BNHS की टीम पहुंची भागलपुर, जगतपुर, गंगा प्रसाद समेत अन्य झील और जलाशयों की ली जा रही जानकारी
बीएनएचएस की टीम भागलपुर पहुंची है। टीम के सदस्य नवगछिया इलाके के जगतपुर झील गंगा प्रसाद झील समेत अन्य झील और जलाशयों के बारे में जानकारी ले रहे हैं। बताया गया कि बिहार सरकार और बीएनएचएस के माध्यम से एक सर्वेक्षण कराकर...
संवाद सूत्र, नवगछिया। नवगछिया के विभिन्न जलाशयों को देखने एवं जानने के लिए एशियन वाटर बर्ड सेंसर के तहत तीन दिवसीय सर्वेक्षण हेतु मुंबई नेचरल हिस्ट्री सोसायटी के कोआर्डिनेटर जगतपुर एवं गंगा प्रसाद झील का निरीक्षण किया। इस मौके पर बीएनएचएस के कोऑर्डिनेटर बीएन चौधरी ने बताया कि बिहार सरकार एवं बीएनएच के माध्यम से एक सर्वेक्षण कराकर बर्ड के साथ-साथ जलाशय की भी सूची तैयार किया जा रहा है।
गंगा प्रसाद और जगतपुर झील के बारे में बीएनएचएस की टीम के सदस्यों ने ली जानकारी, टीम के साथ वन विभाग के अधिकारी भी थे मौके पर मौजूद
उन्होंने बताया कि नवगछिया में 16 फरवरी से लेकर 19 फरवरी तक तीन दिवसीय सर्वेक्षण कार्य चल रहा है। जबकि पूरे बिहार में 10 फरवरी से 20 फरवरी तक यह सर्वेक्षण कार्य होना है। एशियन वाटर बर्ड सेंसर के तहत टीम के द्वारा जलाशयों में रहने वाले प्रवासी एवं स्थानीय पक्षियों एवं अन्य जीव-जंतुओं की भी सर्वे कराई जा रही है। इस टीम में फोटोग्राफर के रूप में सुमित कुमार, राहुल रोहिताश, सदस्य पूनम कुमारी, राजीव रंजन एवं कुमार सोनू के द्वारा सेंसर बनाया जा रहा है। इस मौके पर नवगछिया के रेंज पदाधिकारी पीएन सिंह वह अन्य लोग मौजूद थे।
गरुड़ के संरक्षण को लेकर किया जा रहा जागरुक
नवगछिया का कदवा इलाका आज गरुड़ के लिए सबसे सुरक्षित आश्रय के रूप में जाना जा रहा है। यहां पर लोग भी गरुड़ के संरक्षण को लेकर जागरुक हैं। अगर कोई गरुड़ जख्मी हो जाए तो इसकी सूचना वे लोग तुरंत वन विभाग के अधिकारियों को देते हैं। मंदार नेचर क्लब के संस्थापक अरविंद मिश्रा ने लोगों को जागरूक करने के लिए गरुड़ सेवियर्स के रुप में स्थानीय लोगों को तैयार किया है। इसी का परिणाम है कि आज यहां पर सबसे अधिक गरुड़ पाए जाते हैं।