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    Bihar News: चांय हुआ चांद टोला; पाकिस्तान टोला का भी बदला नाम, बिहार में क्यों चल रहा ये नया ट्रेंड?

    Updated: Thu, 12 Jun 2025 03:43 PM (IST)

    बिहार के कई गांवों ने अपनी पहचान को नया रूप देने के लिए अपने नाम बदल लिए हैं। चांय टोला अब चांद टोला पाकिस्तान टोला बिरसा ग्राम और डकैती पूजा योगी टोला बन गया है। ग्रामीणों का उद्देश्य गांवों को गौरव का प्रतीक बनाना है। सरकारी दस्तावेजों में भी अब बदले हुए नाम दर्ज हो रहे हैं। सामूहिक प्रयासों से गांवों में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।

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    बिहार में नाम बदलने का चल रहा ट्रेंड। (जागरण)

    माधबेन्द्र, भागलपुर। साल दर साल पिछड़ेपन का दंश झेलने वाली आबादी जब विकास की रोशनी से नहाई तो वह अपने गौरव के प्रति सतर्क हो गई।

    कलंक का टीका मानिंद हर उस कुव्यवस्था से पीछा छुड़ाने की कवायद शुरू हो गई है, जिससे उनका नाम बदनाम होता है।

    इसी कड़ी में बिहार के कई गांवों के नाम बदले जा रहे हैं। चांय टोला चांद टोला, पाकिस्तान टोला बिरसा ग्राम और डकैती पूजा योगी टोला बन गया है। सबका मकसद एक, उनके गांव का नाम गौरव का पर्याय बने, न कि इससे उन्हें हीनता का बोध हो।

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    सामूहिक निर्णय से बदला गांव का नाम 

    मुंगेर जिले के धरहरा प्रखंड स्थित हेमजापुर पंचायत का चांद टोला करीब 40 वर्ष पहले चांय टोला के नाम से जाना जाता था। ग्रामीण रूदो महतो कहते हैं कि चांय जातिसूचक है। गांव में जब शिक्षा का प्रसार हुआ तो ग्रामीणों ने नाम चांद टोला कर लिया।

    मुंगेर के ही शिवकुंड में चांय समाज के लोगों ने अपने टोले का नाम निषाद टोला रख लिया। ग्रामीण हृदयनारायण सिंह का कहना है कि निषाद समाज की उपजातियों को एक ही जाति का नाम देकर गांव की पहचान बदलने से आत्मसंतुष्टि मिल रही है। इन गांवों के सरकारी दस्तावेज पर बदले हुए नाम ही आ रहे हैं।

    लखीसराय जिले के मेदनी चौकी थाना क्षेत्र में देवघरा चांय टोला, वंशीपुर चांय टोला, खावा चांय टोला भी अब चंद्र टोला नाम से जाना जाता है।

    गांव को नापाक लगा पाक का नाम, बन गया बिरसा ग्राम 

    पूर्णिया जिले के श्रीगनर प्रखंड की सिंघिया पंचायत में पाकिस्तान टोला गांव है। देश के बंटवारे के समय पाकिस्तान से आए कुछ हिंदू परिवारों का यह बसेरा बना था। इस कारण पाकिस्तान टोला नाम पड़ गया।

    कालांतर में वे लोग बंगाल चले गए। अब यहां आदिवासी समाज के लोग रहते हैं। 35 परिवार वाले इस गांव के लोगों को यहां मौजूद असुविधा से ज्यादा इसका नाम चुभता है।

    तीन साल पूर्व ग्रामीणों ने गांव में बिरसा ग्राम का बोर्ड लगा दिया, पर सरकारी दस्तावेज में नाम नहीं बदला। वार्ड सदस्य छोटेलाल सोरेन का कहना है कि ग्रामीण सरकारी दस्तावेज में भी गांव का नाम बदलने की मांग कर रहे हैं

    डकैती पूजा बना योगी टोला 

    कटिहार जिले के बारसोई में डकैत पूजा गांव है। बुजुर्ग बताते हैं कि पहले यहां जंगल था। विशाल बरगद के नीचे डाकू देवी माता की पूजा करते थे। इसी कारण गांव का नाम डकैत पूजा पड़ गया।

    कटिहार में बरगद का पेड़।

    इस गांव में अधिकांश लोग महादलित समाज के हैं। पूरा गांव भगवान श्रीकृष्ण का भक्त है। नाक से लेकर ललाट तक सफेद चंदन का टीका लगाते हैं। योगी कहलाना पसंद करते हैं। अब इस गांव को योगी टोला कहा जाने लगा है, लेकिन सरकारी दस्तावेज में डकैत पूजा ही है।

    अररिया जिले के रानीगंज रोड में बाजार का नाम गीधवास था। इसे बदलकर गीतवास रख लिया। किशनगंज में मस्तान चौक के समीप डाकू पारा गांव था, जो अब रहमत पारा नाम से जाना जाता है।