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चंडिका स्थान: बिहार के इस शक्तिपीठ में मां की बाईं आंख की होती है पूजा, यहां अंगराज कर्ण दान करते थे सोना

मां चंडिका स्थान मुंगेर बिहार के इस शक्तिपीठ की ख्‍याति काफी है। प्रतिदिन यहां काफी संख्‍या में लोग आते हैं। यहां मां की बाईं आंख की पूजा की जा रही है। यहां की यह अद्भुत परंपरा है। महाभारतकाल में इस स्‍थान का वर्णन है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Mon, 26 Sep 2022 08:37 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 10:01 AM (IST)
चंडिका स्थान: बिहार के इस शक्तिपीठ में मां की बाईं आंख की होती है पूजा, यहां अंगराज कर्ण दान करते थे सोना
मां चंडिका स्थान मुंगेर : दुर्गा पूजा में होती है यहां विशेष पूजा।

मुंगेर, जागरण संवाददाता। देश के 52 शक्तिपीठों में मुंगेर का चंडिका स्थान भी शामिल है। नवरात्र में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। मान्‍यता है कि यहां देवी सती का नेत्र गिरा था। इसके बाद यहां मंदिर की स्थापना हुई थी। शक्तिपीठ में मां की बाईं आंख की पूजा की जाती है। मंदिर के पुजारी नंदन बाबा ने बताया कि कि यहां अंग प्रदेश के राजा कर्ण हर दिन सवा मन सोना दान करते थे। महाभारतकाल में इसका वर्णन भी है।

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नवरात्र के दौरान सुबह तीन बजे से ही माता की पूजा शुरू हो जाती है, संध्या में विशेष पूजन होता है। नवरात्र अष्टमी के दिन यहां खास पूजा होती है, इस दिन माता का भव्य शृंगार किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले लोगों की सभी मनोकामना मां पूर्ण करती हैं। मुंगेर ही नहीं बल्‍क‍ि बिहार व भारत से यहां श्रद्धालु आते हैं। मां चंडिका देवी के भक्‍त विदेशों में भी हैं। दुर्गा पूजा के अवसर पर वे भी यहां आते हैं।   

माता की पूजा के लिए दूर-दराज से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। चैत और शारदीय नवरात्र में भीड़ ज्यादा होती है। यहां पूजा करने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं होती है। श्रद्धालु आस्था पूर्वक पूजा करते हैं। सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद को माता पूरा करती है। इस बार पूजा करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा उमड़ने की संभावना है। - नंदन बाबा, पुजारी, चंडिका स्थान चंडिका स्थान

चंडिका स्थान धार्मिक न्यास समिति के सचिव सौरव निधि के अनुसार मंदिर का स्वरूप बदल गया है। यहां के पुजारी और सेवादार ड्रेस कोड और परिचय पत्र के साथ रहेंगे। इससे श्रद्धालुओं को ढूंढने में परेशानी नहीं होगी। पूजन के लिए राशि निर्धारित की गई है। नवरात्र के समय में यहां का माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो जाता है। नवरात्र में श्रद्धालुओं की भीड़ अन्य दिनों की तुलना में पांच से छह गुना ज्यादा होता है।

चंडिका स्थान का बदल गया स्वरूप, ड्रेस कोड में दिखेंगे पुजारी व सेवादार

देश के 52 शक्तिपीठों में से एक चंडिका स्थान का स्वरूप अब बदल गया है। रंग-रोगन के बाद मंदिर को खूबसूरत बनाया गया है। पुजारी से लेकर सेवादार ड्रेस कोड और परिचय पत्र के साथ दिखेंगे। मंदिर में दान के एवज में रसीद दिए जाएंगे। सबकुछ पूरी तरह से पारदर्शीता होगी। जिलाधिकारी सह मां चंडिका स्थान धार्मिक न्यास समिति के अध्यक्ष नवीन कुमार ने रविवार को मंदिर के पुजारी व सेवादारों के बीच ड्रेस का वितरण किया। जिलाधकारी ने कहा कि मंदिर की व्यवस्था बेहतर की की गई है। इससे श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं होगी। ड्रेस और परिचय पत्र के साथ पुजारी और सेवादार होंगे, इससे श्रद्धालुओं को ढूंढने में सहूलियत होगी। मदिरं परिसर में कंट्रोल रूम काम करेगा। सचिव सौरभ निधि ने बताया कि मां चंडिका स्थान को पूरी तरह विकसित किया जा रहा है। मंदिर आने वाली सड़कों को दुरुस्त किया जा रहा है। श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कतें नहीं हो, इस बात का ख्याल रखा गया है। मंदिर में पूजा से लेकर दान संबंधित दर निर्धारित है। दान करने वालों को रसीद दिए जाएंगे। मंदिर के 14 पुजारी और नौ सेवादारों को ड्रेस दिए गए। इस मौके पर डीडीसी संजय कुमार, एसडीओ यतेंद्र कुमार पाल, कोषाध्यक्ष कृष्णा अग्रवाल सहित मंदिर के पुजारी व सेवादार थे।


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