बिहार के स्कूलों में 10 हजार से अधिक साइंस लैब होंगी स्थापित, प्रक्रिया शुरू
बिहार के 10 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी की आधुनिक लैब स्थापित करने की योजना है। टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है, ...और पढ़ें

साइंस लैब होंगे स्थापित। (जागरण)
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिले के साथ-साथ राज्य के 10 हजार सरकारी सेकेंडरी एवं सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की तस्वीर अब बदलने वाली है। स्कूलों में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी की आधुनिक लैब स्थापित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
इस योजना के तहत दो अलग-अलग जोन में काम होगा। जिसमें बिहार के 38 जिलों को 19-19 जिलों में बांटकर जोन बनाया गया है। पूरे राज्य में 3478 फिजिक्स लैब, 3508 केमिस्ट्री लैब और 3545 बायोलॉजी लैब स्थापित की जाएंगी।
वहीं, जिले प्रधानाध्यापक द्वारा शिक्षाकोष पर भेजे गए डिमांड के मुताबिक 227 स्कूलों में फिजिक्स, 229 स्कूलों में केमिस्ट्री और 235 स्कूलों में बायोलॉजी लैब की जरूरत है।
शिक्षा विभाग ने यह पूरी व्यवस्था एजेंसी को टर्न-की-बेसिस पर दिया है। यानी एजेंसी को निर्माण से लेकर इंस्टालेशन तक की सारी जिम्मेदारी संभालनी होगी। लैब पूरी तरह तैयार होने के बाद उपकरणों की आपूर्ति, इंस्टालेशन और उपयोग योग्य स्थिति में उपलब्ध कराना भी एजेंसियों की ही जिम्मेदारी होगी।
साथ ही यदि किसी विद्यालय में तत्काल स्थायी लैब कक्ष उपलब्ध नहीं है, तो एजेंसी को अस्थायी सेटअप तैयार कर प्रयोगात्मक सत्र चलाने की व्यवस्था करनी होगी। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद से मिली जानकारी के मुताबिक इस साल के अंत तक एजेंसी फाइनल कर इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
कंपोजिट लैब में छह प्रकार के कार्यस्थल
प्रयोगशालाओं (साइंस लैब) की संरचना व जगह के मानक तय कर दिए गए हैं। नई लैब में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के लिए अलग सेक्शन बनाए जाएंगे, ताकि छात्र बेहतर तरीके से प्रयोग कर सकें।
शिक्षा विभाग के अनुसार, कंपोजिट लैब में कुल छह प्रकार के कार्यस्थल निर्धारित होंगे, जिनके लिए न्यूनतम स्पेस भी तय कर दिया गया है। फिजिक्स बेंच, केमिस्ट्री कार्नर और बायोलॉजी सेक्शन के लिए 160-160 वर्गफुट जगह निर्धारित की गई है, जहां क्रमशः सर्किट्स-मैकेनिक्स के प्रयोग, केमिकल रिएक्शन व माइक्रोस्कोप आधारित मॉडल/स्पेसिमेन पर कार्य होगा।
वहीं, टीचिंग जोन को 80 वर्गफुट क्षेत्र मिलेगा, जहां डिजिटल बोर्ड और पोडियम की व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा युटिलिटी एरिया को 30 वर्गफुट और विद्यार्थियों की बैठने और आवागमन के लिए 60 वर्गफुट स्थान तय किया गया है। लैब में सभी सेक्शनों के साथ स्टोरेज बॉक्स, अलमारी, फायर सेफ्टी उपकरण (सैंड बकेट, एक्सटिंग्विशर), बिजली व्यवस्था, अर्थिंग, वाटर आउटलेट-टैप-सिंक तथा दीवारों पर पोस्टर व पेंटिंग भी लगाई जाएंगी, ताकि लैब पूरी तरह कार्यात्मक और सुरक्षित माहौल में संचालित हो सके।
इस नई लैब व्यवस्था छात्रों को नियंत्रित वातावरण में प्रयोग करने का मौका देगी, जिससे थ्योरिटिकल नॉलेज प्रैक्टिकल अनुभव से जुड़ेगा।
मॉनिटरिंग के लिए एजेंसी बहाल करेगी कर्मी
राज्य भर में बनने वाले साइंस लैब के ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस को लेकर मॉनिटरिंग टीम भी मौजूद रहेगी। इसको लेकर एजेंसी के स्तर से प्रोजेक्ट मैनेजर, साइट इंजीनियर, प्लांट इंजीनियर, क्वांटिटी सर्वेयर, मटेरियल इंजीनियर, सर्व इंजीनियर और साइट सुपरवाइजर नियुक्त किए जाएंगे। जो किसी भी तरह की परेशानी होने पर स्कूल को सहायता पहुंचाएंगे।
ये होंगे दो जोन
जोन–1 में शामिल जिले
दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, अररिया, कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, गोपालगंज, सारण (सारण), सीवान, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, वैशाली।
जोन–2 में शामिल जिले
बेगूसराय, जमुई, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर, शेखपुरा, नालंदा, नवादा, बांका, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, कैमूर (भभुआ), पटना, रोहतास, अरवल, औरंगाबाद (बिहार), गया और जहानाबाद।
• फिजिक्स लैब में 113 प्रकार के आधुनिक प्रयोग सामान मौजूद रहेंगे
• केमिस्ट्री लैब में 124 तरह के केमिकल सहित अन्य सामान उपलब्ध होंगे
• बायोलॉजी लैब में 65 तरह के आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे

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