठाया गया है। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने इस प्रश्‍न को उठाया है। उन्‍होंने पूछा है कि पुलिस कस्‍टडी में मौत के बाद उनके शरीर पर कई...

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    बिहार के डान पप्‍पू देव। फाइल फोटो।

    आनलाइन डेस्‍क, भागलपुर। बिहार के डान पप्‍पू देव (Don Pappu Dev) की मौत को दो महीने से अधिक हो गए हैं, लेकिन एक बार फ‍िर यह मामला गरमाने लगा है। "डान पप्‍पु देव की पुलिस कस्‍टडी में मौत कैसे?" इस सवाल को अब बिहार विधानसभा में उठाया गया है। कांग्रेस विधायक दल के नेता अ‍जीत शर्मा ने सदर ने इस पर सरकार से जवाब मांगा है। 

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    उन्‍होंने गृह विभाग से तीन सवाल पूछे हैं:- 

    1. "क्‍या यह बात सही है कि दिनांक 18 दिसंबर 2021 को सहरसा जिला मुख्‍यालय से संजय देव उर्फ पप्‍पू देव को पुलिस हिरासत में लिया गया तथा पुलिस की बर्बर पिटाई से हिरासत में उनकी स्‍थ‍िति खराब हो गई तथा अस्‍पताल जाने पर मौत हो गई? "

    2. "क्‍या यह बात सही है कि पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में पप्‍पू देव के शरीर पर बीस से अध‍िक घातक चोट के निशान पाए गए हैं?" 

    3. "यदि उपर्युक्‍त खंडों के उत्तर स्‍वीकारात्‍मक हैं तो क्‍या सरकार पप्‍पू देव की पुलिस हिरासत में हुई मौत की उच्‍च स्‍तरीय जांच कराने का विचार रखती है, नहीं तो क्‍यों? "

    खुद ट्वीट कर दी जानकारी 

    कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने इस मामले की जानकारी खुद ट्वीट कर दी। उन्‍होने कहा है- "पप्‍पू देव की पुलिस कस्‍टडी में हुई हत्‍या की जांच कराए जाने की मांग मैंने सदन में प्रश्‍न के माध्‍यम से की है। सरकार का उत्तर आने पर उत्तर से भी आप सबों को अवगत कराऊंंगा।"  

    18 दिसंबर को हुई थी मौत 

    बिहार के डान पप्‍पू देव की 18 दिसंबर को मौत हो गई थी। पुलिस कस्‍टडी में मौत के बाद काफी बवाल हुआ था। उनके समर्थक रोड पर उतर आए थे। समर्थकों का कहना है कि पुलिस की पिटाई से उनकी मौत हुई थी, जबकि पुलिस ने अनुसार इलाज के दौरान अस्‍पताल में उनकी मौत हुई है। इस मामले में उच्‍च स्‍तरीय जांच की मांग की जा रही है। 

     90 के दशक में बोलती थी तूती 

    बिहार के 'अंडरवर्ल्‍ड' में एक दशक तक पप्‍पू देव की तूती बोलती थी। यह 90 का दशक था। पप्‍पू देव का नेटवर्क बिहार के कई जिलों में फैला था। इसके अलावा सीमा पार की वारदातों में भी पप्‍पू देव का नाम शामिल रहा था। साल 2009 में वह नेपाल की जेल में भी बंद रहा था।