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    ये तो बंटी और बबली निकले! 'भागलपुर की मौसी' के बेटे अमित और बहू रजनी प्रिया को नहीं ढूंढ पा रही CBI

    By Shivam BajpaiEdited By:
    Updated: Fri, 27 May 2022 08:18 AM (IST)

    फिल्म बंटी-बबली की तरह ही अमित और रजनी प्रिया फरार हैं। पांच साल से सीबीआई को उनकी तलाश है। इश्तेहार और ढोल तक बजवाए जा चुके हैं लेकिन भागलपुर की मौसी ...और पढ़ें

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    कहां हैं भागलपुर की मौसी का अमित और रजनी प्रिया?

    जागरण संवाददाता, भागलपुर : सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव रजनी प्रिया और उसके पति अमित कुमार को सीबीआइ खोज नहीं पाई है। अमित और प्रिया घोटाला उजागर होने से ठीक पहले भागलपुर से फरार हो गया। छह साल बाद भी अमित-प्रिया का कोई पता नहीं चल पाया है। अमित सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव और भागलपुर की मौसी कही जाने वाली मनोरमा देवी का पुत्र है और रजनी प्रिया बहू। मनोरमा की मौत के बाद प्रिया को सचिव बनाया गया था। मनोरमा के कई सहयोगियों को सीबीआइ (CBI) गिरफ्तार कर चुकी है। कईयों की संपत्ति जब्त भी की गई है।

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    प्राणवती लेन में रहते थे अमित-प्रिया

    सृजन घोटाला की सूत्रधार मनोरमा देवी अपने पुत्र अमित कुमार और बहु रजनी प्रिया के साथ न्यू शिवपुरी कालोनी प्राणवती लेन में रहती थी। सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव मनोरमा देवी की मौत उसी मकान में हुई थी। मनोरमा की मौत के बाद रजनी प्रिया को सृजन संस्था का सचिव बनाया गया। रजनी के पिता रांची में कांग्रेस के बड़े नेता हैं। चाचा केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

    घोटाला उजागर होने की संभावना को देखते हुए अमित और प्रिया जुलाई 2017 में अपने इकलौते पुत्र के साथ रांची के लिए रवाना हुए थे। अमित-प्रिया का पुत्र माउंट असीसि स्कूल में पढ़ता था। घोटाला का पता अगस्त 2017 के पहले सप्ताह में चला था। इसके बाद से अमित-प्रिया और उसके पुत्र का पता नहीं चल पाया है। न तो घोटाले के बाद गठित एसआइटी अमित-प्रिया का पता लगा पाई और न ही सीबीआइ। आज भी सीबीआइ अमित-प्रिया को खोज रही है।

    आलीशान मकान में थी सारी सुख-सुविधाएं

    मनोरमा देवी की मौत के बाद अमित-प्रिया अपने आलीशान मकान में ही रह रहे थे। मकान में सारी सुख-सुविधाएं उपलब्ध थी। गाड़ी रखने के लिए अलग से गैराज बनाया गया था। एक लग्जरी गाड़ी उस मकान में अभी भी मौजूद है, जिस मकान में अमित-प्रिया रहते थे। जबकि तीन गाड़ी गैराज में है। गैराज में नौकर-चाकर के रहने की व्यवस्था थी। जिस मकान में अमित-प्रिया रहते थे, उसके हर कमरे में एसी लगा था। सुख-सुविधाओं की सारी व्यवस्था थी। इस मकान को सीबीआइ ने दस दिसंबर 20 को जब्त कर लिया था। सीबीआइ ने प्राणवती लेन स्थित आधा दर्जन मकान व जमीन को जब्त किया था।

    इतनी प्रापर्टी खरीद चुके थे दोनों

    • अमित कुमार ने 2009 में खलीफाबाग की सुशीला शर्मा से वार्ड नंबर 29 में तीन लाख 43 हजार रुपये में 155 स्वायर फीट दुकान की खरीद की थी।
    • बरेहपुरा निवासी मु. बाबर खान के पुत्र से वार्ड नंबर 33 में 3.908 डिसमल जमीन चार लाख 43 हजार रुपये में खरीद की।
    • अंगिका विहार निवासी प्रणव कुमार घोष से 2011 में 18 लाख 60 हजार रुपये से फ्लैट की खरीद की।
    • फतेहपुर के मु. जावेद से फतेहपुर में 4.5 डिसमल जमीन चार लाख 50 हजार रुपये जमीन खरीद की थी।
    • 2014 में रजनी प्रिया ने मु. जावेद से फतेहपुर में 2.852 डिसमल 16 लाख रुपये में खरीद की थी।
    • खलीफाबाग निवासी पुरुषोत्तम प्रसाद सिंह, रचेश प्रसाद सिंह, हेमनारायण सिंह से अमित कुमार और विपिन कुमार ने 22 लाख 54 हजार में 2.087 डिसमल जमीन की खरीद की।
    • खलीफाबाग निवासी सत्यदेव प्रसाद सिंह, रंजन कुमार सिंह, माला देवी, निर्मल कुमार सिंह, अवधेश कुमार सिंह से अमित और विपिन ने 2.466 डिसमल जमीन 30 लाख रुपये में खरीदी है।
    • अमित कुमार ने 2015 में दोगच्छी नाथनगर निवासी भुवनेश्वर यादव से अमित ने चार लाख 64 हजार रुपये में 11.75 डिसमल जमीन की खरीद की थी।
    • मनोरमा देवी ने 2015 में अमित और रजनी प्रिया को वार्ड नंबर 33 में 64 लाख रुपये की जमीन दान में दी।
    • रजनी प्रिया ने गायत्री होम्स से 34 लाख 76 हजार रुपये में वार्ड नंबर 31 में फ्लैट की खरीद की।
    • रजनी प्रिया ने 2016 में मु. शमीम से फतेहपुर में 3.8755 डिसमिल जमीन की खरीद सात लाख 76 हजार रुपये में की।
    • अभिषेक कुमार से रजनी प्रिया ने फतेहपुर में 18 लाख 82 हजार रुपये में 9.4093 डिसमल जमीन की खरीद की।
    • सहदेव यादव से रजनी प्रिया ने 2011 में न्यू विक्रमशिला कालोनी में एक लाख 45 हजार रुपये में मकान की खरीद की।
    • 2012 में रजनी प्रिया ने बनवारी साह से नौ लाख 60 हजार रुपये में वार्ड नंबर 33 में जमीन की खरीद की थी।
    • 2013 में नालंदा की पिंकी कुमारी से अमित कुमार ने सबौर में 10.90 डिसमल जमीन की खरीद 21 लाख 80 हजार रुपये में की थी।