Updated: Sun, 13 Jul 2025 03:11 PM (IST)
भागलपुर नगर निगम में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना अब महंगा हो गया है। बिहार राज्य जन्म व मृत्यु पंजीकरण संशोधन नियमावली 2025 के अनुसार शुल्क में दस गुना तक की वृद्धि हुई है। विलंब होने पर जुर्माना भी लगेगा। नए नियमों के तहत अब आवेदकों को स्वघोषणा पत्र भरना होगा। कर्मचारियों की कमी के कारण लोगों को परेशानी हो रही है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। नगर निगम में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत कराने में जनता की जेब ढीली होगी। बिहार राज्य जन्म व मृत्यु पंजीकरण संशोधन नियमावली 2025 में बदलाव किया गया है। जिसके तहत 10 गुना वृद्धि की गई है।
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सभी तरह के शुल्क में वृद्धि हुई है। चार तरह का शुल्क लिया जाएगा। अब 21 दिन के बाद आवेदन करने पर जुर्माना लगेगा। 30 दिन के बाद 20 रुपये तो एक वर्ष तक 50 रुपये और उसके बाद एक वर्ष से अधिक विलंब करने पर 100 रुपये का जुर्माना नगर निगम ले रहा है।
जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 के तहत यह बदलाव किया गया है जो शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लागू है। प्रत्येक जन्म व मृत्यु से संबंधित प्रमाण पत्र के द्वितीय प्रति निकलने पर 50 रुपये शुल्क लगेगा।
30 दिनों से एक वर्ष तक जन्म एवं मृत्यु की घटना से संबंधित जिला सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा लिखित अनुज्ञा के उपरांत रजिस्टार द्वारा पंजीकृत किया जाएगा।
एक वर्ष से ऊपर वाले जन्म व मृत्यु की घटना के संबंध में एसडीओ अथवा डीएम द्वारा प्राधिकृत कार्यपालक दंडाधिकारी द्वारा आदेश करने के उपरांत रजिस्टार द्वारा रजिस्ट्रीकृत विलंब शुल्क के साथ करेंगे।
रजिस्टार अनुपम कुमार सिंह बताते हैं कि पहले 22 से 30 दिनों तक दो रुपये, 30 दिन से एक वर्ष तक के लिए पांच रुपये और एक वर्ष से ऊपर 10 रुपये शुल्क निर्धारित था। अगर आपको वर्ष 1980 से जन्म प्रमाण पत्र की खोज करवानी है तो 20 रुपये प्रति वर्ष की दर से शुल्क जमा करना होगा।
नई व्यवस्था में नगर निगम से अब प्रखंड कार्यालय से आदेश के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं भेजा जाएगा। नए नियम के तहत आवेदक को स्वघोषणा पत्र प्रारूप 14 में भर देना होगा। विभाग के पोर्टल से आवेदन प्राप्त कर सकेंगे।
शाखा में पसरा सन्नाटा, आवेदक काट रहे चक्कर
नगर निगम के जन्म व मृत्यु शाखा के कर्मचारियों को विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में प्रतिनियुक्त कर दिया गया है। इससे शाखा में कुर्सियां खाली है। लोगों को कक्ष में सन्नाटा पसरा देखकर निराश लौटना पड़ रहा है।
बीते चार दिनों से कोई नए आवेदन लेने वाली कोई नहीं हैं। जिससे जरूरतमंदों में परेशानी हो रही है। कहीं को मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता है तो किन्ही को जन्म प्रमाण पत्र की।
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