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टूटे एक्सल बॉक्स के साथ 225 किमी तक 110 की रफ्तार में दौड़ती रही ब्रह्मपुत्र मेल स्पेशल

दिल्ली से डिब्रूगढ़ जा रही ब्रह्मपुत्र मेल स्पेशल ट्रेन दुर्घटना से बाल-बाल बची। इस ट्रेन का एक्सल बॉक्स टूट गया। टूटे एक्सल बॉक्स के सहारे ट्रेन काफी दूर तक चली।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 19 Aug 2020 11:19 PM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 11:19 PM (IST)
टूटे एक्सल बॉक्स के साथ 225 किमी तक 110 की रफ्तार में दौड़ती रही ब्रह्मपुत्र मेल स्पेशल

भागलपुर, जेएनएन। दिल्ली से डिब्रूगढ़ जा रही ब्रह्मपुत्र मेल टूटे एक्सल बॉक्स के साथ पटना से भागलपुर के बीच 225 किमी दौड़ती रही। इससे सफर कर रहे मुसाफिरों की जान पर बन आई। एक बड़ा रेल हादसा होते-होते बच गया। कोच में सवार पैसेंजरों में अफरातफरी मच गई। अगर ट्रेन भागलपुर से खुल जाती तो आगे चलकर दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना रहती। लेकिन, रेलवे ने पूरी सतर्कता बरती और भागलपुर जंक्शन पर ही रेल अफसरों ने कोच को बदल दिया। इसके चलते ट्रेन करीब दो घंटे देरी से रवाना हुई। दरअसल, ब्रह्मपुत्र मेल पटना जंक्शन पर 2.50 पर पहुंची और 2.59 बजे खुली। ट्रेन के खुलने के बाद गार्ड कोच से चार कोच पहले स्लीपर कोच एस-वन के कोच में आवाज सुनाई दी। ट्रेन अगले स्टेशन पर रुकी तो कोच की जांच की गई। किसी तरह बॉक्स के नट-बोल्ट ठीक करके रवाना कर दिया गया। लेकिन, रफ्तार तेज होने के कारण बॉक्स खुल कर गिर गया, फिर इसकी जानकारी भागलपुर कैरेज एंड वैगन को दी गई। जंक्शन पर ट्रेन रात 7.45 बजे पहुंची और दूसरी कोच लगाने के बाद रात 9.55 बजे डिब्रूगढ़ के लिए रवाना हुई। मुख्य यार्ड मास्टर प्रमोद कुमार, कैरेज एंड वैगन के सीनियर सेक्शन इंजीनियर अख्तर हुसैन, एसएम विक्रम सिंह, बीके महाराज सहित रेलवे की पूरी टीम लगी रही। 

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जमालपुर के बाद होने लगी आवाज

ब्रह्मपुत्र मेल शाम साढ़े छह बजे के करीब जमालपुर जंक्शन पहुंची। जमालपुर में ही गार्ड की ड्यूटी बदली होती है। जब जमालपुर से गाड़ी भागलपुर के लिए खुली तो कोच से तेज आवाज होने लगी। इस कारण गार्ड एके गुप्ता ने वॉकी-टॉकी लोको पायलट से संपर्क किया, फिर इसकी सूचना भागलपुर स्टेशन और कैरेज एंड वैगन को दी गई। ट्रेन के पहुंचते ही क्षतिग्रस्त कोच को काटा गया। इसके बाद स्लीपर की दूसरी कोच का संयोजन किया गया।

52 किमी तक यात्रियों की जांच सांसत में

जिस स्लीपर कोच के पहिए के एक्सल का नट-बोल्ट का बॉक्स टूटा था। उस कोच में करीब 75 यात्री सवार थे। जमालपुर के बाद आवाज ज्यादा होने के कारण इन यात्रियों की सांस सांसत में अटकी हुई थी। भगवान का शुक्र था कि किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। सूत्रों की मानें तो जमालपुर से भागलपुर के बीच ट्रेन की रफ्तार भी कम कर दी गई थी। स्लीपर बोगी संख्या एक का एक्सेल पर लगा नट बोल्ट टूट गया था। इस वजह से चिंगारी भी निकलती रही थी। कोच पीछे होने के कारण पायलट को इसकी जानकारी मिलना मुश्किल हो रहा था। गार्ड ने इसकी जानकारी सभी को दी। दो घंटे भागलपुर में ट्रेन रुकी रही।

दूसरी कोच लगने पर यात्रियों को राहत

स्लीपर की एस-वन कोच को बदलने के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली। जंक्शन पर फूड स्टॉल एक-दो खुलने के कारण यात्रियों को खानपान के लिए परेशान होना पड़ा। दो घंटे मशक्कत के बाद दूसरी कोच बदली गई तो यात्रियों ने राहत की सांस ली।

कोच संख्या एस-वन के एक्सल फेस बॉक्स खुल गया था। पटना से ट्रेन चलने के बाद सूचना मिली थी। फिर इसके बाद ट्रेन भागलपुर पहुंची तो कोच को बदल दिया गया। एक्सल फेस बॉक्स से दुर्घटना की संभावना नहीं रहती है। -अख्तर हुसैन, एसएसई, कैरेज एंड वैगन विभाग।

मुख्‍य बातें

-दिल्ली से डिब्रूगढ़ जा रही थी ट्रेन, पटना जंक्शन से पहले आई थी गड़बड़ी, कोच में सवार यात्रियों में अफरातफरी

-भागलपुर में बदली गई स्लीपर की कोच, दो घंटे बाद रवाना हुई ट्रेन, यात्रियों ने ली राहत की सांस  


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