Chitragupta Puja 2021: भागलपुर में श्रद्धा से की गई भगवान चित्रगुप्त के साथ कलम-दवात और बही-खातों की पूजा
Chitragupta Puja 2021 भागलपुर में श्रद्धा के साथ भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना की गई। इस दौरान लोगों ने कलम-दवात और बही-खाते की पूजा की। भागलपुर शह ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी,भागलपुर। देवताओं के लेखपाल भगवान चित्रगुप्त की पूजा शहर में लोगों ने श्रद्धा के साथ किया। मनुष्यों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा चित्रगुप्तजी रखते हैं। उनकी पूजा के दिन नई कलम दवात या लेखनी की पूजा उनके प्रतिरूप के तौर पर की जाती है। लेखनी की पूजा से वाणी और विद्या का वरदान मिलता है।
कायस्थ या व्यापारी वर्ग के लिए चित्रगुप्त पूजा दिन से ही नववर्ष का आगाज माना जाता है। इस दिन व्यापारी नए बही खातों की पूजा करते है। नए बहीखातों पर Óश्रीÓ लिखकर कार्य प्रारंभ करने का विधान है।
शनिवार को शहर और आसपास चित्रगुप्त पूजा मनाया गया। इस अवसर पर कृष्णा कलायन कला केंद्र की निदेशक श्वेता सुमन के निर्देशन में सांस्कृतिक संध्या , भोग ,प्रसाद का आयोजन किया गया।
इसके आयोजन समिति में हरीश सिन्हा,तरुण घोष,प्रणबदास एवं अनुपमा सिंह है। इस अवसर पर 108 मंगलदीप जलाकर समस्त वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा के लिए प्रार्थना की गई। सांस्कृतिक संध्या में अपनी प्रस्तुति से इस संस्था से जुड़े कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर ब्रह्मा जी की काया से उत्पन्न देवलोक में धर्मराज के नाम से जाना जाने वाले कलम के अधिष्ठाता भगवान चित्रगुप्त जी की आराधना आरती की गई एवं अपने कुल के गौरव एवं महान हस्तियों को याद किया गया जिनका राष्ट्र निर्माण एवं समाज में अलग अलग क्षेत्रों में योगदान रहा है। स्वामी विवेकानंद जी ,डा. राजेन्द्र प्रसाद ,लाल बहादुर शास्त्री,इसकोन के संस्थापक प्रभुपाद,मुंशी प्रेमचंद,गोपालदास नीरज,भारतीय संविधान की प्रथम प्रति लिखने वाले प्रेम बिहार रायजादा,किशोर कुमार ,स्वामी निरंजना नंद सरस्वती आदि को याद किया, और आजीवन इन महान विभूतियों से प्रेरणा ले कर जीवन जीने का संकल्प लिया ।
शहर के सभी गणमान्य प्रबुद्धजन,समाजसेवियों ने इस अवसर पर शिरकत की ।कार्यक्रम का संचालन केंद्र निदेशक श्वेता सुमन ने किया।मुख्य अतिथि मिथिलेश सिंह सीटीएस प्राचार्य, डॉ वीणा यादव,प्रशांत विक्रम ,ईशान सिन्हा आदि ने दीप प्रज्ज्वलन कर प्रारंभ किया। कई मुहल्लों में चित्रगुप्त भगवान की प्रतिमा स्थापित किया गया है जिसकी पूजा अर्चना किया जा रहा है।

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