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    देशभर के फिश बाक्स की रौनक बढाएंगी कोसी की रंगीन मछलियां, महिला मत्स्य पालकों को पीएम मोदी की योजना से मिलेगा विशेष पैकेज

    By Shivam BajpaiEdited By:
    Updated: Tue, 21 Dec 2021 07:03 AM (IST)

    कोसी की मछलियां अब घर की शोभा बढ़ाएंगी। फिश बॉक्स में इनकी अठखेलियां देखते ही बनेंगी। रंगीन मछलियों की विभिन्न प्रजातियों का उत्पादन कोसी के मत्स्य पा ...और पढ़ें

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    फिश बॉक्स के साथ-साथ घर की शोभा बढ़ाएंगी मछलियां।

    कुंदन कुमार, सहरसा: कोसी क्षेत्र में देसी और विदेशी रंगीन मछली का उत्पादन होगा। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से इसके लिए विशेष रणनीति बनाई गई है। कोसी इलाके से यह मछली देशभर में लोगों के घरों में फिश बाक्स में सजाने के लिए भेजा जाएगा। इस योजना के तहत कोसी क्षेत्र बाघी, मोई, खेसरा आदि के अलावा गोल्ड फिश, एंजल, सुबरकीन आदि का बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा, जो मत्स्यपालकों को काफी लाभांवित करेगा। इस मछली के उत्पादन हेतु मत्स्यपालकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर उन जगहों पर चयनित मत्स्य पालकों को भ्रमण भी कराया जाएगा, जहां इन मछली का उत्पादन होगा।

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    महिला मत्स्य पालकों को मिलेगा विशेष अनुदान

    प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से जहां कई मत्स्यपालन की कई योजनाएं चलाई जा रही है। वहीं इस क्षेत्र में रंगीन मछली के उत्पादन हेतु पुरूष मत्स्य पालक को लागत मूल्य पर 40 फीसद अनुदान दिया जाएगा। वहीं सभी वर्ग की महिलाओं और अनुसूचित जाति- जनजाति के लाभुकों को रंगीन मछली पालन हेतु 60 फीसद अनुदान दिया जाएगा। ताकि इस योजना को बढ़ावा मिल सके।

    ऐसे मिलेगा योजना का लाभ

    रंगीन मत्स्यपालन के लिए विभाग द्वारा आनलाइन आवेदन की व्यवस्था की गई है। पुरूष, महिला व अनुसूचित जाति- जनजाति के वैसे लोग जो मछली पालन में रूचि रखते हैं। वे अपने जमीन के कागजात, आधार कार्ड, पासबुक, जाति व निवास प्रमाणपत्र के आधार पर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिलास्तरीय कमेटी द्वारा इसकी स्वीकृति प्रदान की जाएगी। मत्स्य पालकों के इस रंगीन मछली को विभिन्न जगह पर भेजने के लिए भी विभाग द्वारा व्यवस्था की जाएगी।

    'कोसी क्षेत्र में सभी मछलियों के बड़े पैमाने पर उत्पादन की संभावना है। अबतक रंगीन मछलियां दूसरे जगह से हमारे राज्य में मंगाई जाती थी, इस इलाके में उत्पादन से इसे दूर- दूर तक भेजा जाएगा। इससे मत्स्यपालक काफी लाभांवित होंगे।'- अंजनी कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी, सहरसा।