सुपाड़ी खाने के शौकीन हैं तो... संभलिए, जानिए... क्या कह रहे हैं चिकित्सक
प्रतिवर्ष पांच फीसद लोग सुपारी खाने से कैंसर से पीडि़त हो रहे हैं जबकि तंबाकू गुटखा खाने और सिगरेट पीने की वजह से 20 से 30 वर्ष के युवक भी कैंसर से पीडि़त हो रहे हैं।
भागलपुर [जेएनएन]। कोलकाता से आए सर्जन डॉ. हर्षधर ने कहा कि तंबाकू और सिगरेट के अलावा सुपारी खाने से भी लोग कैंसर के मरीज हो रहे हैं। अगर कैंसर के प्रारंभिक चरण में इलाज करा लिया जाए तो 90 फीसद मरीज स्वास्थ्य हो सकते हैं। यह बातें अंग प्रदेश डेंटल एसोसिएशन की ओर से एक होटल में आयोजित कार्यशाला डॉ. हर्षधर ने कही।
उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष पांच फीसद लोग सुपारी खाने से कैंसर से पीडि़त हो रहे हैं जबकि तंबाकू, गुटखा खाने और सिगरेट पीने की वजह से 20 से 30 वर्ष के युवक भी कैंसर से पीडि़त हो रहे हैं। तंबाकू छोडऩे के बाद भी 10 या 15 वर्षों के बाद कैंसर होने की संभावना रहती है। प्री कैंसर होने के लक्षणों में मुंह के अंदर सफेद या हल्का लाल दाग होना, मुंह पूरा खोलने में परेशानी होना, मुंह एवं गले में सूजन होना, मुंह या मसूढ़े में सूजन होना आदि शामिल हैं।
अंग प्रदेश बिहार शाखा के सचिव डॉ. कुमार मानवेंद्र ने कहा कि कैंसर मुक्त बिहार बनाने के लिए इस तरह के के कार्यक्रम पूरे राज्य में चलाए जाएंगे। अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार और डॉ. संजय कुमार ने नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करने की सलाह दी।
इस अवसर पर डॉ. गीतांजलि, डॉ. अनिल साह, डॉ. कुंदन साह, डॉ. संजय सिंह, डॉ. अजय, डॉ. स्वप्निल, डॉ. अजय भारती, डॉ. सूरज खेतान, डॉ. रश्मि रथी, डॉ. सैन प्रभा, डॉ. रुबी रेडडी, डॉ. नवीन आदि चिकित्सक उपस्थित थे। इसके अलावा आइएमए के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार और डॉ. एसपी सिंह कार्यशाला में शामिल हुए। संघ द्वारा सदर अस्पताल में लगाए गए स्वास्थ्य शिविर में करीब दो सौ मरीजों के मुंह कैंसर की जांच की गई। इनमें 50 नए मरीज कैंसर से पीडि़त मिले।
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